हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या का विशेष महत्व बताया जाता है। अमावस्या तिथि पितरों के निमित्त होती है। इस दिन दान तर्पण करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और उसके फल स्वरुप मनुष्य को इस योनि में सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है तथा मौनी अमावस्या पर स्नान का विशेष महत्व बताया जाता है। वैसे तो हर अमावस्या विशेष होती है परंतु मौनी अमावस्या सब में श्रेष्ठ होती है।
शास्त्रों की मान्यता के अनुसार इस दिन मौन रहकर किसी पवित्र नदी, तालाब या सरोवर में स्नान करने से मनुष्य के सभी कष्ट नष्ट हो जाते हैं और वह बैकुंठ धाम की प्राप्ति करता है। यदि किसी व्यक्ति को पितृ दोष से अत्यधिक पीड़ा है तो वह प्रत्येक महीने की अमावस्या को पितरों के लिए दान, तर्पण और पूजा-पाठ करता है, इससे पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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मौनी अमावस्या का महत्व | Mauni Amavasya Ka Mahatva | Importance of Mauni Amavasya
हमारे हिंदू धर्म में जितने भी व्रत रखे जाते हैं उन सब में श्रेष्ठ व्रत मौन व्रत को कहा जाता है इसीलिए मौनी अमावस्या के दिन मौन रखकर स्नान करना सर्वाधिक श्रेष्ठ माना जाता है। इस दिन माघ मेले में तीर्थ स्नान करने का बहुत बड़ा महत्व है। संभव हो तो आप जाकर पवित्र नदी विशेष कर संगम इत्यादि में स्थान अवश्य करें।
मौन होकर स्नान एवं दान करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं तथा पुण्य उदय होता है इसलिए यह आवश्यक है कि हर व्यक्ति मौनी अमावस्या पर स्नान एवं दान करें।
मौनी अमावस्या 2024 डेट और समय | Mauni Amavasya 2024 Date and Time
माघ मास, कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि की शुरुआत 09 फरवरी को सुबह 08:02 से होगी और अगले दिन 10 फरवरी को सुबह 04:28 पर यह समाप्त हो जाएगी। ऐसे में इस साल 09 फरवरी को मौनी अमावस्या मनाई जाएगी।
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मौनी अमावस्या स्नान-दान करने की विधि एवं लाभ | Mauni Amavasya Snan Daan Karne Ki Vidhi Aur Labh
मौनी अमावस्या के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में जग जाएं और संभव हो तो किसी पवित्र नदी तालाब या सरोवर में अवश्य जाएं। स्नान से पूर्व अपने साथ दान के लिए कुछ सामग्रियां अवश्य ले जाएं जिनमें प्रमुख है खाद्यान्न या कुछ गरम वस्त्रों का दान करना भी सर्वोत्तम माना जाता है। यदि नदी, तालाब या सरोवर के किनारे पहुंचना संभव न हो तो घर में ही सामान्य जल में गंगाजल मिलाकर, “हर-हर गंगे” बोलते हुए स्नान कर लें परंतु ध्यान रहे कि स्नान करते समय आपको कुछ भी और बोलना नहीं है। मन-ही-मन में भगवान का स्मरण करते रहें परंतु मुँह ना खोलें। यदि संभव हो तो पूरे दिन का मौन व्रत धारण करें लेकिन अगर ऐसा संभव न हो तो आप केवल सुबह जागने से लेकर स्नान और पूजा तक मौन व्रत धारण कर सकते हैं। इसके बाद “ राम ” नाम लेते हुए अपना मौन व्रत खोल सकते हैं। इसके पश्चात आप घर में है या नदी किनारे हैं, आप अपने साथ ले गई हुई सामग्रियों का दान करें या कुछ कपड़े, खाने वाले अनाज और कुछ पैसों का दान घर में भी निकाल कर रख सकते हैं और दोपहर को या संध्या होने से पूर्व इस अनाज और अन्य निकली गयी सामग्रियों को किसी मंदिर में या किसी ज़रूरतमंद को दे सकते हैं।
मौनी अमावस्या 2024 पूजा विधि | Mauni Amavasya 2024 Puja Vidhi
मौनी अमावस्या के दिन स्नान करने के पश्चात सूर्य देव को काला तिल और लाल चंदन मिलाकर जल अर्पित करें। इसके बाद संभव हो तो पीपल में जल अर्पित करें और भगवान शंकर का अभिषेक करें तथा आज के दिन पितरों के लिए नदी के किनारे या पीपल वृक्ष के नीचे तर्पण किया जाता है। इतना करने मात्र से व्यक्ति को अश्वमेध यज्ञ करने के बराबर लाभ की प्राप्ति मिलती है।
मौनी अमावस्या के उपाय | Mauni Amavasya Ke Upay
(i). मौनी अमावस्या के दिन सूर्य को जल में काले तिल मिलाकर जल अर्पित करने से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है तथा कुंडली में सूर्य यदि अशुभ फल दे रहे हैं तो शुभ फल देने लगते हैं क्योंकि माघ मास में तिल का जल अर्पित करने से भगवान सूर्य की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
(ii). आज पीपल वृक्ष में दूध, जल और मिश्री या शहद मिलाकर एक लोटा जल पीपल वृक्ष में अर्पित करने से लक्ष्मी माँ की कृपा बनी रहती है।
(iii). आज विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करने से और गजेंद्र मोक्ष का पाठ करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा बनी रहती है तथा संकटों से रक्षा होती है।
(iv). आज के दिन संध्या के समय में अपने घर में गाय के दूध की खीर बनाकर आम की लकड़ी पर या गाय के गोबर के उपले पर माता लक्ष्मी के मंत्रो से 108 बार आहुति देने से घर में अखंड लक्ष्मी का वास सदा सर्वदा के लिए बना रहता है।
(v). मौनी अमावस्या के दिन सवा किलो तिल किसी धार्मिक स्थान में दान करने से व्यक्ति की गौ हत्या जैसे पापों से भी मुक्त हो जाती है।
पितृ दोष से मुक्ति के उपाय | Pitri Dosh Se Mukti Ke Upay
(i). यदि भयंकर पितृ दोष है, कोई रास्ता समझ में नहीं आ रहा है तो आज निर्धन व्यक्तियों को कंबल, खीर और कुछ पैसों का दान अवश्य करें।
(ii). आज पीपल वृक्ष के नीचे पितरों के नाम से शाम को देसी घी का एक दीपक जलाने से भी पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
मौन व्रत रखने के लाभ | Maun Vrat Rakhne Ke Laabh
मौन व्रत रखने से व्यक्ति का पुरुषार्थ बढ़ता है तथा व्यक्ति के आभामंडल में भी वृद्धि होती है। “व्यक्ति का आभामंडल क्या है?” यह प्रश्न आपके मन में आ रहा होगा तो आपको यह जान लेना ज़रूरी है कि व्यक्ति का आभामंडल वह ऊर्जा है जो उसके व्यक्तित्व को बिना कुछ कहे या बोले दूसरे व्यक्ति तक पहुंचाने का काम करती है। इसलिए यह ज़रूरी है कि आप मौनी अमावस्या पर पूरे दिन का मौन व्रत धारण नहीं कर पा रहे हैं तो आपको कम-से-कम कुछ घंटे का मौन व्रत अवश्य रखना चाहिए। विद्यार्थियों, ज्योतिषी सिखाने वाले को या ज्योतिषी को आज अधिक-से-अधिक मौन व्रत धारण करना चाहिए।
धन्यवाद
*Red Color In The Article Denotes Important Points.