नौ ग्रहों में ग्रहों के राजा कहे जाने वाले सूर्य की आराधना पंच देवी-देवताओं में प्रमुख और श्रेष्ठ मानी गई है इसलिए जनसामान्य को सुबह सवेरे उठते हुए सूर्य को अवश्य देना चाहिए इससे तमाम तरह की बीमारियां दूर होती है तथा कुंडली के अशुभ प्रभाव देने वाले सूर्य भी मजबूत होकर शुभ प्रभाव देने लगते हैं सूर्य को जल देने का सही समय क्या है इसके बारे में बहुत सारी भ्रांतियां है ऋग्वेद के अनुसार बताया गया है कि सूर्य को जल देने का सही समय सूर्य उदय का है यानी आकाश में लालिमा युक्त सूर्य दिखाई दे उसी समय व्यक्ति को तांबे के पात्र में रक्त चंदन अक्षत लालपुर मिलाकर सूर्यदेव को अर्घ्य प्रदान करना चाहिए|
सूर्यदेव को अर्घ्य प्रदान करने में विशेष सावधानी रखनी चाहिए|
(i). लोटा पकड़ते समय या ध्यान रखें कि हाथों के दोनों अंगूठे का स्पर्श जल गिराते समय लोटे से रहो यानी अंगूठे से दूर रख कर चारों हाथों की उंगलियों की मदद से ही सूर्य को जल प्रदान किया जाए|
(ii). सूर्य को जल देते समय जल के छींटे पैरों में नहीं आने चाहिए इससे अशुभ परिणाम की प्राप्ति होती है इसलिए सूर्य को जल देते समय किसी कमलेश पौधे या जल जहां गिरे वहां किसी पात्र की व्यवस्था होनी चाहिए जिससे जल का छींटा आपके ऊपर आपके पैरों में ना आए इस बात का विशेष ध्यान रखें|
(iii). सूर्य को जल यदि महिला दे रही हैं तो गायत्री मंत्र का जप ना करें शास्त्र में महिलाओं को गायत्री मंत्र का जप करना निषेध बताया गया है पुरुष यदि गायत्री मंत्र का जप करके सूर्य को अर्घ देते हैं तो अति उत्तम माना जाता है|
(iv). कुंडली में सूर्य यदि अशुभ प्रभाव देते हैं तो व्यक्ति के सरकारी कामकाज लेट होने लगते हैं सरकारी नौकरी में बाधा उत्पन्न होने लगती है आंखों से जुड़ी हुई बीमारियां जीवन ने पीछा नहीं छोड़ती है इससे बचने के लिए उगते हुए सूर्य को जल दें और जल के बीचो-बीच से सूर्य को निहारे यानी कि जल के बीच से उगते हुए सूर्य को देखें इससे आपकी आंखों की बीमारियां दूर होती हैं और सूर्य मजबूत होकर कुंडली में शुभ प्रभाव देना शुरू कर देते हैं|
(v). सूर्य को जल देते समय कभी भी शमी वृक्ष के पौधे में सूर्य को जल ना दें इससे अशुभ और हानिकारक परिणामों की प्राप्ति होती है|
उपयुक्त सावधानियों को अपनाकर यदि सूर्य को प्रतिदिन रख दिया जाए तो कुंडली के अशुभ से अशुभ सूर्य भी धीरे-धीरे बलवान होने लगते हैं |सरकारी क्षेत्र में तथा आपको सरकारी नौकरी में विशेष लाभ की प्राप्ति होती है|
ज्योतिष शास्त्र की बात कही जाए तो ज्योतिष शास्त्र सूर्य को आत्मा ग्रह मानती है और कहा जाता है जैसे आत्मा के बिना शरीर निर्जीव होता है वैसे ही सूर्य पूजन के बिना व्यक्ति अधूरा माना जाता है पंच देवी देवताओं की पूजा में सर्वप्रथम सूर्य की पूजा आराधना करने का हमारे शास्त्रों में विशेषकर ऋग्वेद में सलाह दी गई है तो इसे अवश्य अपनाएं और सूर्य को अर्घ्य दें|
एक बार फिर बता दूं कि सूर्य को अर्घ्य देने का सही समय सूर्योदय का है उड़ते हुए जो लालिमा युक्त सूर्य होते हैं उन्हें को जल्दी आ जाना चाहिए इससे व्यक्ति के जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं|
धन्यवाद
Videos Regarding this Topic :-
———-Thanks For Visiting Us———-
Our YouTube Channel:-
~ Sadhana Pandey
Good evening ma,am.