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Reading: Hanuman Chalisa Paath: हनुमान चालीसा पढ़ते ना करें ये गलतियां | जाने विधि
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Hanuman Chalisa Paath: हनुमान चालीसा पढ़ते ना करें ये गलतियां | जाने विधि

Anushka Mishra
Last updated: April 6, 2025 5:28 pm
By Anushka Mishra
13 Min Read
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हनुमान चालीसा गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित एक प्रसिद्ध स्तोत्र है, जिसमें भगवान हनुमान के 40 दोहे हैं।

Contents
हनुमान चालीसा का महत्वहनुमान चालीसा पाठ की विधिभूलकर भी ना करें ये गलतियांकिसी बीच की चौपाई से पाठ शुरुआत करना:साफ तन और मन से पाठ करना:तामसिक भोजन और मदिरा का सेवन:किसी से झगड़ा करना:जीवनसाथी को छोड़कर किसी अन्य रिश्ते में बंधन:गरीबों और जानवरों को सताना नहीं चाहिए:कोई अपराध न करें और झूठ ना बोले:चालीसा पढ़ने में जल्दबाजी न करें:राम का नाम लिए बिना ना करे शुरुआत:तन और मन रखे साफ:मन में ना लाये अनुचित ख्याल:मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी के दर्शन:कभी भी गलत संगत वाले लोगों के साथ में ना रहे:ज्योतिष के अनुसार:सूतक काल:हनुमान चालीसा पाठ के लाभFrequently asked questions (FAQs)

यह रचना “रामचरितमानस” के समय की है और अवधी भाषा में लिखी गई है।

चालीसा का पाठ भक्तों द्वारा विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को किया जाता है।

इसमें हनुमान जी के बल, बुद्धि, ज्ञान, निष्ठा और भक्ति का वर्णन किया गया है।

इसे पढ़ने से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है और आत्मविश्वास मिलता है।

यह स्तोत्र सरल शब्दों में एक बहुत ही प्रभावी आध्यात्मिक साधन है।

हनुमान चालीसा का महत्व

हनुमान चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक शक्ति मिलती है।

यह ग्रंथ न केवल भक्त को भगवान हनुमान जी का आशीर्वाद देता है, बल्कि शत्रु बाधाओं, रोगों, भय और कष्टों से भी मुक्ति दिलाता है।

संकटमोचन हनुमान जी का स्मरण करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और आत्मविश्वास और सकारात्मकता का संचार होता है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करने से साधक के जीवन में चमत्कारी परिवर्तन आ सकते हैं और वह हर संकट से उबर सकता है।

कलियुग में इसे विशेष फलदायी माना जाता है।

हनुमान चालीसा

हनुमान चालीसा पाठ की विधि

हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए आस्था, नियम और पवित्रता जरूरी है।

पाठ के लिए स्वच्छ स्थान चुनें, जहां शांति हो।

भगवान हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर के सामने दीपक और अगरबत्ती जलाएं।

लाल फूल, चोला, सिंदूर और गुड़-चने का भोग लगाएं।

मंगलवार या शनिवार को विशेष फलदायी माना जाता है, लेकिन इसे रोजाना भी पढ़ा जा सकता है।

पाठ करने से पहले “ॐ श्री हनुमते नमः” का 11 बार जाप करें।

इसके बाद पूरे ध्यान और भाव से हनुमान चालीसा का पाठ करें।

पाठ के बाद आप हनुमानाष्टक या बजरंग बाण का पाठ भी कर सकते हैं।

अंत में आरती करें और प्रार्थना करें। नियमित पाठ करने से मनोकामनाएं शीघ्र पूरी होती हैं।

यह भी देखे: हनुमान जी के मंत्रो का 108 बार जप

भूलकर भी ना करें ये गलतियां

भक्त बजरंगबली को प्रसन्न करने के लिए अधिकतर लोग हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं।

विशेषकर मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करने से मनचाहा फल प्राप्त होता है।

हनुमान चालीसा के लिए कैसे खास नियम की आवश्यकता नहीं होती है लेकिन कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है।

हिंदू धर्म के अनुसार हनुमान की पूजा से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

ऐसा माना जाता है कि उनकी पूजा से लोगों की समस्त मनोकामना पूर्ति होती है और शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

इसी वजह से उनके भक्तजन उन्हें प्रसन्न करने हेतु कई विशेष उपाय आजमाते हैं।

ऐसी मान्यताएं हैं की जो कोई भी हनुमान जी की पूजा करता है वह समृद्धि धन और सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर हो जाता है।

ऐसी मान्यता है कि चालीसा के नियमित पाठ से भगवान प्रसन्न होते हैं और समस्त कासन से मुक्ति दिलाते हैं।

हनुमान चालीसा में लगभग 40 चौपाइयां है।

ऐसी मान्यता है कि यदि कोई व्यक्ति हनुमान चालीसा का पाठ करते समय सभी नियमों का पालन नहीं करता है तो उसे पूजा का पूर्ण फल नहीं मिल पाता है।

