महाशिवरात्रि भगवान शिव की विशेष उपासना का अत्यधिक महत्वपूर्ण त्योहार है।
इस दिन शिव भक्त व्रत, रुद्राभिषेक, रात्रि जागरण, और विशेष पूजा-अर्चना करते हैं।
शिवलिंग की पूजा इस दिन अत्यंत शुभ मानी जाती है, क्योंकि यह शिव तत्त्व का प्रतीक है।
हालांकि, क्या आपको पता है कि शिवलिंग पर कुछ आहुतियाँ देने से शिवजी प्रसन्न होते हैं, जबकि कुछ आहुतियाँ विरोधित मानी जाती हैं?
इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर क्या चढ़ावन किया जाने चाहिए और क्या नहीं, ताकि आपकी पूजा सफल हो और भगवान शिव की कृपा प्राप्त हो।
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महाशिवरात्रि में शिवलिंग पर क्या अर्पित करें
जल (गंगाजल या पवित्र जल)
शिवलिंग पर पानी चढ़ाने का विशेष महत्व है।
गंगाजल डालने से सभी पापों का नाश होता है और शिवजी की आशीर्वाद प्राप्त होती है।
अगर गंगाजल उपलब्ध नहीं हो, तो शुद्ध जल भी डाला जा सकता है।
पंचामृत (दूध, दही, घी, मधु, और चीनी)
पंचामृत से स्नान करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
दूध – शांति और आदर्श प्रदान करता है।
दही – स्वास्थ्य और समृद्धि प्रदान करता है।
घी – पॉजिटिव एनर्जी को बढ़ाता है।
मधु – मिठास और प्रेम को प्रकट करता है।
चीनी – जीवन में सुख-समृद्धि लाने में सहायक होता है।
बेलपत्र
बेलपत्र भगवान शिव के लिए बहुत प्रिय हैं।
शास्त्रों में कहा गया है कि बेलपत्र देने से भक्त की मनोकामना पूरी हो सकती है।
महत्वपूर्ण नियम:
बेलपत्र का हमेशा तीन पत्तियों वाला होना चाहिए।
बेलपत्र को उल्टा रखा जाना चाहिए।
भांग, धतूरा और आक के फूल
भगवान शिव को भांग, धतूरा और आक के फूल चढ़ाना शुभ माना जाता है, क्योंकि ये विष की प्रतिक्रिया होते हैं और शिवजी ने विष को अपने गले में पिया था।
चंदन
शिवलिंग पर चंदन का सफेद रंग लगाने से मन शांत रहता है और आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त होती है।
अक्षत (चावल)
शिव पूजा में साबुत चावल (अक्षत) का विशेष महत्व होता है। यह समृद्धि और पूर्णता का प्रतीक माना जाता है।
गन्ने का रस और शहद
भगवान शिव को मीठा पसंद है, इसलिए गन्ने का रस और शहद अर्पित करने से जीवन में मिठास और समृद्धि आती है।
तिल
सियाही के बीज से अभिषेक करने से पितृ दोष का अंत होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है।
विभूति (अंगारा)
विभूति भगवान शिव की पसंदीदा चीज है। इसे शिवलिंग पर अर्पित करने से भक्त के सभी पापों का समापन होता है।
फल और मिठाई
शिवलिंग पर ताजा फल और मिठाई चढ़ाने से भगवान शिव खुश होते हैं और भक्त को सुख-समृद्धि की कृपा मिलती है।
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महाशिवरात्रि में शिवलिंग को क्या नहीं चढ़ाये?
तुलसी के पत्ते
तुलसी माँ को भगवान विष्णु की प्रिय माना जाता है।
एक कथा के अनुसार, तुलसीजी ने भगवान शिव को श्राप दिया था, इसलिए शिवलिंग पर तुलसी चढ़ाना वर्जित है।
केतकी और केवड़ा के फूल
एक पुरानी कथा के अनुसार, केतकी और केवड़ा के फूल ने झूठ बोलकर भगवान शिव को छल किया था।
इस कारण ये फूल शिव पूजा में निषेध माने जाते हैं।
नारियल का जल
शिवलिंग पर नारियल अर्पित किया जा सकता है, परंतु नारियल का पानी चढ़ाना उचित नहीं है।
क्योंकि यह धन से संबंधित होता है और इसे शिवलिंग पर अर्पित करना अशुभ माना जाता है।
सिंदूर और हल्दी
सिंदूर और हल्दी को सुहाग का प्रतीक माना जाता है, जबकि भगवान शिव को वैराग्य का प्रतीक माना जाता है।
इसलिए शिवलिंग पर सिंदूर और हल्दी चढ़ना वर्जित है।
सूखे या टूटे बेलपत्र
शिवलिंग पर किसी भी विचलित या सूखे बेलपत्र को न्योता नहीं देना चाहिए, क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है।
नारियल का तेल और मक्खन
शिवलिंग पर मक्खन या तेल लगाना उचित नहीं है, क्योंकि यह शिवलिंग के ऊर्जात्मक प्रभाव को प्रभावित कर सकता है।
लाल और काले रंग के फूल
शिवजी को सफेद और हल्के रंग के फूल अधिक पसंद हैं।
लाल और काले रंग के फूल नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माने जाते हैं, इसलिए इन फूलों को शिवलिंग पर न रखा जाना चाहिए।
दूर्वा
दूर्वा घास भगवान गणेश के लिए अत्यंत प्रिय है, परंतु यह शिवलिंग पर में उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।
कांटे वाले फूल या पत्ते
चुभते फूलों या पत्तों को भगवान शिव के पास न रखना चाहिए, क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न कर सकते हैं।
टूटे या काटे हुए फल
भगवान शिव के लिए हमेशा पूरे फल का ही अर्पण करना उचित है। काटे हुए या खंडित फल अशुभ माना जाता है।
महाशिवरात्रि पूजन विधि
- स्नान करने के बाद शुद्ध कपड़े पहनें और शिवलिंग पर पानी चढ़ाएँ।
- पूजा करते समय उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख दें।
- शिवलिंग पर चढ़ा पानी या अन्य वस्तुओं को फिर से प्रयोग न करें।
- शिवलिंग पर केवल दाहिने हाथ से सामग्री समर्पित करें।
- भगवान शिव के पूजन में सात्विकता और पवित्रता की धारा जारी रखें।
निष्कर्ष
महाशिवरात्रि पर, यदि व्यक्ति शिवलिंग पर सही वस्तुएँ अर्पित करता है, तो भगवान शिव की आशीर्वाद प्राप्त होती है, जबकि कुछ वस्तुएँ चढ़ाने से पूजा असफल हो सकती है। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि क्या वास्तुएँ प्राप्त करनी चाहिए और क्या नहीं।
इस महाशिवरात्रि पर, भगवान शिव की पूजा पूरी श्रद्धा और सही विधि से करें और भोलेनाथ की कृपा प्राप्त करें।
हर हर महादेव! जय भोलेनाथ!
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