नवरात्रि एक पवित्र और आध्यात्मिक त्यौहार है, जिसमें नौ दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है।
इस दौरान हर दिन के लिए एक खास रंग तय किया जाता है, जिसका धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व होता है।
इन रंगों को पहनने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और मां दुर्गा की कृपा पाने में मदद मिलती है।
इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि नवरात्रि के नौ दिनों में कौन से रंग पहनने चाहिए, उनका महत्व, वैज्ञानिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से उनका प्रभाव और किस दिन किस देवी की पूजा की जाती है।

नवरात्रि के नौ रंग और उनका महत्व
पहला दिन
मां शैलपुत्री – रंग: पीला
महत्व:
नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री की पूजा का होता है।
इस दिन पीला रंग पहनना शुभ माना जाता है क्योंकि यह ज्ञान, समृद्धि और सकारात्मकता का प्रतीक है।
पीला रंग आत्मविश्वास बढ़ाता है और मानसिक शांति प्रदान करता है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से लाभ:
पीला रंग ऊर्जा बढ़ाने और मानसिक स्पष्टता लाने में मदद करता है।
यह मस्तिष्क की गतिविधियों को सक्रिय करता है और व्यक्ति को प्रसन्न रखता है।
ज्योतिषीय प्रभाव:
पीला रंग गुरु ग्रह से जुड़ा है, जो ज्ञान, बुद्धि और समृद्धि का कारक है। इस दिन पीला रंग पहनने से भाग्य मजबूत होता है।
दूसरा दिन
माँ ब्रह्मचारिणी – रंग: हरा
महत्व:
हरा रंग जीवन, विकास और प्रकृति से जुड़ा है।
यह दिन माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा के लिए समर्पित है, जो तपस्या और संयम की देवी हैं।
हरा रंग धैर्य, प्रेम और करुणा का प्रतीक है।
वैज्ञानिक लाभ:
हरा रंग आँखों को सुकून देता है और मन को शांति प्रदान करता है।
यह रक्तचाप को नियंत्रित करने और तनाव को कम करने में मदद करता है।
ज्योतिषीय प्रभाव:
हरा रंग बुध ग्रह से संबंधित है, जो बुद्धि, तर्क और संचार क्षमता को मजबूत करता है।
इस दिन हरा रंग पहनने से जीवन में स्थिरता आती है।
तीसरा दिन
माँ चंद्रघंटा – रंग: ग्रे
महत्व:
इस दिन ग्रे रंग पहनना शुभ होता है क्योंकि यह आध्यात्मिकता और आत्म-संयम का प्रतीक है।
मां चंद्रघंटा वीरता और शक्ति की देवी हैं और ग्रे रंग धैर्य और स्थिरता का प्रतीक है।
वैज्ञानिक लाभ:
ग्रे रंग संतुलन और स्थिरता का प्रतीक है। यह मन को शांत करता है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है।
ज्योतिषीय प्रभाव:
ग्रे रंग शनि ग्रह से संबंधित है, जो धैर्य, अनुशासन और कर्म का कारक है। इस रंग को पहनने से जीवन में स्थिरता बनी रहती है।
चौथा दिन
मां कुष्मांडा – रंग: नारंगी
महत्व:
नारंगी रंग शक्ति, साहस और ऊर्जा का प्रतीक है।
यह दिन मां कुष्मांडा की पूजा के लिए समर्पित है, जिन्हें ब्रह्मांड की उत्पत्ति की देवी माना जाता है।
वैज्ञानिक लाभ:
नारंगी रंग उत्साह और आत्मविश्वास बढ़ाता है। यह मस्तिष्क को ऊर्जावान बनाता है और सकारात्मकता को बढ़ाता है।
ज्योतिषीय दृष्टिकोण से प्रभाव:
यह रंग सूर्य ग्रह से संबंधित है, जो नेतृत्व, आत्मविश्वास और सफलता का कारक है।
इस दिन नारंगी रंग पहनने से आत्मविश्वास और ऊर्जा बढ़ती है।

