नियमित रूप से ऋणमोचन मंगल स्तोत्र का पाठ करने से अनेक लाभ प्राप्त होते हैं, क्योंकि यह विशेष रूप से ऋणमुक्ति के लिए प्रभावशाली माना जाता है।
यदि आपके ऊपर ऋण या कर्ज का बोझ अधिक बढ़ गया है और आप उसे चाहकर भी उतार नहीं पा रहे हैं, तब यदि आप ऋणमोचन मंगल स्तोत्र का नियमित पाठ करते हैं तो निश्चित ही धीरे-धीरे आपका ऋण उतर जाएगा। जैसा कि आप जानते हैं, मंगल का संबंध हनुमान जी से है और हनुमान जी सभी बाधाओं को दूर करने वाले हैं।
यदि आपके ऊपर बहुत अधिक ऋण है, आपका ऋण चुक नहीं रहा है और आप तनाव में हैं, तो 21 दिनों तक निरंतर ऋण मोचन मंगल स्त्रोत का पाठ या श्रवण करने से आपका ऋण धीरे-धीरे समाप्त होना शुरू हो जाएगा। लेकिन यह पाठ पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ करना चाहिए।
मंगल दोष के बारे में जानकारी प्राप्त करें: यदि आपकी कुंडली में मंगल आपका मित्र बना है, कुंडली में मंगलीक दोष है, विवाह में समस्याओं का सामना कर रहे हैं, या आप अपने लिए उपयुक्त घर या जमीन की तलाश में हैं लेकिन उचित मूल्य पर घर या जमीन नहीं मिल रही है, तो इसके लिए उपाय हैं।
यदि आपका कर्ज बढ़ गया है और जीवन में आर्थिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो यह उपाय आपके लिए समाधान हो सकता है। ऋण मोचन मंगल स्तोत्र के माध्यम से कई लोगों ने लाखों रुपये तक के ऋण चुका दिए हैं। आप इसे अपने अनुभव के आधार पर आज़मा सकते हैं।
यदि आप इस अनुष्ठान को करते हैं, तो किसी भी परिस्थिति में, यदि आप एक अचूक लक्ष्य देखना चाहते हैं, तो यह एक सिद्ध उपाय है। इसलिए इसे पूर्ण भक्ति और निष्ठा के साथ अवश्य करें, आपको निश्चित रूप से सफलता प्राप्त होगी। नियम आदि का पालन करना आवश्यक है।
ऋणमोचन मंगल स्तोत्र के क्या लाभ है ?
- मंगल दोष से मुक्ति।
- ऋण चुकाने में सहायता।
- भूमि, भवन, और वाहन प्राप्ति में सफलता।
- आर्थिक समस्याओं का समाधान।
- भगवान के आशीर्वाद की प्राप्ति।
इस स्तोत्र का पाठ एक सिद्ध उपाय है। इसे पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ करें। जब आप मन, वचन और कर्म से इसे पढ़ते हैं, तो आपको इसके सभी लाभ प्राप्त होंगे। यह लेख और जानकारी आपके जीवन को मंगलमय बनाने के उद्देश्य से प्रस्तुत की गई है। आप इसे अपनाएं और अपने अनुभव से दूसरों को भी लाभान्वित करें।
ऋण मोचन मंगल स्तोत्र किनके लिए लाभकारी ?
यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है:
- जो कर्ज से मुक्ति पाना चाहते हैं।
- जो घर खरीदने की इच्छा रखते हैं।
- जो युवाओं और अधिकारियों के लिए उच्च पद प्राप्त करने की आकांक्षा रखते हैं।
- आईएएस, पीसीएस, सेना में भर्ती, या सेना में किसी उच्च पद को पाने के इच्छुक युवाओं के लिए।
यह एक अत्यंत शक्तिशाली स्तोत्र है। इसे विधिपूर्वक और नियमों का पालन करते हुए करने से शीघ्र ही इसके प्रभाव दिखाई देने लगते हैं।
स्तोत्र का पाठ कैसे करें ?
यह स्तोत्र छोटा है और इसे पढ़ने में केवल 2-3 मिनट का समय लगता है। इसमें कुल 12 श्लोक हैं, जो मंगल दोष के अचूक उपायों में से एक है।
ऋण मोचन मंगल स्तोत्र के पाठ की विधि
- पाठ शुरू करने का समय:
 इस स्तोत्र का पाठ मंगलवार को संध्या के समय प्रारंभ करना चाहिए।
- तैयारी:- पाठ से पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- लाल वस्त्र बिछाकर उस पर महावीर हनुमान जी की तस्वीर स्थापित करें।
- चमेली के तेल का दीपक जलाएं।
- हनुमान जी को बेसन की बूंदी का भोग लगाएं।
 
