शिव आरती शिव की प्रशंसा करती है और उनके भक्तों को शांति, ऊर्जा और समृद्धि की कृपा प्रदान करती है।
इससे मानसिक शांति, ध्यान और आध्यात्मिक प्रगति मिलती है।
महामृत्युंजय मंत्र द्वारा यह रोगों, नकारात्मकता और अवरोधों से सुरक्षा देती है।
शिव आरती का नियमित गायन भक्ति को बढ़ाता है, आत्मा को पवित्र करता है और भगवान शिव के साथ गहरे आध्यात्मिक सम्बन्ध स्थापित करता है।

शिव आरती
ओम जय शिव ओंकारा
ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥ ॐ जय शिव…
एकानन चतुरानन पंचानन राजे,
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे॥ ॐ जय शिव…
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज ते सोहे,
त्रिगुण रूप निरखते, त्रिभुवन जन मोहे॥ ॐ जय शिव…
अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी,
त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी॥ ॐ जय शिव…
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे॥ ॐ जय शिव…
कर के मध्य कमण्डलु चक्र त्रिशूल धर्ता,
जगकर्ता जगभर्ता जग संहारकर्ता॥ ॐ जय शिव…
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका,
प्रणवाक्षर के मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव…
ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्द्धांगी धारा॥ ॐ जय शिव…
कब और कैसे करें शिव आरती?
कब करें?
इस आरती का पाठ सोमवार को विशेष रूप से करना अत्यधिक शुभ माना जाता है, क्योंकि यह भगवान शिव का दिन होता है।
इसके अतिरिक्त, हर माह की शिवरात्रि, महाशिवरात्रि और अन्य धार्मिक अवसरों पर भी शिव आरती का पाठ करने से बड़ा लाभदायक होता है।
नियमित रूप से यह अभ्यास प्रतिदिन या हर सप्ताह किया जा सकता है, ताकि भगवान शिव के आशीर्वाद से जीवन में शांति और समृद्धि बनी रहे।
कैसे करें?
भगवान शिव की आरती करने के नियम निम्नलिखित है:-
स्थान और तैयारी:
पहले, एक शांत और साफ जगह का चयन करें।
वहाँ भगवान शिव की मूर्ति या शिवलिंग को स्थिरता से रखें और इसकी सफाई करें।
पवित्रता बनाए रखने के लिए शिवलिंग को जल से स्नान कराएं और फिर ताजे फूल, बेलपत्र, और चंदन से सजाएं।
दीप और धूप:
शिवलिंग या भगवान शिव की मूर्ति के सामने एक दिया जलाएं।
इसके साथ ही, धूप भी प्रज्ज्वलित करें। इससे वातावरण पवित्र होता है और पूजा की भावुकता बढ़ती है।
मंत्रोच्चार:
अब शुरू करे आरती का ध्यानपूर्वक पाठ। सबसे प्रसिद्ध आरती “ॐ जय शिव ओंकारा” है।
आप इसे पूरी श्रद्धा और ध्यान से गा सकते हैं या पढ़ सकते हैं।
आप इच्छुक हो तो महामृत्युंजय मंत्र का भी जाप कर सकते हैं।
दान और आशीर्वाद:
पूजा के बाद, भगवान शिव से अपने परिवार और जीवन के सुखद कल्याण की कामना करें।
उन्हें समर्पित रूप से धन्यवाद दें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
प्रसाद वितरण:
पूजा के बाद, भगवान शिव को बेलपत्र, पुष्प, और फल दें। अंत में, प्रसाद बाँटें और आशीर्वाद प्राप्त करके पूजा समाप्त करें।
इस पूजा को श्रद्धा और समर्पण से करें, ताकि भगवान शिव की कृपा हमेशा आपके जीवन में बनी रहे।

शिव आरती के लाभ
इस आरती का नियमित रूप से पाठ करने से व्यक्ति को अनेक प्रकार के लाभ प्राप्त हो सकते हैं।
यह एक शक्तिशाली भक्ति गान है जो भगवान शिव की असीम शक्ति और अनुग्रह को आकर्षित करता है।
मानसिक शांति:
इस आरती का जप करने से मन शांत हो सकता है। यह मानसिक दबाव को कम करने में मददगार होता है।
साथ ही व्यक्ति को मानसिक संतुलन बनाए रखने में सहायक साबित हो सकता है।
रोगों से मुक्ति:
महामृत्युंजय मंत्र, जो शिव आरती में शामिल है, नियमित रूप से उच्चारित करने से शारीरिक बीमारियों से छुटकारा मिलता है और उर्जा को बढ़ाता है।
यह मंत्र जीवन शक्ति को बढ़ाने के लिए भी प्रभावी है।
विघ्नों का नाश:
भगवान शिव को विघ्नहर्ता माना जाता है और शिव जी की आरती का जाप करने से जीवन के आने वाले अड़चनों और विघ्नों का नाश होता है। यह कार्यों में सफलता प्राप्त करने के लिए सहायक होता है।
आध्यात्मिक प्रगति:
शिव आरती का पाठ विश्वासी को मानसिक शांति और आत्मज्ञान प्रदान करता है।
यह आध्यात्मिक उन्नति में एक महत्वपूर्ण कदम है और भगवान शिव से सीधे जुड़ने का एक तरीका है।
संपत्ति और धन:
भगवान शिव की अनुग्रह से घर में सुख-शांति और समृद्धि प्राप्त होती है।
आरती का नियमित जप परिवारिक और आर्थिक संकटों का समाधान करने में सहायक होता है।
इस रूप में, यह आरती न केवल श्रद्धा का एक तरीका है, बल्कि यह शांति, सेहत, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग भी है।

निष्कर्ष
शिव आरती का नियमित गाना मानसिक शांति, शारीरिक स्वास्थ्य और मानवता की उन्नति के लिए सहायक होता है।
यह एक प्रभावशाली तरीका है जीवन में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने, विघ्नों का नाश करने और परमेश्वर शिव की अनुग्रह प्राप्त करने का।
इस आरती से धन, समृद्धि और सुख-शांति का आगमन होता है। यह केवल भक्ति का एक माध्यम नहीं है, बल्कि जीवन को सकारात्मक दिशा में परिवर्तित करने में भी सहायक है।
Frequently Asked Questions (FAQs)
शिव आरती किस समय की जाती है?
शिव आरती सुबह और शाम के समय की जाती है। खासकर सोमवार और महाशिवरात्रि जैसे त्योहारों पर उसका विशेष महत्व है।
क्या शिव आरती को घर पर पढ़ा जा सकता है?
हाँ, शिव आरती को घर पर आसानी से पढ़ा जा सकता है। इसे करने के लिए किसी विशेष नियम की आवश्यकता नहीं होती, बस श्रद्धा और भक्ति महत्वपूर्ण है।
क्या शिव आरती के दौरान कोई विशेष मंत्र उच्चारित किया जाना चाहिए?
आरती की पूजा से पहले और बाद में “ॐ नमः शिवाय” का मंत्र का जप करना शुभ माना जाता है।
शिव आरती कितने समय की होती है?
शिव आरती 5-10 मिनट में पूरी हो जाती है। यह उस भक्त की श्रद्धा पर निर्भर करती है कि वह कितनी देर तक भगवान की पूजा करता है।
|| हर हर महादेव ||
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