श्री कुबेर पूजन हिंदू धर्म में विशेष रूप से धन और समृद्धि की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण पूजा है। इस पूजा में भगवान कुबेर को धन, संपत्ति और खजाने की स्वामित्व का प्रतीक माना जाता है। इसके द्वारा जीवन में धन का स्थायी वास, आर्थिक समृद्धि और सुख-शांति प्राप्त होती है। हालांकि, कुबेर पूजन के लिए एक निर्धारित समय, दिन और विधि होती है, जिसकी समझ बहुत महत्वपूर्ण है। इस लेख में हम जानेंगे कि कुबेर पूजन कब करें, उसका महत्व और विधि के बारे में विस्तार से।
श्री कुबेर देवता का परिचय
कुबेर देवता पैसे के भगवान और लोकपालों में से एक माना जाता है। उन्हें उत्तर दिशा के रक्षक माना जाता है और उनके पास सभी प्रकार की धन-संपत्ति, खजाना और आभूषण होते हैं। पौराणिक कथा के अनुसार, कुबेर भगवान शिव के उत्कृष्ट भक्त हैं और उन्हें भगवान शिव से आशीर्वाद प्राप्त है, जिसके कारण वे सम्पत्ति और समृद्धि के स्रोत बने हैं।
भगवान कुबेर की पूजा से व्यक्ति का जीवन धन-धान्य से भरपूर हो जाता है। उनके आशीर्वाद से व्यापार और वित्तीय स्थिरता प्राप्त होती है। कुबेर देवता की पूजा विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जो अपने आर्थिक स्थिति में सुधार चाहते हैं या उन लोगों के लिए जो व्यावसायिक सफलता की चाह रखते हैं।
उनकी पूजा से व्यक्ति को समृद्धि की दिशा में अग्रसर होने में मदद मिलती है।
श्री कुबेर पूजन कब करें?
कुबेर पूजन को इस प्रकार विभिन्न अवसरों पर किया जा सकता है:
धनतेरस के दिन श्री कुबेर पूजन
धनतेरस को मुख्य रूप से कुबेर पूजन का दिन माना जाता है। यह दिवाली से दो दिन पहले आता है और इस दिन भगवान् कुबेर और धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा के लिए विशेष महत्व रखता है।
इस दिन खरीदारी करने की परंपरा है और इस दिन के पूजन से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।
इस दिन कुबेर पूजन करने से घर में धन की वृद्धि होती है और वित्तीय समस्याओं का समाधान मिलता है।
धनतेरस के दिन, जब रात का समय शुरू होता है और प्रदोष काल (सूर्यास्त के बाद) आ जाता है, तब यह समय कुबेर पूजन के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
इस दिन कुबेर देवता और मां लक्ष्मी की पूजा करके समृद्धि और धन सम्पत्ति प्राप्त होती है।
दीपावली के दिन श्री कुबेर पूजन
दिवाली का महोत्सव कुबेर पूजन के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन लोग दीप जलाकर अपने घरों को सजाते हैं, विशेषत: भगवान लक्ष्मी और कुबेर की पूजा करते हैं।
इस दिन की पूजा से धन-संपत्ति की वृद्धि और सुख-शांति की प्राप्ति होती है।श्री कुबेर की पूजा का उद्देश्य यह होता है कि घर में स्थिरता और समृद्धि की प्राप्ति हो।
दिवाली की पूजा में आमतौर पर श्री कुबेर को लक्ष्मी देवी के साथ पूजा जाता है, क्योंकि उनका रिश्ता भी धन से संबंधित है। दीप जलाने और पूजा करने से घर में समृद्धि और धन की प्राप्ति होती है।
अक्षय तृतीया के दिन श्री कुबेर पूजन
अक्षय तृतीया को भी चिरंजीवी कुबेर की पूजा के लिए उत्तम और महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से नए प्रोजेक्ट की शुरुआत, व्यवसाय की स्थापना और धन की खरीददारी के लिए सहायक है।
