चैत्र नवरात्रि सप्तमी के दिन मां दुर्गा के सातवे स्वरुप मां कालरात्रि की पूजा की जाती है।
यह दिन बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि मां कालरात्रि को विनाश और शक्ति की देवी माना जाता है।
चैत्र नवरात्रि सप्तमी के दिन इनकी पूजा करने से भय, नकारात्मक ऊर्जा, बुरी शक्तियां और बुरे ग्रहों का प्रभाव खत्म होता है।
मां कालरात्रि की कृपा से शत्रुओं का नाश होता है और जीवन में सुख-शांति आती है।
इस लेख में हम मां कालरात्रि की पूजा विधि, पूजा सामग्री, व्रत नियम, प्रसाद, महत्व और उन्हें प्रसन्न करने के तरीकों के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।
कौन हैं मां कालरात्रि?
मां कालरात्रि को अंधकार और भय का नाश करने वाली देवी कहा जाता है।
ये सभी नकारात्मक शक्तियों का नाश करती हैं और भक्तों को निर्भय बनाती हैं।

मां कालरात्रि का स्वरूप
मां का रंग काजल के समान गहरा काला है।
इनके चार हाथ हैं- दो हाथों में तलवार और वज्र है, जबकि अन्य दो हाथ वरदान और अभय मुद्रा में हैं।
इनके बाल खुले हुए हैं, जो उग्र रूप का प्रतीक है।
मां का वाहन गदर्भ है, जिसे विनम्रता और धैर्य का प्रतीक माना जाता है।
मां कालरात्रि की कृपा से मिलने वाले फल
जीवन के सभी प्रकार के भय समाप्त होते हैं।
नकारात्मक शक्तियों और बुरी नजर से सुरक्षा मिलती है।
राहु और शनि के दोष समाप्त होते हैं।
शत्रुओं का नाश होता है और सफलता मिलती है।
आध्यात्मिक जागृति और आत्मविश्वास बढ़ता है।
चैत्र नवरात्रि सप्तमी में मां कालरात्रि पूजा विधि
सुबह की तैयारी
चैत्र नवरात्रि सप्तमी की सुबह स्नान करके साफ कपड़े पहनें।
घर के मंदिर को साफ करें और मां की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
पूजा स्थल पर गंगाजल छिड़कें।
चैत्र नवरात्रि सप्तमी पूजन सामग्री
माँ कालरात्रि की मूर्ति या चित्र
गंगा जल, शुद्ध जल
रोली, चंदन, कुमकुम, हल्दी
गुड़, नारियल, शहद
लाल और नीले फूल
धूप, दीप, कपूर
काले तिल, सरसों का तेल
लौंग, इलायची, पंचमेवा
चैत्र नवरात्रि सप्तमी पूजन विधि
- माता का ध्यान करें और प्रणाम करें।
- दीपक जलाएं और माता को काले तिल और सरसों के तेल का दीपक अर्पित करें।
- माता का पंचामृत से अभिषेक करें।
- माता को गुड़, नारियल और लौंग का भोग लगाएं।
- दुर्गा सप्तशती के सातवें अध्याय का पाठ करें।
- माता की आरती करें और नकारात्मकता से मुक्ति के लिए प्रार्थना करें।

