हिंदू धर्म में दिवाली पर्व बहुत ही महत्वपूर्ण एवं श्रद्धा से मनाया जाने वाला पर्व है। इस दिन मां लक्ष्मी की साधना होती है और यह पर्व कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। शास्त्रों की ऐसी मान्यता है कि इस दिन दीप जलाकर मां लक्ष्मी की साधना करने से घर में स्थाई रूप से मां लक्ष्मी का वास हो जाता है।
Diwali Kab Hai | दीपावली कब है 2023 में
दिवाली की रात मां लक्ष्मी घर में भ्रमण करती है इसलिए हर व्यक्ति को अपने घर को अधिक-से-अधिक साफ-सुथरा एवं सुंदर रखें, घर को फूलों की लड़ी से सजाकर तथा सुगंधित बनाकर रखें।
यह पर्व अमावस्या तिथि के दिन मनाया जाता है। इस साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि की शुरुआत 12 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 44 मिनट से शुरू हो रही है। इसका समापन 13 नवंबर, सोमवार की दोपहर 2 बजकर 56 मिनट पर होगा।
दिवाली जिस दिन मनाई जाती है, उस दिन शाम के समय अमावस्या तिथि का होना अनिवार्य है इसी कारण अमावस्या तिथि 12 तारीख को रात्रि कालीन मिल रही है तो दिवाली भी 12 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
Watch on YouTube: Diwali 2023 दिवाली की रात अवश्य कर लें यह 7 काम
Dhanteras 2023 | धनतेरस 2023 में कब मनाई जाएगी
धनतेरस 2023 में 10 नवंबर 2023 को मनाई जाएगी इस दिन भूमि खरीदना, प्रॉपर्टी खरीदना, नई गाड़ी लेना, बर्तन खरीदना अत्यधिक शुभ माना जाता है। इसी के साथ-साथ आज के दिन धनिया खरीदना, झाड़ू खरीद कर घर लाना, मिट्टी के दीपक लाना, नमक खरीद कर लाना, घर में उपयोग की जाने वाली वस्तुएं खरीद कर लाना बेहद शुभ माना जाता है।
छोटी दीवाली (नरक चतुर्दशी )
नरक चतुर्दशी या छोटी दीवाली उस दिन को कहते हैं जो दिवाली से एक दिन पूर्व का दिन होता है। इस दिन को रूप चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है। पूरे कार्तिक मास में यही वह दिन है जिस दिन हम तेल लगाकर विधिवत स्नान करते हैं तथा आज के दिन ही यम के लिए दीपदान भी किया जाता है।
शास्त्रों में ऐसी मान्यता है कि आज के दिन यम को दीपदान करने से अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है तथा व्यक्ति अकाल मृत्यु के खतरे से बच जाता है।
बहुत से स्थानों पर आज के दिन मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजन होता है।
Badi Diwali | Diwali Date in Hindi Calendar
दिवाली कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को पड़ती है और यह अमावस्या तिथि इस बार 12 नवंबर 2023 को पड़ रही है, तो 12 नवंबर की शाम को मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजन करेंगे। अपने घर के आंगन में तथा खुले स्थान पर मां लक्ष्मी के लिए चौकी लगाकर विधि-विधान से उनकी आराधना करेंगे। आज के दिन मिट्टी के दीपों से अपने घर, मंदिर और तुलसी क्यारी में दीपक सजाया जाता है, तो दिवाली का यह पर्व बहुत ही सुंदर मोहक तथा मां लक्ष्मी की कृपा दिलाने वाला होता है।
दिवाली पूजा विधि
दिवाली की पूजा करने से पूर्व अपने घर को साफ-सुथरा कर लें। गंगाजल छिड़क कर घर से नकारात्मक ऊर्जा को भगा दिया जाता है। इसके बाद घर में मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। मां लक्ष्मी की पूजा के लिए सर्वप्रथम साफ और सुंदर चौकी का इंतेज़ाम कर ले। चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछा लें। ताम्बे भी या पीतल के कलश में जल भरकर कलश स्थापित करें। मां लक्ष्मी की नई या पुरानी फोटो, मूर्ति या कोई भी प्रतिमा स्थापित करके और गणेश जी की प्रतिमा रख कर मां लक्ष्मी का विधि विधान से पूजन करना होगा। आज का पूजन वैभवपूर्ण पूजन होना चाहिए।