- पाठ का नियम:- यह पाठ अपनी श्रद्धा अनुसार 1, 3, 5, 9 अथवा 11 बार प्रतिदिन करें।
- 43 दिनों तक लगातार यह पाठ करना चाहिए।
 
लाभ प्राप्ति के लिए ध्यान रखने योग्य बातें
- पाठ के दौरान हनुमान जी के प्रति पूर्ण भक्ति और ध्यान रखें।
- पाठ शांत और एकांत वातावरण में करें।
- नियमितता बनाए रखें, पाठ के किसी भी दिन में रुकावट नहीं होनी चाहिए।
नियमित रूप से इस स्तोत्र का पाठ करने से न केवल कर्ज से मुक्ति मिलती है, बल्कि आर्थिक बाधाएं दूर होती हैं और जीवन में समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होता है। यह हनुमान जी का सिद्ध मंत्र है, जो जीवन में आने वाली कठिनाइयों को समाप्त करने में सहायक है।
नियम
- पाठ के लिए प्रतिदिन एक निश्चित समय तय करें।
- पाठ शांत और एकांत वातावरण में करें।
- पाठ से पहले स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें।
- पाठ के समय ईश्वर के प्रति पूरी श्रद्धा और ध्यान लगाएं।
- यदि संभव हो तो पाठ के साथ हनुमान जी की पूजा करें।
इस उपाय को श्रद्धा और विश्वास के साथ करने से निश्चित रूप से आपको ऋण मुक्ति और अन्य समस्याओं का समाधान मिलेगा।
कब करना लाभकारी होगा ?
इस लेख में आप ऋणमोचन मंगल स्तोत्र की जानकारी, उसके पाठ और विधियों के बारे में जानेंगे । कुंडली में मंगल की स्थिति प्रतिकूल हो या मंगल की महादशा, अंतरदशा, या प्रत्यंतरदशा चल रही हो, तब हमें मंगल से जुड़े उपायों की आवश्यकता होती है।
कई लोग चाहते हैं कि वह कम खर्चे में या बिना किसी खर्च के उपाय कर सकें। अगर आप खर्च नहीं करना चाहते, तो थोड़ा प्रयास करके स्वयं इस उपाय को अपनाएं। यह स्तोत्र आपको नजदीकी पुस्तकालय या धार्मिक पुस्तक स्टोर से मिल सकता है। मैं कई लोगों को ऋण मोचन मंगल स्तोत्र का पाठ करने की सलाह देता हूं।
ऋणमोचन मंगल स्तोत्र
मङ्गलो भूमिपुत्रश्च ऋणहर्ता धनप्रदः।
स्थिरासनो महाकयः सर्वकर्मविरोधकः।।
लोहितो लोहिताक्षश्च सामगानां कृपाकरः।
धरात्मजः कुजो भौमो भूतिदो भूमिनन्दनः।।
अङ्गारको यमश्चैव सर्वरोगापहारकः।
व्रुष्टेः कर्ताऽपहर्ता च सर्वकामफलप्रदः।।
एतानि कुजनामनि नित्यं यः श्रद्धया पठेत्।
ऋणं न जायते तस्य धनं शीघ्रमवाप्नुयात्।।
धरणीगर्भसम्भूतं विद्युत्कान्तिसमप्रभम्।
कुमारं शक्तिहस्तं च मङ्गलं प्रणमाम्यहम्।।
स्तोत्रमङ्गारकस्यैतत्पठनीयं सदा नृभिः।
न तेषां भौमजा पीडा स्वल्पाऽपि भवति क्वचित्।।
अङ्गारक महाभाग भगवन्भक्तवत्सल।
त्वां नमामि ममाशेषमृणमाशु विनाशय।।
ऋणरोगादिदारिद्रयं ये चान्ये ह्यपमृत्यवः।
भयक्लेशमनस्तापा नश्यन्तु मम सर्वदा।।
अतिवक्त्र दुरारार्ध्य भोगमुक्त जितात्मनः।
तुष्टो ददासि साम्राज्यं रुश्टो हरसि तत्ख्शणात्।।
विरिंचिशक्रविष्णूनां मनुष्याणां तु का कथा।।
तेन त्वं सर्वसत्त्वेन ग्रहराजो महाबलः।।
पुत्रान्देहि धनं देहि त्वामस्मि शरणं गतः।
ऋणदारिद्रयदुःखेन शत्रूणां च भयात्ततः।।
एभिर्द्वादशभिः श्लोकैर्यः स्तौति च धरासुतम्।
महतिं श्रियमाप्नोति ह्यपरो धनदो युवा।।
।। इति श्री ऋणमोचक मङ्गलस्तोत्रम् सम्पूर्णम्।।

 
			
 
			


 
                                
                             



