माँ दुर्गा के 108 नाम उनकी महिमा, शक्तियों और विविध रूपों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
प्रत्येक नाम में एक विशेष ऊर्जा निहित है, जो भक्तों को आध्यात्मिक शक्ति, सुरक्षा और सिद्धि प्रदान करती है।
देवी की कृपा पाने और जीवन के कष्टों से मुक्ति पाने के लिए संस्कृत ग्रंथों में इन नामों का वर्णन किया गया है।
दुर्गा माँ के इन नामों का जाप करने से मन, शरीर और आत्मा शुद्ध होती है और भक्त को अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और दिव्य आशीर्वाद का अनुभव होता है।
माँ दुर्गा के 108 नाम का महत्त्व
माँ दुर्गा के 108 नाम उनके विभिन्न रूपों, शक्तियों और दिव्यता के प्रतीक हैं।
हिंदू धर्म में 108 को एक पवित्र संख्या माना जाता है, जो ब्रह्मांड की रहस्यमयी शक्तियों और ऊर्जा केंद्रों से जुड़ी है।
प्रत्येक नाम मां दुर्गा के एक विशेष रूप, गुण या शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है, जो भक्तों को उनकी कृपा, शांति, समृद्धि और सुरक्षा प्रदान करता है।
इन नामों के जाप से मन को पवित्रता, साहस और आत्मविश्वास मिलता है। भक्तों को अपने जीवन में नकारात्मकता, भय और कष्टों से मुक्ति मिलती है।
ये नाम साधना और आराधना का एक सशक्त माध्यम हैं, जो भौतिक और आध्यात्मिक उन्नति में सहायक हैं।
इन नामों का जाप विशेष रूप से नवरात्रि, अष्टमी, नवमी और अन्य शुभ अवसरों पर करने से देवी की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है और साधक के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।

पढ़े माँ दुर्गा के 108 नाम
| संख्या | माँ दुर्गा के 108 नाम | अर्थ |
| 1 | सती | अग्नि में जल कर भी जीवित होने वाली |
| 2 | साध्वी | आशावादी |
| 3 | भवप्रीता | भगवान् शिव पर प्रीति रखने वाली |
| 4 | भवानी | ब्रह्मांड की निवास |
| 5 | भवमोचनी | संसार बंधनों से मुक्त करने वाली |
| 6 | आर्या | देवी |
| 7 | दुर्गा | अपराजेय |
| 8 | जया | विजयी |
| 9 | आद्य | शुरूआत की वास्तविकता |
| 10 | त्रिनेत्र | तीन आँखों वाली |
| 11 | शूलधारिणी | शूल धारण करने वाली |
| 12 | पिनाकधारिणी | शिव का त्रिशूल धारण करने वाली |
| 13 | चित्रा | सुरम्य, सुंदर |
| 14 | चण्डघण्टा | प्रचण्ड स्वर से घण्टा नाद करने वाली, घंटे की आवाज निकालने वाली |
| 15 | महातपा | भारी तपस्या करने वाली |
| 16 | मन – मनन | शक्ति |
| 17 | बुद्धि | सर्वज्ञाता |
| 18 | अहंकारा | अभिमान करने वाली |
| 19 | चित्तरूपा | वह जो सोच की अवस्था में है |
| 20 | चिता | मृत्युशय्या |
| 21 | चिति | चेतना |
| 22 | सर्वमन्त्रमयी | सभी मंत्रों का ज्ञान रखने वाली |
| 23 | सत्ता | सत्-स्वरूपा, जो सब से ऊपर है |
| 24 | सत्यानन्दस्वरूपिणी | अनन्त आनंद का रूप |
| 25 | अनन्ता | जिनके स्वरूप का कहीं अन्त नहीं |
| 26 | भाविनी | सबको उत्पन्न करने वाली, खूबसूरत औरत |
| 27 | भाव्या | भावना एवं ध्यान करने योग्य |
| 28 | भव्या | कल्याणरूपा, भव्यता के साथ |
