हिंदू धर्म के 8 दिव्य मंत्र
हिंदू धर्म के 8 दिव्य मंत्र
मंत्र ऊर्जा का स्रोत हैं उनके उच्चारण से न केवल मानसिक शांति होती है, बल्कि आध्यात्मिक विकास भी होता है।
मंत्र ऊर्जा का स्रोत हैं उनके उच्चारण से न केवल मानसिक शांति होती है, बल्कि आध्यात्मिक विकास भी होता है।
महामृत्युंजय मंत्र :
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।
महामृत्युंजय मंत्र :
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।
सूर्य मंत्र:
ॐ घृणि सूर्याय नम:
सूर्य मंत्र:
ॐ घृणि सूर्याय नम:
हनुमान चालीसा :
श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुर सुधारि।
बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायक फल चारि।।
हनुमान चालीसा :
श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुर सुधारि।
बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायक फल चारि।।
दुर्गा मंत्र:
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।।
दुर्गा मंत्र:
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।।
श्री राम मंत्र :
ॐ श्री रामाय नमः
श्री राम मंत्र :
ॐ श्री रामाय नमः
गायत्री मंत्र :
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं।
भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।।
गायत्री मंत्र :
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं।
भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।।
श्री कृष्ण मंत्र :
ऊं क्लीं कृष्णाय नमः
श्री कृष्ण मंत्र :
ऊं क्लीं कृष्णाय नमः
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श्री विष्णु मंत्र :
ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
श्री विष्णु मंत्र :
ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नमः