तो आईए जानते हैं हनुमान चालीसा का पाठ करते वक्त किन गलतियों से बचना चाहिए।

किसी बीच की चौपाई से पाठ शुरुआत करना:

ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार जब कोई व्यक्ति सही तरीके से हनुमान चालीसा का जाप करता है तो उसे बहुत लाभ होता है।

वही आपको कभी भी चालीसा का पाठ बीच की किसी चौपाई से नहीं करना चाहिए।

यदि आप हनुमान चालीसा पढ़ने जा रहे हैं तो इसे एक साथ पूरा क्रमबद्ध तरीके से पढ़कर ही स्थान से उठाना चाहिए।

कभी भी बीच की किसी चौपाई से पाठ शुरू न करें कोई भी पाठ अगर आप कर रहे हैं तो उसे सच्चे मन से करना चाहिए अन्यथा पाठ करने का फल नहीं मिलता है।

साफ तन और मन से पाठ करना:

ऐसा माना जाता है कि यदि आप घर में हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं तो हमेशा शुद्ध तन और मन से मंदिर में दीपक प्रज्वलित करके हनुमान जी का ध्यान करते हुए पाठ करें।

तामसिक भोजन और मदिरा का सेवन:

यदि आप हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं तो सुनिश्चित करें कि आपको भूलकर भी तामसिक भोजन या मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।

ऐसा करने से आप हनुमान जी के क्रोध का पात्र बन सकते हैं।

हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी है और हमेशा मांसाहारी चीजों और शराब के सेवन से दूर ही रहना चाहिए तभी आपको पूजा का फल प्राप्त होगा।

किसी से झगड़ा करना:

यदि आप हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं तो ध्यान रखें कि आपको भूलकर भी किसी निर्बल को सताना नहीं चाहिए।

किसी से व्यर्थ में झगड़ा नहीं करना चाहिए।

यदि आप भी हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं तो ध्यान रखें कि आपको किसी का भी अपमान नहीं करना चाहिए।

और किसी के लिए अब शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

अगर आप हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं तो आपको गरीबों को भी नहीं करना चाहिए बल्कि गरीबों की सहायता करनी चाहिए।

जीवनसाथी को छोड़कर किसी अन्य रिश्ते में बंधन:

यदि आप विवाहित है और हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं तो आपके जीवनसाथी के अलावा किसी और से रिश्ते जोड़ने की बात नहीं सोचनी चाहिए।

ऐसा करने वालों को कभी भी हनुमान चालीसा के शुभ फल नहीं मिलते हैं।

किसी विवाहित पुरुष को किसी अन्य पढ़ाई स्त्री से संबंध नहीं रखना चाहिए।

अगर कोई स्त्री भी हनुमान चालीसा का नियमित रूप से पाठ करती है तो उसे स्त्री को भी अपने पति के अलावा किसी अन्य पुरुष से संबंध नहीं रखना चाहिए।

अगर किसी व्यक्ति की शादी नहीं हुई है तो उसे तो पराई स्त्री से दूर ही रहना चाहिए।

यदि कोई व्यक्ति हनुमान चालीसा का पाठ करता है तो उसे इन बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए।

गरीबों और जानवरों को सताना नहीं चाहिए:

यदि आप घर की समृद्धि के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करती हैं तो भूल कर भी किसी जानवर और गरीब को ना सताए।

ऐसा करने से पूजा का फल नहीं मिलता है और घर में दुख बने रहते हैं।

घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास हो जाता है और घर से सुख समृद्धि हमेशा के लिए चली जाती है।

कोई अपराध न करें और झूठ ना बोले:

यदि आप चालीसा का पाठ करते हैं तो आपको किसी भी प्रकार का अपराध नहीं करना चाहिए।

आपको किसी के साथ छल कपट करने से भी बचना चाहिए और झूठ नहीं बोलना चाहिए।

अगर आपके मन में किसी के प्रति छल, कपट और द्वेष है तो इससे आपका पूजा का फल कभी नहीं मिलेगा।

चालीसा पढ़ने में जल्दबाजी न करें:

जब आप चालीसा का पाठ करते हैं तब आपको कभी भी जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए और कभी भी इसके किसी श्लोक का उच्चारण गलत तरीके से नहीं करना चाहिए।

इसका पाठ हमेशा धैर्य पूर्वक करना चाहिए

राम का नाम लिए बिना ना करे शुरुआत:

सभी इस बात से परिचित है कि हनुमान राम जी के परम भक्त है।

इसलिए भगवान राम का नाम लिए बिना हनुमान चालीसा की शुरुआत ना करें।

वरना आप इसके फल से वंचित रह जाएंगे।

राम दरबार

तन और मन रखे साफ:

हनुमान जी और उनके इष्ट श्री राम के चित्र की स्थापना करें। इसके बाद उनके समक्ष जल से भरा पात्र रखे।