| 29 | अभव्या | जिससे बढ़कर भव्य कुछ नहीं |
| 30 | सदागति | हमेशा गति में, मोक्ष दान |
| 31 | देवमाता | देवगण की माता |
| 32 | शाम्भवी | शिवप्रिया, शंभू की पत्नी |
| 33 | चिन्ता | चिन्ता |
| 34 | रत्नप्रिया | गहने से प्यार |
| 35 | सर्वविद्या | ज्ञान का निवास |
| 36 | दक्षकन्या | दक्ष की बेटी |
| 37 | दक्षयज्ञविनाशिनी | दक्ष के यज्ञ को रोकने वाली |
| 38 | अपर्णा | तपस्या के समय पत्ते को भी न खाने वाली |
| 39 | पाटला | लाल रंग वाली |
| 40 | अनेकवर्णा | अनेक रंगों वाली |
| 41 | पाटलावती | गुलाब के फूल या लाल परिधान या फूल धारण करने वाली |
| 42 | पट्टाम्बरपरीधाना | रेशमी वस्त्र पहनने वाली |
| 43 | कलामंजीरारंजिनी | पायल को धारण करके प्रसन्न रहने वाली |
| 44 | अमेय | जिसकी कोई सीमा नहीं |
| 45 | विक्रमा | असीम पराक्रमी |
| 46 | क्रूरा | दैत्यों के प्रति कठोर |
| 47 | सुन्दरी | सुंदर रूप वाली |
| 48 | सुरसुन्दरी | अत्यंत सुंदर |
| 49 | वनदुर्गा | जंगलों की देवी |
| 50 | मातंगी | मतंगा की देवी |
| 51 | मातंगमुनिपूजिता | बाबा मतंगा द्वारा पूजनीय |
| 52 | ब्राह्मी | भगवान ब्रह्मा की शक्ति |
| 53 | माहेश्वरी | प्रभु शिव की शक्ति |
| 54 | इंद्री | इन्द्र की शक्ति |
| 55 | कौमारी | किशोरी |
| 56 | वैष्णवी | अजेय |
| 57 | चामुण्डा | चंड और मुंड का नाश करने वाली |
| 58 | वाराही | वराह पर सवार होने वाली |
| 59 | लक्ष्मी | |
| 60 | पुरुषाकृति | वह जो पुरुष धारण कर ले |
| 61 | विमिलौत्त्कार्शिनी | आनन्द प्रदान करने वाली |
| 62 | ज्ञाना | ज्ञान से भरी हुई |
| 63 | क्रिया | हर कार्य में होने वाली |
| 64 | नित्या | अनन्त |
| 65 | बुद्धिदा | ज्ञान देने वाली |
| 66 | बहुला | विभिन्न रूपों वाली |
| 67 | बहुलप्रेमा | सर्व प्रिय |
| 68 | सर्ववाहनवाहना | सभी वाहन पर विराजमान होने वाली |
| 69 | निशुम्भशुम्भहननी | शुम्भ, निशुम्भ का वध करने वाली |
| 70 | महिषासुरमर्दिनि | महिषासुर का वध करने वाली |
| 71 | मधुकैटभहंत्री | मधु व कैटभ का नाश करने वाली |
| 72 | चण्डमुण्ड विनाशिनि | चंड और मुंड का नाश करने वाली |
| 73 | सर्वासुरविनाशा | सभी राक्षसों का नाश करने वाली |
| 74 | सर्वदानवघातिनी | संहार के लिए शक्ति रखने वाली |
| 75 | सर्वशास्त्रमयी | सभी सिद्धांतों में निपुण |
| 76 | सत्या | सच्चाई |
| 77 | सर्वास्त्रधारिणी | सभी हथियारों धारण करने वाली |
| 78 | अनेकास्त्रधारिणी | अनेक हथियारों को धारण करने वाली |
| 79 | अनेकशस्त्रहस्ता | हाथों में कई हथियार धारण करने वाली |
| 80 | कुमारी | सुंदर किशोरी |
| 81 | एककन्या | कन्या |
| 82 | कैशोरी | जवान लड़की |
| 83 | युवती | नारी |
| 84 | यति | तपस्वी |
| 85 | अप्रौढा | जो कभी पुराना ना हो |
| 86 | प्रौढा | जो पुराना है |
| 87 | वृद्धमाता | शिथिल |
| 88 | बलप्रदा | शक्ति देने वाली |
| 89 | महोदरी | ब्रह्मांड को संभालने वाली |
| 90 | मुक्तकेशी | खुले बाल वाली |
