पंचक का अर्थ है, वैदिक ज्योतिष के अनुसार एक समय जब चंद्रमा कुंभ और मीन राशियों में होता है। इस प्रकार से पंचक 2025 में भी पड़ रहे हैं।
यह अशुभ और प्राचीन समय माना जाता है, जिसका अवधि लगभग पांच दिन होता है।
इस समय कुछ कार्यों से बचने की सिफारिश की जाती है क्योंकि इसके प्रभाव उनके लिए अशुभ हो सकते हैं।पंचक 2025 और इस समय में कौन क्या करे, इसके बारे में जानने के लिए आइए जानें।
पंचक का महत्व
पंचक के संदर्भ में मान्यता है कि इसके दौरान किए गए कार्यों का प्रभाव लंबे समय तक रहता है। यदि कोई कार्य गलत समय पर किया जाए, तो इससे नकारात्मक प्रभाव व्यक्ति या परिवार पर पड़ सकता है।
विशेष रूप से, शुभ कार्यों और निर्माण कार्यों के लिए पंचक को अशुभ माना गया है।
पंचक 2025 में साल भर की तिथियां
- 3 जनवरी 12:4 दिन से 7 जनवरी 5:56 शाम तक।
- 30 जनवरी 08:08 रात्रि से 3 फरवरी 02:06 रात्रि तक।
- 27 फरवरी 04:01 प्रातः से 3 मार्च 10:18 दिन तक।
- 26 मार्च 11:47 दिन से 30 मार्च 06:18 शाम तक।
- 22 अप्रैल 07:36 रात से 26 अप्रैल 02:23 रात्रि तक।
- 19 मई 03:34 रात्रि से 24 मई 10:37 दिन तक।
- 16 जून 11:38 दिन से 20 जून 06:56 शाम तक।
- 13 जुलाई 07:36 रात्रि से 17 जुलाई 03:16 रात्रि तक।
- 9 अगस्त 03:34 रात्रि से 14 अगस्त 11:30 दिन तक।
- 6 सितम्बर 11:16 दिन से 10 सितम्बर 07:26 रात्रि तक।
- 30 अक्टूबर 02:25 रात्रि से 4 नवंबर 11:28 दिन तक।
- 27 नवंबर 10:05 दिन से 1 दिसंबर 07:31 रात्रि तक।
- 24 दिसंबर 05:46 शाम से 28 दिसंबर 03:44 रात्रि तक।

पंचक 2025 में क्या ना करें?
इस बार पंचक 2025 में निम्नलिखित कार्य न करें:-
- किसी प्रकार के नए भवन निर्माण, मरम्मत या नए घर में प्रवेश करने से दूर रहना चाहिए, पंचक के दौरान।
- इस समय में अग्नि से संबंधित कार्यों से बचना चाहिए, जैसे हवन, यज्ञ, या बड़े कामों को संपादित करना।
- लंबी समूह यात्राओं से बचें, परिवार या मित्रों के साथ, क्योंकि यह समय दुर्घटनाओं और कठिनाइयों का हो सकता है।
- पंचक में बिस्तर, लकड़ी का फर्नीचर या अन्य सामान न खरीदें, क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है।
- मृत व्यक्ति का अंतिम संस्कार विशेष विधि के बिना न करें, पंचक में। पहले विशेष पूजा और उपाय करने की आवश्यकता है। इसे “पंचक शांति पूजा” कहा जाता है।
पंचक 2025 में क्या-क्या करें?
पंचक 2025 में निम्नलिखित कार्यों को करने से आपके जीवन में सुधार अवश्य होंगे:-
भगवान शिव की पूजा करें:
पंचक के दौरान शिवजी का अराधना करना शुभ माना जाता है। विशेषकर महामृत्युंजय मंत्र के उच्चारण को लाभकारी साबित किया गया है।
दान और सेवा करें:
गरीबों और जरूरतमंदों की सहायता करना और धार्मिक कर्मों में भाग लेना पंचक के अशुभ प्रभाव को कम कर सकता है।
विशेष अनुष्ठान करें:
यदि पंचक में कोई जरूरी कार्य हो, तो पंचक शांति यज्ञ करवाने से कार्य शुरू किया जा सकता है।
गायत्री मंत्र और हनुमान चालीसा का पाठ करें:
इन मंत्रों के द्वारा सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और अनुकूल प्रभाव सामान्य होता है।
पंचक के प्रकार और उनका प्रभाव
पंचक का विभाजन पांच खंडों में किया गया है, और प्रत्येक प्रकार का अपना विशेष प्रभाव होता है:
राज पंचक:
इस समय सरकारी और प्रशासनिक कार्यों में अटक सकती है।
अग्नि पंचक:
आग और बिजली से जुड़ी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
चोर पंचक:
चोरी या नुकसान होने की संभावना बढ़ जाती है।
रोग पंचक:
बीमारियों और स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बना रहता है।
मृत्यु पंचक:
इस समय अंतिम संस्कार करते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
पंचक 2025 से बचने के उपाय
हम पंचक 2025 में निम्नलिखित उपायों को कर सकते हैं:-
पंचक शांति पूजा
पंचक दौरान यदि किसी काम को करना अवश्यक हो तो पंचक शान्ति पूजा करना चाहिए। इस पूजा को किसी योग्य ब्राह्मण के द्वारा कराना उत्तम होगा।
महामृत्युजय मंत्र जाप
महामृत्युंजय मंत्र का जप करना नकारात्मक ऊर्जा को हटाकर अनुकूल परिणाम प्रदान करता है।
हनुमान जी की आराधना
पंचक के समय हनुमानजी की उपासना करना उपयुक्त होगा। हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
पंचक 2025 सावधानी पूर्वक यात्रा करें
अगर यात्रा अत्यधिक आवश्यक हो तो ध्यानपूर्वक यात्रा करना उत्तम रहेगा। यात्रा को शुभ मुहूर्त में ही शुरू करना बेहतर होगा।
सारांश-पंचक 2025
पंचक के समय में सतर्कता और सावधानी से काम किया जाना चाहिए।
हालांकि इसे अशुभ माना जाता है, लेकिन यहाँ उचित पूजा-पाठ और उपायों से इसका नकारात्मक प्रभाव कम किया जा सकता है।
धार्मिक विश्वास और नियमों का पालन करते हुए पंचक के दौरान शिवजी और हनुमानजी की पूजा करने से परिवार को किसी भी प्रकार की विपत्ति से बचाया जा सकता है।
इसलिए, पंचक के समय में सही जानकारी और उपायों का इस्तेमाल करें और अनावश्यक कामों से बचें।
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