नवरात्रि में देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है और दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है।
इनका स्वरूप संयम, ध्यान और ज्ञान का प्रतीक है।
विद्यार्थी जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा विशेष लाभकारी मानी जाती है।
इस लेख में हम जानेंगे कि विद्यार्थियों को देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा किस प्रकार करनी चाहिए, इस पूजा से उन्हें क्या लाभ मिलेगा और नवरात्रि के दूसरे दिन कौन से कार्य अवश्य करने चाहिए।
देवी ब्रह्मचारिणी का स्वरूप और उसका महत्व
देवी ब्रह्मचारिणी का नाम “ब्रह्मा” (तपस्या) और “चारिणी” (पालन करने वाली) से मिलकर बना है।
यह स्वरूप देवी पार्वती का है, जब उन्होंने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था।
यह तप विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायी है, क्योंकि किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए धैर्य, संयम और दृढ़ संकल्प आवश्यक है।

माँ ब्रह्मचारिणी का स्वरूप
माँ ब्रह्मचारिणी श्वेत वस्त्र धारण किए हुए हैं और उनके एक हाथ में माला और दूसरे हाथ में कमंडल है।
वे ज्ञान, संयम, ध्यान और साधना की देवी हैं।
उनकी पूजा से व्यक्ति में धैर्य, इच्छाशक्ति और लक्ष्य प्राप्ति की क्षमता बढ़ती है।
छात्रों को सफलता के लिए जिस एकाग्रता और मेहनत की आवश्यकता होती है, वह मां ब्रह्मचारिणी की कृपा से प्राप्त होती है।
विद्यार्थी कैसे कर सकते हैं मां ब्रह्मचारिणी की पूजा?
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की सही विधि से पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
विद्यार्थी यह पूजा अपने घर पर भी कर सकते हैं।
पूजा सामग्री:
एक चौकी (बाजोट)
मां ब्रह्मचारिणी की प्रतिमा या चित्र
सफेद फूल (गुलाब, चमेली या चमेली)
चंदन और रोली
अक्षत (चावल)
धूप और दीप
नैवेद्य (मिश्री, दूध और फल)
गंगा जल
पंचामृत
नारियल
सफेद वस्त्र

पूजा विधि:
- स्नान और शुद्धि: सुबह स्नान करके साफ कपड़े पहनें। विद्यार्थियों को खास तौर पर सफेद या पीले कपड़े पहनने चाहिए, जो पवित्रता और ज्ञान के प्रतीक हैं।
- व्रत का संकल्प लें: मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से पहले व्रत का संकल्प लें और अपनी मनोकामनाएं व्यक्त करें।
- मां की मूर्ति को स्नान कराएं: मां की मूर्ति को गंगाजल और पंचामृत से स्नान कराएं और उन्हें स्वच्छ वस्त्र पहनाएं।
- ध्यान और प्रार्थना: मां ब्रह्मचारिणी का ध्यान करें और हाथ जोड़कर प्रार्थना करें कि वह आपको बुद्धि, स्मरण शक्ति और एकाग्रता प्रदान करें।
- मंत्र जाप: मां ब्रह्मचारिणी के बीज मंत्र का जाप करें –“ॐ ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिणी नमः।” विद्यार्थियों को इस मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए, इससे उनकी स्मरण शक्ति और मानसिक क्षमता में वृद्धि होगी।
- आरती और भोग: धूपबत्ती और दीप जलाकर मां की आरती करें और उन्हें मिश्री, दूध और फल अर्पित करें।
- विद्यार्थियों के लिए विशेष उपाय: पूजा के बाद किताबों और कलमों पर चंदन का तिलक लगाएं और मां ब्रह्मचारिणी से अपनी पढ़ाई में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करने का आशीर्वाद मांगें।
- दुर्गा सप्तश्ती पाठ
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा से विद्यार्थियों को होने वाले लाभ
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा से विद्यार्थियों को कई आध्यात्मिक और मानसिक लाभ मिलते हैं:
- स्मरण शक्ति और एकाग्रता बढ़ती है:
मंत्र जाप और पूजा से विद्यार्थियों की स्मरण शक्ति तेज होती है और वे चीजों को जल्दी समझ और याद रख पाते हैं।
- मानसिक शांति और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ती है:
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा से विद्यार्थियों का मन स्थिर रहता है, जिससे वे पढ़ाई पर बेहतर तरीके से ध्यान केंद्रित कर पाते हैं।
- आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति मजबूत होती है:
इनकी पूजा से आत्मविश्वास बढ़ता है, जिससे विद्यार्थी कठिन विषयों को भी आसानी से समझ पाते हैं।
- परीक्षा में सफलता मिलती है:
जो विद्यार्थी नियमित रूप से मां ब्रह्मचारिणी का स्मरण करते हैं, उन्हें परीक्षा में अच्छे अंक मिलते हैं।
- नकारात्मकता और डर दूर होता है:
मां की कृपा से परीक्षा का डर खत्म होता है और विद्यार्थी सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ते हैं।

नवरात्रि के दूसरे दिन विद्यार्थियों को ये काम जरूर करने चाहिए
- सुबह जल्दी उठकर ध्यान करें
माँ ब्रह्मचारिणी ध्यान और तपस्या की देवी हैं, इसलिए इस दिन सुबह जल्दी उठकर 5 से 10 मिनट तक ध्यान करना चाहिए।
- अपने अध्ययन कक्ष को साफ रखें
इस दिन विद्यार्थियों को अपने अध्ययन स्थान को साफ और व्यवस्थित करना चाहिए। इससे सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
- सफेद कपड़े पहनें और सफेद भोजन करें
सफेद रंग माँ ब्रह्मचारिणी का प्रिय रंग है, इसलिए विद्यार्थियों को इस दिन सफेद कपड़े पहनने
आठ ही उन्हें फल, दूध, मिश्री या खीर का सेवन करना चाहिए।
- मंत्र का 108 बार जाप करें
“ॐ ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिणी नमः।” इस मंत्र का 108 बार जाप करने से बुद्धि और स्मरण शक्ति बढ़ती है।
- गुरु और माता-पिता का आशीर्वाद लें
गुरु और माता-पिता का आशीर्वाद लेना माँ ब्रह्मचारिणी की कृपा पाने का सबसे अच्छा तरीका है।
- दान पुण्य करें
छात्रों को इस दिन जरूरतमंदों को भोजन या अध्ययन सामग्री दान करनी चाहिए।
इससे सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और शुभ फल मिलते हैं।
- डिजिटल डिटॉक्स करें
इस दिन सोशल मीडिया और अत्यधिक स्क्रीन टाइम से बचें और पढ़ाई पर ध्यान दें।

निष्कर्ष
छात्रों के लिए माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा बहुत लाभकारी है।
उनकी पूजा करने से स्मरण शक्ति बढ़ती है, आत्मविश्वास मजबूत होता है और परीक्षा में सफलता मिलती है।
नवरात्रि के दूसरे दिन कुछ खास काम करने से माँ का आशीर्वाद प्राप्त होता है और छात्र अपने जीवन में आगे बढ़ सकते हैं।
अगर छात्र पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा करते हैं, तो वे निश्चित रूप से अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।
माँ ब्रह्मचारिणी की कृपा सभी छात्रों पर बनी रहे!
जय माता दी!