हिंदू धर्म में भगवान शिव की पूजा विशेष रूप से मोक्ष, सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति के लिए की जाती है। भगवान शिव की पूजा में कई तरह के व्रत और पूजा विधियां शामिल हैं, जिनमें से भौम प्रदोष व्रत का विशेष स्थान है।
जब यह व्रत मंगलवार को पड़ता है, तो इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है।
भौम प्रदोष व्रत विशेष रूप से मंगल दोष निवारण, कर्ज मुक्ति और स्वास्थ्य लाभ के लिए किया जाता है।
यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा पाने के लिए सर्वोत्तम माना जाता है।
इस लेख में हम भौम प्रदोष व्रत का महत्व, इसकी विधि, नियम, पूजा प्रक्रिया, आसान उपाय और महत्वपूर्ण मंत्रों के बारे में विस्तार से जानेंगे।
भौम प्रदोष व्रत तिथि व मुहूर्त
वर्ष 2025 में मार्च माह में भौम प्रदोष व्रत है, जो 11 मार्च को है। यह व्रत मंगलवार को पड़ रहा है।
इस दिन का शुभ मुहूर्त:
द्रिक पंचांग के अनुसार इस दिन प्रदोष काल पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6:18 बजे से रात 8:49 बजे तक रहेगा।

भौम प्रदोष व्रत का महत्व
मंगल दोष से मुक्ति
जिन लोगों की कुंडली में मंगल दोष होता है, उनके जीवन में अक्सर विवाह में रुकावटें, धन की हानि और वैवाहिक समस्याएं आती रहती हैं।
भौम प्रदोष व्रत इस दोष को शांत करने में मदद करता है। यह व्रत ग्रहों की स्थिति को संतुलित करता है और नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करता है।
आर्थिक समस्याओं से मुक्ति
अगर कोई व्यक्ति लंबे समय से कर्ज में फंसा हुआ है या आर्थिक तंगी से जूझ रहा है तो यह व्रत उसकी परेशानियों को दूर करता है।
मान्यता है कि भगवान शिव की कृपा से सभी तरह की आर्थिक बाधाएं दूर हो जाती हैं।
स्वास्थ्य लाभ
मंगल ग्रह शरीर में ऊर्जा, रक्त और स्वास्थ्य का प्रतिनिधित्व करता है।
भौम प्रदोष व्रत रखने से व्यक्ति को शारीरिक शक्ति और मानसिक शांति मिलती है।
इससे बीमारियों से राहत मिलती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
वैवाहिक जीवन में सुधार
अगर किसी दंपत्ति के वैवाहिक जीवन में तनाव है तो भौम प्रदोष व्रत रखने से उनके रिश्ते में मधुरता आती है।
इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।

भौम प्रदोष व्रत की सम्पूर्ण विधि
व्रत के नियम
भौम प्रदोष व्रत के दौरान कुछ विशेष नियमों का पालन करना आवश्यक है:
ब्रह्मचर्य का पालन करें। इस दिन संयमित जीवनशैली अपनाएँ।
सात्विक भोजन करें। लहसुन-प्याज रहित भोजन करें।
झूठ न बोलें और किसी के प्रति बुरे विचार न रखें।
पूरे दिन भगवान शिव का ध्यान करें और उनकी भक्ति में लीन रहें।
व्रत के दौरान नशे से दूर रहें और मन को पवित्र रखें।
भौम प्रदोष व्रत शुरू करने की विधि
व्रत करने वाले व्यक्ति को सुबह ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए।
घर की सफाई करें और मंदिर में दीपक जलाएँ।
भगवान शिव, माता पार्वती, नंदी और मंगल की मूर्ति स्थापित करें।
पूजन विधि (पूजन विधि)
गंगा जल, दूध, दही, शहद, घी और चीनी से शिवलिंग पर पंचामृत अभिषेक करें।
भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा और भांग चढ़ाएँ।
लाल फूल, चंदन और साबुत चावल चढ़ाएं।
दीप जलाएं और धूपबत्ती से भगवान शिव की आरती करें।
पूजा के दौरान निम्नलिखित मंत्रों का जाप करें:
“ॐ नमः शिवाय” (108 बार)
“ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः” (51 बार)
व्रत विधि
व्रत करने वाले को सूर्योदय से लेकर प्रदोष काल तक उपवास रखना चाहिए।
यदि स्वास्थ्य ठीक नहीं है, तो फल खा सकते हैं।
प्रदोष काल (सूर्यास्त से 45 मिनट पहले और बाद में) में पूजा करना अनिवार्य है।
रात में जागरण करें और शिव पुराण, रुद्राष्टक या शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करें।
अगले दिन ब्राह्मण को भोजन कराकर और दान देकर व्रत का समापन करें।