| 91 | घोररूपा | एक भयंकर दृष्टिकोण वाली |
| 92 | महाबला | अपार शक्ति वाली |
| 93 | अग्निज्वाला | मार्मिक आग की तरह |
| 94 | रौद्रमुखी | विध्वंसक रुद्र की तरह भयंकर चेहरा |
| 95 | कालरात्रि | काले रंग वाली |
| 96 | तपस्विनी | तपस्या में लगे हुए |
| 97 | नारायणी | भगवान नारायण की विनाशकारी रूप |
| 98 | भद्रकाली | काली का भयंकर रूप |
| 99 | विष्णुमाया | भगवान विष्णु का जादू |
| 100 | जलोदरी | ब्रह्मांड में निवास करने वाली |
| 101 | शिवदूती | भगवान शिव की राजदूत |
| 102 | करली | हिंसक |
| 103 | अनन्ता | विनाश रहित |
| 104 | परमेश्वरी | प्रथम देवी |
| 105 | कात्यायनी | ऋषि कात्यायन द्वारा पूजनीय |
| 106 | सावित्री | सूर्य की बेटी |
| 107 | प्रत्यक्षा | वास्तविक |
| 108 | ब्रह्मवादिनी | वर्तमान में हर जगह वास करने वाली |
माँ दुर्गा के 108 नाम के जाप की विधि
माँ दुर्गा के 108 नाम का जाप करने से देवी की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है।
सही विधि से जाप करने से भक्त को आध्यात्मिक शांति और शक्ति मिलती है।
जाप की तैयारी:
- सुबह स्नान करके साफ कपड़े पहनें।
- पूजा स्थल को शुद्ध करें और माँ दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर के सामने बैठें।
- घी या तिल के तेल का दीपक जलाएं और चंदन, फूल और धूप चढ़ाएं।
- मानसिक शुद्धि के लिए माँ दुर्गा का ध्यान और स्मरण करें।
जाप की विधि:
- रुद्राक्ष या चंदन की माला से 108 नामों का जाप करें।
- प्रत्येक नाम का उच्चारण “ॐ” जोड़कर करें, जैसे “ॐ दुर्गायै नमः”।
- जाप के दौरान मन को एकाग्र रखें और भक्ति भाव से नामों का स्मरण करें।
- जाप समाप्त होने के बाद देवी से प्रार्थना करें और प्रसाद चढ़ाएं।
इस विधि से जाप करने से मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है, नकारात्मकता दूर होती है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।

माँ दुर्गा के 108 नामों के जाप के लाभ
माँ दुर्गा के 108 नामों का जाप आध्यात्मिक, मानसिक और शारीरिक रूप से अत्यंत लाभकारी माना जाता है।
इन नामों का नियमित जाप करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
- नकारात्मकता से मुक्ति: माँ दुर्गा के नामों का जाप करने से नकारात्मक ऊर्जा, भय और बुरी शक्तियों से रक्षा होती है।
- आत्मबल और आत्मविश्वास: इस जाप से व्यक्ति का मनोबल बढ़ता है, जिससे जीवन की कठिनाइयों का सामना करने की शक्ति मिलती है।
- मानसिक शांति: जाप से मन एकाग्र होता है, चिंता, तनाव और अवसाद दूर होता है।
- सुख-समृद्धि: माँ की कृपा से परिवार में सुख, शांति और आर्थिक उन्नति होती है।
- कर्मों की शुद्धि: यह जाप पापों का नाश करता है और शुभ कर्मों की ओर प्रेरित करता है।
नवरात्रि, अष्टमी, नवमी या किसी भी शुभ दिन इस जाप को करने से भक्त को विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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