चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है।
यह दिन शक्ति और साहस का प्रतीक है, जब भक्त मां चंद्रघंटा की कृपा पाने के लिए विशेष साधना और व्रत रखते हैं।
मां चंद्रघंटा का स्वरूप अत्यंत दिव्य और रहस्यमय है, जो भक्तों को निर्भयता, आध्यात्मिक चेतना और विजय का आशीर्वाद देता है।
इस लेख में हम मां चंद्रघंटा की पूजा विधि, उनके स्वरूप का रहस्य, उनकी पूजा का महत्व और 2025 की चैत्र नवरात्रि के विशेष योग और उपायों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

मां चंद्रघंटा का स्वरूप और रहस्य
मां चंद्रघंटा देवी दुर्गा का तीसरा स्वरूप हैं, जिन्हें शांति और वीरता दोनों का प्रतीक माना जाता है।
उनके माथे पर अर्धचंद्र सुशोभित है, जिससे उन्हें ‘चंद्रघंटा’ नाम मिला है।
मां का यह स्वरूप भक्तों को सिखाता है कि जीवन में शांति और साहस दोनों का संतुलन बनाए रखना जरूरी है।
मां चंद्रघंटा का स्वरूप
चंद्रघंटा माता का स्वरूप अत्यंत तेजस्वी और दिव्य है। इनका रंग सोने के समान चमकता है।
मां चंद्रघंटा की दस भुजाएं हैं, जिनमें वे शंख, चक्र, गदा, तलवार, त्रिशूल, धनुष-बाण, कमल, जपमाला और अभय मुद्रा धारण करती हैं।
वे सिंह पर सवार हैं, जो शक्ति और निर्भयता का प्रतीक है।
रहस्यमयी रहस्य
मां चंद्रघंटा का यह स्वरूप हमें सिखाता है कि जीवन में हर परिस्थिति में संतुलन बनाए रखना चाहिए।
वे हमें संदेश देती हैं कि जीवन में शांति तो जरूरी है, लेकिन अन्याय और अधर्म के खिलाफ संघर्ष भी उतना ही जरूरी है।
मां के माथे पर सुशोभित चंद्रमा मन की पवित्रता और आत्म-साक्षात्कार का प्रतीक है, जबकि उनका सिंह पर सवार होना यह दर्शाता है कि व्यक्ति को निडर और साहसी होना चाहिए।
उनकी दस भुजाओं में धारण किए गए शस्त्र हमें बताते हैं कि भक्त को अपने जीवन में साधना के साथ-साथ बुराई से लड़ने की शक्ति भी होनी चाहिए।
मां चंद्रघंटा पूजा विधि
पूजा की तैयारी
- सुबह स्नान करके साफ कपड़े पहनें।
- पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें।
- मां चंद्रघंटा की मूर्ति या तस्वीर को फूलों से सजाएं।
- आसन पर लाल या पीला कपड़ा बिछाएं और मां की मूर्ति स्थापित करें।
- मां के सामने दीपक जलाएं और धूप-दीप से पूजा शुरू करें।
पूजा सामग्री
मां चंद्रघंटा की मूर्ति या तस्वीर
गंगाजल
अक्षत (चावल)
फूल (गुलाब और कमल विशेष रूप से प्रिय हैं)
सिंदूर
कुमकुम
धूप और दीप
दूध, शहद और घी
मिठाई (खीर या मिठाई)
फल और पंचामृत
मां चंद्रघंटा पूजन विधि
- ध्यान और संकल्प – मां चंद्रघंटा का ध्यान करते हुए संकल्प लें कि आप पूरी श्रद्धा के साथ उनकी पूजा करेंगे।
- आह्वान और अर्घ्य अर्पित करें – “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे” मंत्र का जाप करके मां का आह्वान करें।
- मां को स्नान कराएं – पंचामृत से स्नान कराएं और स्वच्छ जल से धो लें।
- श्रृंगार करें – मां को लाल वस्त्र और आभूषण अर्पित करें।
- चरण वंदना करें – मां चंद्रघंटा के चरणों में पुष्प और अक्षत अर्पित करें।
- आरती और मंत्र जाप – “ॐ देवी चंद्रघंटाये नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें और आरती गाएं।
- भोग और प्रसाद चढ़ाएं – मां को शहद, दूध और मिठाई का भोग लगाएं।
- प्रणाम करें और आशीर्वाद लें – अंत में मां को प्रणाम करें और अपने जीवन में शक्ति और शांति की कामना करें।
- दुर्गा सप्तशती पाठ: नवरात्रि के दौरान दुर्गा सप्तशती का पाठ करना भी लाभकारी होता है।

मां चंद्रघंटा की पूजा का महत्व
आध्यात्मिक लाभ
मां की कृपा से भय और तनाव समाप्त होते हैं।
भक्त का मन शांत और स्थिर रहता है।
साधकों को विशेष सिद्धि प्राप्त होती है।
स्वास्थ्य लाभ
मां चंद्रघंटा की पूजा से मनोबल बढ़ता है।
यह पूजा हृदय और मानसिक रोगों को दूर करने में सहायक है।
मां का ध्यान करने से मन की चंचलता समाप्त होती है और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ती है।
सामाजिक और पारिवारिक लाभ
पारिवारिक सुख और शांति बनी रहती है।
दांपत्य जीवन में प्रेम और सौहार्द बढ़ता है।
समाज में मान-सम्मान और प्रतिष्ठा बढ़ती है।
नवरात्रि के तीसरे दिन के विशेष योग और उपाय
2025 में नवरात्रि के तीसरे दिन के विशेष योग
2025 के चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन कुछ विशेष ज्योतिषीय योग बन सकते हैं, जो मां चंद्रघंटा की पूजा को और अधिक प्रभावशाली बना सकते हैं।
विशेष मुहूर्त: इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में मां की पूजा करना बहुत शुभ रहेगा।
चंद्रमा की स्थिति: इस दिन मन की शांति और ध्यान के लिए चंद्रमा की स्थिति बहुत अनुकूल मानी जाती है।
मां चंद्रघंटा के विशेष उपाय
- रोगों से मुक्ति के लिए – माता को गाय के दूध से बनी खीर का भोग लगाएं और रोग से मुक्ति की प्रार्थना करें।
- मनोकामना पूर्ति के लिए – “ॐ ह्रीं चंद्रघंटाये नमः” मंत्र का जाप करें।
- शत्रुओं से मुक्ति के लिए – नीले वस्त्र दान करें और मां चंद्रघंटा से रक्षा की प्रार्थना करें।
- विवाह में आने वाली रुकावटों को दूर करने के लिए – स्फटिक की माला से मां के मंत्रों का जाप करें।
- व्यापार में वृद्धि के लिए – तांबे के सिक्के लाल कपड़े में बांधकर मां के चरणों में रखें और फिर उन्हें धन स्थान पर रखें।

निष्कर्ष
चंद्रघंटा माता की पूजा शक्ति, साहस और आध्यात्मिक शांति का प्रतीक है।
इनकी पूजा करने से न केवल आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त होता है बल्कि जीवन में आने वाली सभी बाधाएं भी दूर होती हैं।
2025 के तीसरे नवरात्रि के विशेष योग और उपायों को अपनाकर भक्त अपनी मनोकामनाएं पूरी कर सकते हैं।
चंद्रघंटा माता की कृपा से जीवन में समृद्धि, सुख और शांति प्राप्त होती है।
इसलिए इस दिन पूरी श्रद्धा से उनकी पूजा करें और उनके आशीर्वाद से अपना जीवन सफल बनाएं।
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