महाशिवरात्रि का त्योहार भगवान शिव के पूजन और उनकी दया प्राप्त करने के लिए सबसे पवित्र प्रस्तावित अवसर माना जाता है।
इस दिन ठीक तरीके से पूजा करने, उपवास करने और कुछ विशेष कार्रवाइयों करने से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और भक्तों को सौख्य-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।
अगर आप भी इस महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की दया प्राप्त करना चाहते हैं, तो यहाँ दिए गए 10 विशेष उपायों को अपनाकर जीवन में शुभता और सफलता हासिल कर सकते हैं।
जल, दूध और पंचामृत से अभिषेक
जब देवों का देव भगवान शिव का अभिषेक जल, दूध और पंचामृत से किया जाता है, तो उससे उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है और मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
अभिषेक करने की विधि:
सुबह स्नान करके शुद्ध वस्त्र पहनें।
पहले शिवलिंग को गंगा जल या साफ़ पानी से स्नान कराएं।
पाश्चात्य दूध, दही, मधु, घी और गंगाजल से पंचामृत अभिषेक करें।
फिर शुद्ध जल से बार-बार स्नान कराएं और बेलपत्र, धतूरा, भांग और सफेद फूल चढ़ाएं।
“ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से करें।
महत्व: यह उपाय करने से व्यक्ति की सभी कठिनाइयाँ दूर हो जाती हैं और भगवान शिव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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महाशिवरात्रि व्रत और रात्रि जागरण
महाशिवरात्रि के दिन उपवास रखने और पूरी रात जागरण करने से शिव कृपा प्राप्त करने के लिए एक बहुत प्रभावी तरीका है।
उपवास की विधि:
सवेरे सूर्योदय से पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
“ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करते हुए, उपवास का संकल्प लें।
फलाहार करें और अनाज, नमक, तामसिक आहार से बचें।
रात में शिव कथा, भजन और मंत्र जाप करें।
अगले दिन सुबह अन्न लेकर उपवास का व्रत खुश होकर तोड़ें।
महत्व: महाशिवरात्रि उपवास से व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है और वह मोक्ष की प्राप्ति करता है।
शिव मित्रों का उच्चारण
भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए उनके मंत्रों को जपना अत्यंत महत्वपूर्ण व लाभकारी होता है।
महत्वपूर्ण शिव मंत्र:
- महामृत्युंजय मंत्र –
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥ - शिव पंचाक्षर मंत्र –
ॐ नमः शिवाय॥ - रुद्र गायत्री मंत्र –
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि।
तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
महत्व: इन मंत्रों का जना करके मन को तनाव-मुक्त और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
बेलपत्र,धतूरा और भांग का अर्पण
प्रभु शिव को आनंदित करने के लिए उन्हें बेलपत्र, धतूरा और भांग देना उत्तम है।
अर्पण विधि:
शिवलिंग पर बेलपत्र रखें (लेकिन ध्यान रखें कि पत्ते पर सुन्दर से छिपकाव न हो)।
भगवान शिव को धतूरा और भांग देना विशेष रूप से प्रिय है।
सफेद फूल, चावल और सुगंधित चंदन भी समर्पित करें।
महत्व: शिव को बेलपत्र चढ़ाने से वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं और उनके भक्तों को धन, सुख और समृद्धि की अशीर्वाद मिलता है।
दीप जलाए और शिव चालीसा पढ़े
शिव मंदिर में घी से दीप जलाना और शिव चालीसा का पाठ करना बहुत शुभ माना जाता है।
दीप जलाने की विधि:
संध्या काल में किसी भी शिव मंदिर में जाकर घी या तिल के तेल से दीपक जलाएं।
शिव के समक्ष बैठकर शिव चालीसा और रुद्राष्टकम का पाठ करें।
महत्व: इस क्रिया के द्वारा जीवन में आ रही कठिनाइयां समाप्त हो जाती हैं और पॉजिटिविटी फैलती है।
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रुद्राक्ष धारण करें
भगवान शिव के लिए रुद्राक्ष बहुत अपने संदेश वाचक होते हैं। महाशिवरात्रि की रात को रुद्राक्ष पहनना काफी शुभ माना जाता है।
महत्व: रुद्राक्ष पहनने से नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव समाप्त हो जाते हैं और मानसिक शांति का अनुभव होता है।
शिव पुराण का पाठ करें
महाशिवरात्रि के दिन शिव पुराण का पाठ करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
पाठ का विधान:
सुबह स्नान करके शिव पुराण का पाठ करें।
पाठ के बाद शिव मंत्रों का जप करें।
महत्व: इस प्रक्रिया को अनुसरण करने से घर में सुख-समृद्धि बरकरार रहती है और सभी प्रकार के संकट समाप्त हो जाते हैं।
गरीबो व ब्राह्मणों में दान
भगवान शिव दयालु होते हैं, इसलिए गरीबों तथा ब्राह्मणों का आहार वितरित करना शुभ समझा जाता है।
दान के लिए उपयुक्त वस्तुएं:
- अनाज और वस्त्र
- तांबे के बर्तन
- धार्मिक ग्रंथ (शिव पुराण, भगवद गीता)
महत्व: इस प्रक्रिया से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और पितृ दोष का समाप्त होता है।
कालसर्प दोष और पितृ दोष निवारण की पूजा
अगर आपकी जन्मकुंडली में कालसर्प दोष, पितृ दोष या किसी अन्य ग्रहिक दोष हैं, तो महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की विशेष पूजा करना बहुत ही उपयुक्त माना जाता है।
विशेष उपाय:
१. महामृत्युंजय मंत्र को १०८ बार जपें।
२. शिवलिंग पर काले सेसम सीड़े और दूध चढ़ाएं।
३. रुद्राभिषेक कराकर शिव पुराण का पाठ करें।
महत्व: इन उपायों का पालन करने से सभी प्रकार के ग्रहदोष ठीक हो जाते हैं और जीवन में शांति और सुख बरकरार रहता है।
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मानसिक और आत्मिक शुद्धि करें
भगवान शिव आंतरिक भक्ति को अधिक महत्व देते हैं, इसलिए इस दिन मन को पवित्र और स्नेही रखना चाहिए, और क्रोध, लोभ, ईर्ष्या और अहंकार से दूर रहना चाहिए।
शुद्धि के लिए उपाय:
१. ध्यान और आध्यात्मिक साधना करें।
२. सभी के प्रति प्रेम और दया भाव बनाए रखें।
३. क्षमा का भाव रखें और नकारात्मकता से बचें।
महत्व: भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उनकी भक्ति को ध्यानपूर्वक करना ज़रूरी होता है।
निष्कर्ष
इन 10 उपायों को महाशिवरात्रि के दिन करने से भगवान शिव आप पर प्रसन्न होते हैं और आपको बनाए रखते हैं।
अगर आप भगवान शिव की कृपा पाना चाहते हैं तो इन उपायों को अपनाकर अपने जीवन में खुशियों और समृद्धि का आगमन कर सकते हैं।
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