पांचवा दिन
मां स्कंदमाता – रंग: सफेद
महत्व:
सफेद रंग पवित्रता, शांति और दिव्यता का प्रतीक है।
यह दिन मां स्कंदमाता की पूजा के लिए समर्पित है, जिन्हें ज्ञान और शांति की देवी माना जाता है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से लाभ:
सफेद रंग मानसिक शांति प्रदान करता है और आंतरिक संतुलन बनाए रखता है।
यह तनाव को कम करता है और मन को शुद्ध करता है।
ज्योतिषीय दृष्टिकोण से प्रभाव:
सफेद रंग चंद्रमा से जुड़ा है, जो मन, भावनाओं और शांति का कारक है।
इस दिन सफेद रंग पहनने से मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
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छठा दिन
माँ कात्यायनी – रंग: लाल
महत्व:
लाल रंग शक्ति, साहस और प्रेम का प्रतीक है।
माँ कात्यायनी को योद्धा देवी के रूप में जाना जाता है, और यह रंग उनकी ऊर्जा को दर्शाता है।
वैज्ञानिक लाभ:
लाल रंग आत्मविश्वास और ऊर्जा को बढ़ाता है। यह शरीर में रक्त संचार को बेहतर बनाता है और उत्साह बढ़ाता है।
ज्योतिषीय प्रभाव:
लाल रंग मंगल ग्रह से संबंधित है, जो वीरता, आत्मविश्वास और साहस का प्रतीक है।
इस दिन लाल रंग पहनने से व्यक्ति की इच्छाशक्ति मजबूत होती है।
सातवां दिन
माँ कालरात्रि – रंग: नीला
महत्व:
नीला रंग गहराई, शक्ति और स्थिरता का प्रतीक है।
यह दिन माँ कालरात्रि की पूजा के लिए समर्पित है, जो नकारात्मक ऊर्जाओं को नष्ट करने वाली देवी हैं।
वैज्ञानिक लाभ:
नीला रंग मानसिक शांति प्रदान करता है और तनाव को कम करता है।
यह आत्मनिरीक्षण और ध्यान को प्रोत्साहित करता है।
ज्योतिषीय प्रभाव:
यह रंग शनि ग्रह से संबंधित है, जो धैर्य, अनुशासन और कर्म का कारक है।
इस दिन नीला रंग पहनने से मन स्थिर और एकाग्र रहता है।
आठवां दिन
मां महागौरी – रंग: गुलाबी
महत्व:
गुलाबी रंग प्रेम, करुणा और स्त्रीत्व का प्रतीक है।
यह दिन मां महागौरी की पूजा के लिए समर्पित है, जिन्हें सुंदरता और शांति की देवी माना जाता है।
वैज्ञानिक लाभ:
गुलाबी रंग मन को हल्का और प्रफुल्लित रखता है। यह प्रेम और सहानुभूति बढ़ाता है।
ज्योतिषीय प्रभाव:
गुलाबी रंग शुक्र ग्रह से संबंधित है, जो सुंदरता, प्रेम और समृद्धि का कारक है।
इस दिन गुलाबी रंग पहनने से रिश्तों में मिठास आती है।
नौवां दिन
मां सिद्धिदात्री – रंग: बैंगनी
महत्व:
बैंगनी रंग आध्यात्मिकता, रहस्य और शक्ति का प्रतीक है।
यह दिन माँ सिद्धिदात्री की पूजा के लिए समर्पित है, जो सभी प्रकार की सिद्धियाँ प्रदान करने वाली देवी हैं।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से लाभ:
बैंगनी रंग मानसिक स्पष्टता और ध्यान में मदद करता है। यह आध्यात्मिक उन्नति के लिए अनुकूल है।
ज्योतिषीय दृष्टिकोण से प्रभाव:
बैंगनी रंग केतु ग्रह से जुड़ा है, जो आध्यात्मिकता और रहस्य का प्रतीक है।
इस दिन बैंगनी रंग पहनने से आध्यात्मिक ऊर्जा जागृत होती है।

निष्कर्ष
नवरात्रि में प्रत्येक दिन के लिए निर्धारित रंग न केवल धार्मिक बल्कि वैज्ञानिक और ज्योतिषीय दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं।
ये रंग ऊर्जा, सकारात्मकता और आध्यात्मिक शक्ति बढ़ाने में सहायक होते हैं।
पीला, हरा, ग्रे, नारंगी, सफेद, लाल, नीला, गुलाबी और बैंगनी – प्रत्येक रंग का अपना विशेष महत्व है, जो मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की शक्ति और गुणों का प्रतीक है।
इन रंगों को पहनने से मानसिक शांति, आत्मविश्वास, स्वास्थ्य और समृद्धि बढ़ती है।
नवरात्रि में इन रंगों को अपनाकर हम आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त कर सकते हैं और मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
सही रंगों का चयन न केवल शुभ फल प्रदान करता है बल्कि मन और आत्मा को ऊर्जा से भर देता है, जिससे जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं।
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