कम से कम 3 से 108 बार तक हनुमान चालीसा का पाठ करें।

घर में हनुमान चालीसा का पाठ करते समय तन और मन दोनों साफ होना बेहद जरूरी है।

मन में ना लाये अनुचित ख्याल:

हनुमान चालीसा का पाठ करते समय मन में किसी भी प्रकार का अनुचित ख्याल नहीं आना चाहिए।

प्रयास करें कि चालीसा पाठ का समय रोज एक ही हो।

विशेष दशाओं में यात्रा तथा सोते समय भी चालीसा का पाठ कर सकते हैं।

मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी के दर्शन:

चालीसा का पाठ करने वाले को मंगलवार और शनिवार को हनुमान मंदिर जाकर हनुमान जी के दर्शन जरूर करने चाहिए।

मंगलवार या शनिवार को हनुमान मंदिर में जाकर उनके सामने घी का दीपक जलने से और हनुमान चालीसा का पाठ वहीं बैठकर करने से बड़े से बड़े कष्ट दूर हो जाते हैं।

कभी भी गलत संगत वाले लोगों के साथ में ना रहे:

यदि आप चालीसा का पाठ पढ़ते हैं।

फिर भी गलत लोगों की संगत में बैठते हैं उनका साथ उनके गलत कामों में देते हैं तो आपका पता निश्चित है इसलिए ऐसे लोगों से दूर ही रहे।

ज्योतिष के अनुसार:

मंगलवार के दिन तीन बार पाठ करना बेहद शुभ माना जाता है।

जब भी आप पाठ करें तो सबसे पहले एक पत्र में जल भर कर रख ले उसके बाद जब चालीसा का पाठ संपन्न हो जाए तो उसे जल को ग्रहण कर ले इससे आपको लाभ तो मिलेगा ही साथ ही हनुमान जी भी जमकर अपनी कृपा बरसाएंगे।

सूतक काल:

परिवार में जब किसी इंसान की मौत हो जाती है तो वहां सूतक काल मन रहता है।

जब तक यह सूतक काल रहता है तब तक हमें हनुमान सहित किसी अन्य देवी देवता की पूजा नहीं करनी चाहिए। इस दौरान मंदिर में भी प्रवेश न करें।

हनुमान चालीसा पाठ के लाभ

चालीसा का पाठ करने से जीवन में अपार लाभ मिलता है।

इससे मानसिक तनाव, भय, शारीरिक रोग और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।

इसका पाठ करने से आत्मविश्वास, धैर्य, साहस और आत्मबल बढ़ता है।

विद्यार्थियों के लिए यह बुद्धि, एकाग्रता और स्मरण शक्ति को बढ़ाता है।

यदि व्यापार या नौकरी में बाधाएं आ रही हों तो नियमित पाठ करने से सफलता के योग बनते हैं।

जिन लोगों की कुंडली में मंगल दोष या शनि की साढ़ेसाती हो, उन्हें भी इसका विशेष लाभ मिलता है।

यह भूत-प्रेत बाधाओं को भी दूर करता है।

इसका पाठ शत्रु भय या कोर्ट-कचहरी के मामलों में भी सुरक्षा कवच का काम करता है।

हनुमान चालीसा का प्रतिदिन पाठ करने से जीवन सुखी, सुरक्षित और उन्नत बनता है।

हनुमान

Frequently asked questions (FAQs)

  • चालीसा का पाठ कब करना चाहिए?

इसका पाठ सुबह सूर्योदय से पहले या शाम को सूर्यास्त के बाद करना सबसे अच्छा होता है। मंगलवार और शनिवार को विशेष फलदायी माना जाता है।

  • क्या महिलाएं चालीसा का पाठ कर सकती हैं?

हां, महिलाएं भी पूरी श्रद्धा और अनुशासन के साथ इसका पाठ कर सकती हैं। पवित्रता और भावना महत्वपूर्ण है।

  • क्या चालीसा का प्रतिदिन पाठ किया जा सकता है?

हां, इसका प्रतिदिन पाठ करने से निरंतर ऊर्जा, शक्ति और सकारात्मकता बनी रहती है।

  • क्या चालीसा का पाठ करने से डर और बुरे सपने दूर होते हैं?

बिल्कुल, इससे नींद में डर, भ्रम, भय और बुरे सपने दूर होते हैं।

  • क्या मोबाइल या किताब से चालीसा पढ़ना ठीक है?

हाँ, आप मोबाइल या किताब से पढ़ सकते हैं। भावना और एकाग्रता सबसे महत्वपूर्ण हैं।

यह भी पढ़े: राम रक्षा स्त्रोत

TAGGED:hanuman chalisaHanuman chalisa paathHanuman Jiहनुमान चलसा पाठहनुमान चालीसाहनुमान जी
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ByAnushka Mishra
An enthusiast author at Marg Darshan who holds the proficiency in the fields of Finance, Ethics and Sports.
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