दिवाली के पूजन में विभिन्न प्रकार की सुगंधित फूलो, इत्र तथा अनेक प्रकार के सुंदर मिठाइयों का भोग लगा के आज के दिन गणेश जी को मोदक या लड्डू का भोग अवश्य लगाना चाहिए। मां लक्ष्मी का पूजन श्री गणेश के साथ ही करना चाहिए, अकेली मां लक्ष्मी का पूजन नहीं किया जाता है। इस बात का ध्यान रखें तत्पश्चात आरती और रात्रि जागरण करें। मां लक्ष्मी की कृपा के लिए रात्रि में मन्त्रों का जाप भी कर सकते हैं।
भाई दूज | Bhai Dooj
भाई दूज का पर्व 15 नवंबर 2023 को मनाया जाएगा । भाई दूज के दिन बहनें अपने भाई को तिलक करती हैं तथा उनसे यह वचन लेती हैं कि भाई-बहन की रक्षा करेंगे तथा बहने भी भाई को यह वचन देती हैं कि वह उनके सुखी-संपन्न जीवन के लिए तथा उनके दीर्घायु होने के लिए हमेशा भगवान से प्रार्थना करेंगी।
दिवाली की पूजा में ना करें यह गलतियां | दिवाली की पूजा तथा दिवाली के दिन भूलकर भी यह पांच गलतियां नहीं करना चाहिए
(i) – दिवाली की पूजा से पहले घर की विधिवत साफ-सफाई कर लें, घर से कबाड़, टूटे-फूटे सामान, टूटे-फूटे बर्तन, बेकार पड़ी घड़ियां इत्यादि निकाल कर ही दिवाली की पूजा करें, तभी जाकर यह पूजा आपको शुभ फल देगी।
(ii) – दिवाली की पूजा हमेशा गणेश और लक्ष्मी दोनों की मूर्ति के साथ करनी चाहिए। अकेली लक्ष्मी की पूजा दिवाली में नहीं करना चाहिए।
(iii) – दिवाली की पूजा करने के बाद कभी भी अपने घर को बंद करके किसी रिश्तेदार से मिलने या आवश्यक काम से भी ना जाए। दिवाली की रात्रि मां लक्ष्मी का आगमन होता है इसलिए अपने घर में लाइट जला कर रखें और अपने घर में उस दिन ताला ना बंद करें, इस बात का ध्यान अवश्य रखें।
(iv) – दिवाली की रात लक्ष्मी पूजन में जो दीपक जलते हैं उस दीपक को ठंडा ना होने दे, उसमें तेल बाती डालते रहे और पूरी रात उस दीपक को जलाकर रखें तभी घर में मां लक्ष्मी का आगमन होगा।
(v) – दिवाली के दिन किसी का मन ना दुखाएं। अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को भी कुछ न कुछ दिवाली का उपहार अवश्य दें। इसका अर्थ यह बिल्कुल नहीं है कि केवल दिवाली पर ही आप किसी का दिल ना दुखाए, प्रयास यही रहना चाहिए कि कभी हमारे कारण किसी को तकलीफ़ ना पहुंचे फिर भी दिवाली के आसपास ऐसा करते हैं तो आपके घर से मां लक्ष्मी रुष्ट हो जाएंगी।
दिवाली की अगली सुबह यह काम अवश्य करें
दिवाली की अगली सुबह सूप बजा कर दरिद्र भागने की क्रिया प्रथम है। शास्त्रों के अनुसार ऐसी मान्यता है की दिवाली की रात मां लक्ष्मी और दरिद्र दोनों का मिलन होता है इसी कारण से दिवाली की सुबह बरसों से चली आ रही एक पुरानी प्रथा है दरिद्र भागने की उसे अवश्य कर ले तभी घर में स्थाई लक्ष्मी का प्रवेश होता है।
धन्यवाद
Video Regarding This Topic :-
——–Thanks For Visiting Us——–
Our YouTube Channel:-
~ Sadhana Pandey
Potli ka price kitna ha , kaise order kar sakte ha
Potali ka vitran band kiya ja chuka hai, adhik jankari ke liye niche diye gaye number par sampark karein.
+91 7518976001