चैत्र नवरात्रि अष्टमी के दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है।
मां महागौरी श्वेत वस्त्र धारण करने वाली अत्यंत सौम्य और दयालु देवी मानी जाती हैं।
इनकी पूजा से जीवन में पवित्रता, शांति और सुख-समृद्धि आती है।
मां महागौरी को विवाह, संतान सुख, समृद्धि और कष्टों से मुक्ति की देवी माना जाता है।
इस लेख में हम मां महागौरी की पूजा विधि, पूजन सामग्री, व्रत नियम, प्रसाद, महत्व और उन्हें प्रसन्न करने के उपायों के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे।
मां महागौरी कौन हैं?
चैत्र नवरात्रि अष्टमी में पूजी जाने वाली मां महागौरी नवदुर्गा का आठवां रूप हैं। इनका रंग पूर्णतया श्वेत है, इसलिए इन्हें महागौरी कहा जाता है।

मां महागौरी का स्वरूप
मां का रंग दूध के समान चमकीला है।
इनके चार हाथ हैं- एक हाथ अभय मुद्रा में है, दूसरा वरद मुद्रा में है, अन्य दो हाथ त्रिशूल और डमरू से सुशोभित हैं।
इनका वाहन वृषभ है, इसलिए इन्हें वृषारूढ़ा भी कहा जाता है।
माँ का स्वरूप शांत, करुणामयी और दयालु है।
माँ महागौरी की कृपा से प्राप्त होने वाले लाभ
मानसिक तनाव दूर होता है और आध्यात्मिक शांति प्राप्त होती है।
पवित्रता, पवित्रता और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।
विवाह में आने वाली बाधाएँ दूर होती हैं।
पारिवारिक जीवन में संतान सुख और समृद्धि आती है।
आध्यात्मिक उन्नति होती है।
चैत्र नवरात्रि अष्टमी में माँ महागौरी पूजा विधि
सुबह की तैयारी
चैत्र नवरात्रि अष्टमी के दिन सूर्योदय से पहले उठें, स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें और माँ की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
माँ का ध्यान करें और व्रत और पूजा का संकल्प लें।
चैत्र नवरात्रि अष्टमी की पूजन सामग्री
माँ महागौरी की प्रतिमा या चित्र
गंगा जल, शुद्ध जल
चंदन, रोली, कुमकुम, हल्दी
सफ़ेद फूल (ख़ासकर चमेली के)
अक्षत (चावल)
नारियल, सुपारी
धूप, दीप, कपूर
सफ़ेद वस्त्र, सफ़ेद मिठाई
दूध, दही, घी, शहद, पंचामृत
चैत्र नवरात्रि अष्टमी की पूजन विधि
- माँ का ध्यान करें और “ॐ देवी महागौर्यै नमः” मंत्र का जाप करें।
- दीप जलाकर और धूप दिखाकर माँ की आरती करें।
- पंचामृत से माँ का अभिषेक करें।
- माँ को सफ़ेद फूल चढ़ाएँ।
- प्रसाद के रूप में सफ़ेद मिठाई और नारियल चढ़ाएँ।
- दुर्गा सप्तशती के आठवें अध्याय का पाठ करें।
- कन्या पूजन करें और उन्हें भोजन कराएँ और दक्षिणा दें।
माँ महागौरी का महत्व
- पवित्रता की देवी
महागौरी माता की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है और वह पवित्रता की ओर अग्रसर होता है।
- वैवाहिक और पारिवारिक जीवन में खुशहाली
माँ की कृपा से अविवाहित लड़कियों को योग्य जीवनसाथी मिलता है और पारिवारिक जीवन सुखमय होता है।
- दुखों का नाश और समृद्धि
महागौरी माँ की पूजा करने से जीवन में चल रही सभी प्रकार की परेशानियाँ समाप्त हो जाती हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
- आध्यात्मिक और आध्यात्मिक उन्नति
माँ महागौरी की पूजा करने से मन शुद्ध होता है और साधक को आध्यात्मिक उन्नति मिलती है।