आसान उपाय
कर्ज मुक्ति के उपाय
मंगलवार को शिवलिंग पर कच्चा दूध चढ़ाते समय इस मंत्र का जाप करें:
“ॐ ऋणमोचकाय नमः”
इस उपाय से पुराने ऋण धीरे-धीरे समाप्त हो जाते हैं।
विवाह में विलंब से राहत
भौम प्रदोष के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का सिंदूर और चूड़ियाँ अर्पित करें।
“ॐ गौरीशंकराय नमः” मंत्र का जाप करें।
रोगमुक्ति के उपाय
शिवलिंग पर आक के फूल चढ़ाएं और इस मंत्र का जाप करें:
“ॐ हौं जूं सः”
यह उपाय विशेष रूप से लंबे समय से चल रही बीमारियों के लिए प्रभावी है।
मानसिक शांति के उपाय
रात को दीपक जलाएं और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें
“ॐ त्र्यंबकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।”
महत्वपूर्ण मंत्र
- शिव मंत्र
“ॐ नमः शिवाय”
इस पंचाक्षरी मंत्र के जाप से सभी बुराइयों से मुक्ति मिलती है।
- मंगल दोष निवारण मंत्र
“ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः”
यह मंत्र मंगल के दुष्प्रभावों को शांत करने में सहायक है।
- ऋण मुक्ति मंत्र
“ॐ ऋणमोचाय नमः”
पुराने ऋणों और आर्थिक समस्याओं से मुक्ति पाने का मंत्र।
- स्वास्थ्य लाभ के लिए मंत्र
“ॐ हौं जूं सः”
यह मंत्र रोगों से मुक्ति पाने के लिए बहुत कारगर माना जाता है।
विशेष उपाय
- तांबे का दान करें
मंगल का प्रतीक तांबा है। मंगलवार को तांबे का दान करने से ग्रह दोष शांत होते हैं।
- हनुमान जी की पूजा करें
मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करना विशेष लाभकारी होता है। उनके सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- शिवलिंग पर लाल चंदन चढ़ाएं
शिवलिंग पर लाल चंदन से तिलक लगाने से मंगल की नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है।
- मसूर की दाल का दान करें
मंगलवार को मसूर की दाल का दान करने से आर्थिक समृद्धि और कर्ज से मुक्ति मिलती है।
भौम प्रदोष व्रत का फल/लाभ
आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।
ग्रह दोष शांत होते हैं।
वैवाहिक जीवन में प्रेम और समझदारी बढ़ती है।
स्वास्थ्य में सुधार होता है और बीमारियों से मुक्ति मिलती है।
परिवार में सुख, शांति और समृद्धि आती है।

निष्कर्ष
भौम प्रदोष व्रत करने से न केवल जीवन की समस्याओं से मुक्ति मिलती है, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग भी प्रशस्त होता है।
भगवान शिव की कृपा से मनुष्य के सभी कष्ट दूर होते हैं और उसे सुख, समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है।
यह व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए बहुत फलदायी है जो मंगल दोष, कर्ज संकट या स्वास्थ्य समस्याओं से परेशान हैं।
हर हर महादेव!
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