वैभव लक्ष्मी व्रत किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष से प्रारंभ कर सकते हैं। वैभव लक्ष्मी व्रत करने से हर प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं तथा व्यक्ति धन, संपत्ति तथा कर्ज से जुड़ी हुई समस्याओं से मुक्त हो जाता है।
वैभव लक्ष्मी व्रत के ज़रूरी नियम | Vaibhav Lakshmi Vrat Ke Zaroori Niyam
वैभव लक्ष्मी व्रत के कुछ ज़रूरी नियम है जिनके बिना यह व्रत पूर्ण नहीं हो सकता। सर्वप्रथम शुक्रवार का व्रत करने के लिए माता अष्ट लक्ष्मी की तस्वीर होनी चाहिए यदि यह अष्ट लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर आपको नहीं मिल पा रही है तो बैठी हुई मुद्रा में माता की तस्वीर अपने घर में ले आएं।
एक तांबे का लोटा होना अनिवार्य है क्योंकि पूजा करते समय तांबे की लोटे में ही कलश रखा जाता है।
माता लक्ष्मी की पूजा करते समय लाल रंग का विशेष प्रयोग करना शुभ माना जाता है अर्थात लाल रंग का वस्त्र पहनकर माता की पूजा करें तथा लाल रंग के आसन की व्यवस्था कर लें।
वैभव लक्ष्मी कितने व्रत करें | Vaibhav Laxmi Kitne Vrat Karen
वैभव लक्ष्मी व्रत जिस दिन प्रारंभ किया जाता है उसी दिन संकल्प किया जाता है। उस संकल्प में यह बोलना अनिवार्य होता है कि आप कितने शुक्रवार का व्रत करेंगे 11,21, 51 या 101, शुक्रवार करने का संकल्प आप अवश्य करें इसके बिना व्रत और संकल्प पूर्ण नहीं होता।
वैभव लक्ष्मी पूजा विधि | Vaibhav Laxmi Puja Vidhi
माता वैभव लक्ष्मी की पूजा शाम के समय सूर्यास्त से पूर्व की जाती है। पूजा से पहले आप अपने घर के उत्तर पूर्व के कोने को अच्छी तरह साफ कर लें, वहां पर एक छोटी चौकी का इंतज़ाम कर लें। उसके ऊपर लाल रंग का वस्त्र बिछा कर माता अष्ट लक्ष्मी की तस्वीर या बैठी हुई लक्ष्मी जी की तस्वीर को स्थापित करें।
तत्पश्चात एक तांबे के लोटे में थोड़ा सा अक्षत और फूल डालकर माता लक्ष्मी का ध्यान करते हुए एक कलश स्थापित करें। कलश के ऊपर एक कटोरी चावल रखें। चावल पर कोई सोने या चांदी का गहना साफ स्वच्छ गंगाजल से धोकर स्थापित कर दें।
इसके बाद एक घी का या तिल के तेल का दीपक जला लें, धूप बत्ती जला लें और माता लक्ष्मी को स्नान करा लें। उसके बाद तिलक लगाएं और अगर सुहागिन महिलाएं यह व्रत कर रही है तो माता लक्ष्मी को सिंदूर चढ़ाएं।
माता लक्ष्मी को सफेद चीज़ विशेष प्रिय होती है इसलिए आज के दिन सफेद चीजों का भोग माता लक्ष्मी को लगाना शुभ होता है। विशेष भोग खीर माना जाता है इसलिए संभव हो तो आज शुक्रवार के व्रत में माता लक्ष्मी के लिए गाय के दूध की खीर अवश्य बनाएं।
माता लक्ष्मी को भोग समर्पित करने के बाद वैभव लक्ष्मी व्रत कथा की किताब से देखकर माता लक्ष्मी का पूजन करें तथा कलश के ऊपर रखे हुए गहने का भी विधि विधान से पूजन कर लें। इसके बाद वैभव लक्ष्मी व्रत कथा अवश्य पढ़ाना चाहिए।
आप माता वैभव लक्ष्मी की मन-ही-मन जयकारा लगाएं तथा संभव हो तो 108 “ बार ओम महालक्ष्मी नमः ” मंत्र का जाप अवश्य करें। इसके बाद माता लक्ष्मी की आरती करें।
आरती के बाद माता लक्ष्मी को चढ़ाई गई भोग की खीर उठाकर परिवार वालों को प्रसाद दें तथा स्वयं भी प्रसाद ग्रहण करें।
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वैभव लक्ष्मी व्रत में क्या खाएं क्या नहीं | Vaibhav Laxmi Vrat Mein Kya Khaye Kya Nahi
वैभव लक्ष्मी व्रत में खान-पान की विशेष छूट है। इस व्रत को करने वाला यदि शारीरिक रूप से निर्बल है तो वह दोनों समय भोजन करके भी माता वैभव लक्ष्मी का व्रत कर सकता है परंतु अगर आप शारीरिक रूप से स्वस्थ हैं तो आप एक समय माता वैभव लक्ष्मी का प्रसाद ग्रहण करें और पूरे दिन चाय, फल, जूस इत्यादि ग्रहण करके माता वैभव लक्ष्मी का व्रत करें।
ध्यान रहे जितना अधिक श्रद्धा भाव से इस व्रत को करेंगे उतनी ही शीघ्र आपकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
वैभव लक्ष्मी उद्यापन विधि | Vaibhav Laxmi Udyapan Vidhi
वैभव लक्ष्मी व्रत में उद्यापन का विशेष महत्व होता है। वैभव लक्ष्मी का उद्यापन व्रत के आखिरी दिन होता है, जैसे आपने 11 शुक्रवार का संकल्प लिया है तो 11वें दिन ही माता वैभव लक्ष्मी के व्रत का उद्यापन करेंगे। उद्यापन के दिन शाम की पूजा के बाद 7 कुंवारी लड़कियों या सुहागन महिलाओं को अपने घर बुलाएं, उनके पैरों में महावर लगाएं, उन्हें सिंदूर लगाएं, उन्हें माता वैभव लक्ष्मी की एक-एक पुस्तक उपहार में दें, उन्हें खीर का प्रसाद दें और प्रसन्न कर उन्हें अपने घर से विदा करें।
इस प्रकार माता वैभव लक्ष्मी का यह व्रत पूर्ण होता है।
धन्यवाद
*Red Color In The Article Denotes Important Points.
Kya vsbhavlaxmi vrat ka udhyapan 24 may ko kr skte h q ki kisi ne kaha ki shukwa duba h to nhi kr skte kripya btaiye
Ji haan
Kya vsbhavlaxmi vrat ka udhyapan 27 Sep ko kr skte h ( 80 vrat complete ho jayenge kripya btaiye
Mera 11 shukravar ka mahalaxmi vrat is shukravar pura ho raha hai pr is shukrawar shradh ke din chalu hai toh phir me udyapan kar sakti hu kya pls bataye
Kya aaj 18/10/2024 ko wrat suru kar skte hai ar Puja suryast ke bad kar skte hai ya nahi