माँ कालरात्रि का महत्व
- भय और नकारात्मकता का नाश
माँ कालरात्रि की पूजा करने से सभी प्रकार के भय समाप्त हो जाते हैं।
- ग्रह दोषों का निवारण
राहु और शनि के अशुभ प्रभावों को दूर करने के लिए माँ की पूजा करनी चाहिए।
- शत्रु बाधाओं का निवारण
माँ की कृपा से शत्रुओं का नाश होता है और सफलता प्राप्त होती है।
- आध्यात्मिक जागृति
माँ की भक्ति से आत्मज्ञान और आंतरिक शक्ति प्राप्त होती है।
मां कालरात्रि को अर्पित किया जाने वाला भोग
मां कालरात्रि को गुड़, काले तिल, शहद और नारियल का भोग विशेष प्रिय है।
इन चीजों का भोग लगाने से मां की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।
मां को खीर, पंचमेवा और सूखे मेवे का भोग भी लगाया जा सकता है।
कई भक्त इस दिन मां को गुड़ से बने हलवे और लड्डू का भोग लगाते हैं।
मां को सरसों के तेल से बनी चीजें बहुत पसंद हैं, इसलिए तिल के लड्डू और बेसन का हलवा भोग लगाना शुभ माना जाता है।
भोग लगाने के बाद इसे गरीबों और जरूरतमंदों में बांटने से मां प्रसन्न होती हैं।
मां को अर्पित किए गए प्रसाद को ग्रहण करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं।
चैत्र नवरात्रि सप्तमी के दिन मां कालरात्रि व्रत के नियम
मां कालरात्रि के व्रत में सात्विकता और पवित्रता का विशेष ध्यान रखना जरूरी होता है।
व्रत करने वाले को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और मन को शांत रखना चाहिए।
इस दिन सूर्योदय से पहले स्नान करके मां की पूजा का संकल्प लेना चाहिए।
तामसिक भोजन, मांसाहारी भोजन, लहसुन-प्याज और नशे से दूर रहना चाहिए।
फलाहार के रूप में दूध, फल, मखाना और सूखे मेवे का सेवन किया जा सकता है।
अगर कोई व्यक्ति फल नहीं खा सकता है, तो वह एक बार सात्विक भोजन कर सकता है।
पूरे दिन मां के मंत्रों का जाप करें और दुर्गा सप्तशती के सातवें अध्याय का पाठ करें।
इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को दान करना शुभ माना जाता है।
चैत्र नवरात्रि सप्तमी के दिन मां कालरात्रि की पूजा करने से भय, कर्ज और बीमारियों से मुक्ति मिलती है और जीवन में शांति और समृद्धि आती है।
मां कालरात्रि को प्रसन्न करने के उपाय
कालरात्रि माता को प्रसन्न करने के लिए सच्ची आस्था और भक्ति के साथ उनकी पूजा करनी चाहिए।
मां को काले तिल, गुड़, नारियल और लाल फूल चढ़ाना शुभ माना जाता है।
“ॐ देवी कालरात्रिये नमः” मंत्र का 108 बार जाप करने से विशेष फल मिलता है।
राहु और शनि के दोषों से मुक्ति पाने के लिए इस दिन सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
मां की कृपा पाने के लिए दान-पुण्य करें, खास तौर पर गरीबों को भोजन कराएं और काले कपड़े दान करें।
घर में मां की आरती और हवन करने से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं।
दुर्गा सप्तशती के सातवें अध्याय का पाठ करने से मां की विशेष कृपा मिलती है।
इस दिन मां के लिए व्रत रखने से जीवन में शत्रुओं से सुरक्षा मिलती है और आध्यात्मिक शक्ति बढ़ती है।

निष्कर्ष
मां कालरात्रि की पूजा करने से जीवन में सभी तरह की नकारात्मकता, भय और शत्रु बाधाएं समाप्त होती हैं।
कालरात्रि माता की कृपा से राहु और शनि के दोष समाप्त होते हैं और जीवन में सुख-शांति आती है।
मां को गुड़, काले तिल, नारियल और पंचमेवा चढ़ाना विशेष लाभकारी होता है।
व्रत के दौरान सात्विकता और नियमों का पालन करना जरूरी होता है।
मां को प्रसन्न करने के लिए मंत्र जाप, दान और दुर्गा सप्तशती का पाठ करना बेहद लाभकारी होता है।
इस दिन जरूरतमंदों की मदद करने से विशेष रूप से मां की कृपा जल्दी मिलती है।
नवरात्रि सप्तमी के दिन श्रद्धा और भक्ति के साथ मां कालरात्रि की पूजा करने से भक्तों के जीवन में सुख, समृद्धि और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
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