चैत्र नवरात्रि अष्टमी के दिन मां महागौरी को अर्पित किया जाने वाला भोग
मां महागौरी को सफेद रंग बहुत प्रिय है, इसलिए उन्हें खीर, रबड़ी, सफेद पेड़ा और नारियल से बनी मिठाई जैसे सफेद मिठाइयों का भोग लगाना चाहिए।
इसके अलावा गाय के दूध से बनी खीर, मिश्री, सूजी का हलवा और फलों का भोग विशेष रूप से मां को लगाया जाता है।
सफेद चने या चने की दाल से बनी कोई मिठाई भी मां को प्रिय मानी जाती है।
मां को दूध और शहद का भोग लगाकर भक्तों और जरूरतमंदों में बांटना बहुत शुभ होता है।
ऐसा करने से मां जल्दी प्रसन्न होती हैं और अपनी कृपा बरसाती हैं।
नारियल का भोग मां को विशेष प्रिय है, इसलिए इसे जरूर चढ़ाना चाहिए।
भोग के बाद कन्याओं को प्रसाद देकर उनका आशीर्वाद लेना भी जरूरी होता है, जिससे मां की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
मां महागौरी व्रत के नियम
चैत्र नवरात्रि अष्टमी के दिन मां महागौरी के व्रत में शुद्धता और सात्विकता का पालन करना बहुत जरूरी है।
इस दिन व्रती को सूर्योदय से पहले स्नान कर संकल्प लेना चाहिए।
व्रत रखने वाले व्यक्ति को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और अपने मन को शांत और शुद्ध रखना चाहिए।
इस दिन तामसिक भोजन, मांसाहारी भोजन और नशे से दूर रहना चाहिए।
फलाहार के रूप में दूध, फल, मखाना, सूखे मेवे और सिंघाड़े के आटे से बने व्यंजनों का सेवन किया जा सकता है।
अगर कोई व्यक्ति फल नहीं खा सकता है, तो वह एक बार सात्विक भोजन कर सकता है।
पूरे दिन मां के मंत्रों का जाप करें और दुर्गा सप्तशती के आठवें अध्याय का पाठ करें।
मां की आरती करें और कन्याओं को भोजन कराएं और उन्हें वस्त्र और दक्षिणा दें।
ऐसा करने से मां महागौरी की कृपा प्राप्त होती है और भक्त के जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
मां महागौरी को प्रसन्न करने के उपाय
माता महागौरी को प्रसन्न करने के लिए सफेद वस्त्र पहनें और मां को सफेद फूलों की माला चढ़ाएं।
मां को खीर, मिश्री और नारियल का भोग लगाएं और प्रसाद गरीबों में बांट दें।
“ॐ देवी महागौर्यै नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
दुर्गा सप्तशती के आठवें अध्याय का पाठ करने से मां की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
इस दिन कन्याओं को भोजन कराना और उन्हें दक्षिणा व उपहार देना बहुत शुभ माना जाता है।
मां को सफेद रंग बहुत प्रिय है, इसलिए इस दिन सफेद वस्त्र दान करना भी लाभकारी होता है।
मां की कृपा पाने के लिए सोमवार को भगवान शिव की पूजा करें और शिव-पार्वती के नाम का जाप करें।
ऐसा करने से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

निष्कर्ष
चैत्र नवरात्रि अष्टमी के दिन मां महागौरी की पूजा और व्रत करने से जीवन में पवित्रता, शांति और सुख-समृद्धि आती है।
मां को सफेद मिठाई, खीर और नारियल का भोग लगाने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
मां की पूजा करने से विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और मानसिक शांति मिलती है।
व्रत के दौरान सात्विकता और नियमों का पालन करना जरूरी है।
देवी को प्रसन्न करने के लिए मंत्र जाप, दुर्गा सप्तशती का पाठ और दान-पुण्य करना अत्यंत लाभकारी होता है।
इस दिन विशेष रूप से जरूरतमंदों की मदद करने से देवी की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है और भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।