इस दिन, भगवान श्री कुबेर की पूजा से दीर्घाकालिक और अपरिहार्य धन की प्राप्ति होती है। यह दिन किसी भी धार्मिक क्रिया या शुभ काम की आरंभ के लिए अत्यंत उपयुक्त माना जाता है। खासकर व्यापारिक समुदाय के लिए यह पूजन अत्यंत फायदेमंद है।
प्रत्येक शुक्रवार को श्री कुबेर पूजन
अगर आप रोज़ पूजा नहीं कर सकते हैं, तो हर शुक्रवार को श्री कुबेर पूजन से अधिक लाभ होता है। शुक्रवार को भगवान कुबेर और मां लक्ष्मी की पूजा करें।
आप नियमित उपासना से संपत्ति और समृद्धि में वृद्धि देख सकते हैं।

श्री कुबेर पूजन की विधि
कुबेर पूजा के लिए विशेष सामग्री और एक निश्चित विधि का पालन अत्यंत महत्वपूर्ण है। नीचे दिए गए हैं विधि:
उपयोगी सामग्री
- कुबेर की प्रतिमा या चित्र
- कुबेर यंत्र (यदि उपलब्ध है)
- सफेद फूल
- सन्दल, कुंकुम और अक्षत
- घी की दिया
- दूध, दही, शहद और चीनी (पंचामृत)
- मिठाई, फल और शुद्धता की चीजें
- नारियल
- लौंग, इलायची और काफूर
पूजन विधि
- स्थान की शुद्धि: पूजा क्षेत्र को स्वच्छ करें और गंगाजल से शुद्ध करें पूजा आरंभ करने से पहले।
- वस्त्र और आभूषण:पूजा के लिए शुभ वस्त्र पहनें और पूजा स्थल पर एक लाल कपड़ा बिछाएं जिस पर भगवान कुबेर की मूर्ति या यंत्र स्थापित करें।
- स्नान और मानसिक शुद्धता:स्नान कर पूजा के लिए मानसिक शुद्धता से बैठें और भगवान के सामने दीपक और धूप जलाएं।
- कुबेर मंत्र का उच्चारण:कुबेर के प्रसिद्ध मंत्र का जाप करें:“ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन-धन्याधिपतये धन-धान्य समृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा।”
- अर्चना: भगवान को कुबेर को फूल, अक्षत, चंदन अर्पित करें और उनके समक्ष दीपक जलाएं।
- प्रसाद अर्पण: पूजा के समापन पर भगवान को मिठाई और फल अर्पित करके प्रसाद को अपने परिवार और शुभचिंतकों के बीच बाँटे।

अर्चना के दौरान ध्यान रखने योग्य बाते
पूजा के समय मन को एकाग्र रखें और भगवान श्री कुबेर के छवि/प्रतिमा पर ध्यान केंद्रित करें।
किसी विशेष तारीख या समय के अनुसार पूजा करें, ताकि अधिक फायदा हो।
मंत्र का पूरा अभ्यास करें और अपनी मनोवांछाएं भगवान से प्रकट करें।
श्री कुबेर पूजन का महत्व
- धन की बहुतायत: घर में धन का निरंतर प्रवाह होता है जब भगवान कुबेर की पूजा की जाती है।
- आर्थिक समृद्धि: इस पूजन से व्यापारियों और उद्यमियों को विशेष रूप से लाभ होता है, जिससे उनके कारोबार में वृद्धि होती है।
- परिवारिक शांति: कुबेर पूजा से परिवार में भी शांति और सुख-समृद्धि का निवास होता है।
- आध्यात्मिक आशीर्वाद: यह पूजा केवल भौतिक लाभ से नहीं है; भगवान कुबेर से आध्यात्मिक आशीर्वाद भी मिलता है।
निष्कर्ष
कुबेर पूजन एक अद्भुत प्रक्रिया है जो जीवन में स्थिरता, धन संपत्ति और आनंद लाती है। इसे खास अवसरों जैसे धनतेरस, दिवाली और अक्षय तृतीया पर बड़ा महत्व दिया जाता है।
कभी-कभी इस पूजा को अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार करने और व्यवसाय में सफलता प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है।
उचित तरीके से आयोजित की गई श्री कुबेर पूजा से किसी भवन में स्थायी धन और समृद्धि का आशीर्वाद होता है।
अधिक जानकारी के लिए:- “ प्रत्येक शुक्रवार को कैसे करें कुबेर पूजन?”
यह भी देखें :- “ कुबेर पूजन संपूर्ण जानकारी”