लक्ष्मी अष्टक एक पवित्र स्तोत्र है जो माँ लक्ष्मी की पूजा में प्रयोग किया जाता है।
इस स्तोत्र में आठ श्लोक हैं जो माता लक्ष्मी के गुणों की महत्वपूर्णता को बताते हैं। इसके पाठ से धन, संपत्ति और सफलता प्राप्त करने की कामना की जाती है।
यह स्तोत्र न केवल वित्तीय समस्याएं हल करने में मदद करता है बल्कि मन को शांति और आनंद प्रदान करता है।
पूर्ण भाव से और नियमित रूप से इसका पाठ करने से माँ लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
इस लेख के माध्यम से हम लक्ष्मी अष्टक के पाठ और उसके महत्व विधि लाभ आदि जानेंगे।

लक्ष्मी अष्ठक पाठ
श्री शुभ ॥ श्री लाभ ॥ श्री गणेशाय नमः॥
नमस्तेस्तू महामाये श्रीपिठे सूरपुजिते ।शंख चक्र गदा हस्ते महालक्ष्मी नमोस्तूते ॥१॥
नमस्ते गरूडारूढे कोलासूर भयंकरी ।सर्व पाप हरे देवी महालक्ष्मी नमोस्तूते ॥२॥
सर्वज्ञे सर्ववरदे सर्वदुष्ट भयंकरी ।सर्व दुःख हरे देवी महालक्ष्मी नमोस्तूते ॥३॥
सिद्धीबुद्धूीप्रदे देवी भुक्तिमुक्ति प्रदायिनी ।मंत्रमूर्ते सदा देवी महालक्ष्मी नमोस्तूते ॥ ४ ॥
आद्यंतरहिते देवी आद्यशक्ती महेश्वरी ।योगजे योगसंभूते महालक्ष्मी नमोस्तूते ॥ ५ ॥
स्थूल सूक्ष्म महारौद्रे महाशक्ती महोदरे ।महापाप हरे देवी महालक्ष्मी नमोस्तूते ॥ ६ ॥
पद्मासनस्थिते देवी परब्रम्हस्वरूपिणी ।परमेशि जगन्मातर्र महालक्ष्मी नमोस्तूते ॥७॥
श्वेतांबरधरे देवी नानालंकार भूषिते ।जगत्स्थिते जगन्मार्त महालक्ष्मी नमोस्तूते ॥८॥
महालक्ष्म्यष्टकस्तोत्रं यः पठेत् भक्तिमान्नरः ।सर्वसिद्धीमवाप्नोति राज्यं प्राप्नोति सर्वदा ॥९॥
एककाले पठेन्नित्यं महापापविनाशनं ।द्विकालं यः पठेन्नित्यं धनधान्य समन्वितः ॥१०॥
त्रिकालं यः पठेन्नित्यं महाशत्रूविनाशनं ।महालक्ष्मीर्भवेन्नित्यं प्रसन्ना वरदा शुभा ॥११॥
॥ इतिंद्रकृत श्रीमहालक्ष्म्यष्टकस्तवः संपूर्णः ॥
लक्ष्मी अष्टक का महत्व
लक्ष्मी अष्टक का पाठ एक विशेष और प्रभावशाली तरीका है जो देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। यह अष्टक माता लक्ष्मी के लिए है, जो धन, समृद्धि और वैभव की देवी हैं।
इसका अध्ययन जीवन में आर्थिक स्थिरता लाता है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
नियमित रूप से लक्ष्मी अष्टक का पाठ करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और नकारात्मक शक्तियाँ दूर रहती हैं।
यह पाठ भक्तों को मानसिक शान्ति और आत्मिक सुख भी देता है।
धार्मिक मान्यता है कि जो व्यक्ति शुद्ध भाव और नियमों के साथ अष्टक का पाठ करता है, उसके जीवन में कभी धन की कमी नहीं होती और देवी लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है।
लक्ष्मी अष्टक पाठ की विधि
निम्नलिखित विधियों को पढ़ कर पाठ करना आरंभ करें।
- पाठ करने से पहले नहाना है और स्वच्छ कपड़े पहनना है।
- देवी लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर के सामने दिया जलाना।
- सफेद या गुलाबी फूल, अक्षत (चावल), और मिठाई के प्रसाद चढ़ाये ।
- आसन पर पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें।
- शांत मन से “श्री लक्ष्मी अष्टक स्तोत्र” का पाठ करें।
- पाठ के बाद देवी को नमस्कार करें और आरती आरंभ करें।
- अंत में प्रसाद बाँटें और परिवार के साथ इस स्त्रोत के लाभ का भागीदारी करें।
पाठ के लाभ
- वित्तीय समृद्धि: इस पाठ से घर में पैसे और संपत्ति की वृद्धि होती है।
- ऋण मुक्ति: अगर किसी व्यक्ति को कर्ज से परेशानी है, तो यह पाठ उसकी समस्याओं का हल ढूंढता है।
- मानसिक शांति: देवी लक्ष्मी का पाठ करने से मानसिक शांति और तनाव में कमी होती है।
- अवरोधों का उन्मूलन: यह पाठ जीवन में आने वाली सभी प्रकार की अवरोधनाओं को समाप्त करता है।
- पारिवारिक खुशियां: लक्ष्मी अष्टक के प्रभाव से परिवार में प्यार और मेलजोल बना रहता है।
- भगवान लक्ष्मी की अनुग्रह: इससे भगवान लक्ष्मी हमेशा प्रसन्न रहती हैं और उनकी अनुग्रह जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है।
पाठ के लिए ध्यान देने योग्य बातें
- ध्यान दें कि पाठ के समय मन और शरीर की पवित्रता की देखभाल की जाए।
- शुद्ध भाषा और विचारों का पाठ के दौरान उपयोग करें।
- पाठ करने की नियमित आदत को अपनाएं, जिसे नियमित समय और स्थान पर करें।
- माता लक्ष्मी की आरती को पाठ से पहले और बाद में आवश्यक रूप से करें।
- कुशासन या चटाई जैसे उपयुक्त आसन का उपयोग पाठ के लिए करें।
- अहंकार या दूसरों का अनादर जैसे कार्यों से देवी लक्ष्मी को नाराज़ न करें।
- विश्वास और श्रद्धा के साथ पाठ करें, जिससे इसका पूरा लाभ मिल सके।

Frequently Asked Questions related to लक्ष्मी अष्टक
1: लक्ष्मी अष्टक कब पढ़ा जाना चाहिए?
उत्तर: लक्ष्मी अष्टक को शुक्रवार या पूर्णिमा के दिन पढ़ना शुभ माना जाता है। इसे रोजाना सुबह-शाम भी पढ़ा जा सकता है।
2: लक्ष्मी अष्टक कैसे गाया जाए?
उत्तर: स्नान के बाद साफ कपड़े पहन कर, माँ लक्ष्मी की मूर्ति के सामने दीपक जलाएं, प्रसाद चढ़ाएं और आसन पर बैठकर पाठ करें।
3: क्या लक्ष्मी अष्टक का पठ घर में धन की कमी को मिटाता है?
उत्तर: हाँ, लक्ष्मी माता अष्टक नियमित रूप से पढ़ने से आर्थिक समस्याएँ हल होती हैं और धन-संपत्ति बढ़ती है।
4: अष्टक को कितनी बार पढ़ना चाहिए?
उत्तर: इसे कम से कम एक बार, और यदि हो सके तो 3, 5 या 11 बार पूर्ण भाव से पढ़ना उपयुक्त है।
5: क्या रात्रि को लक्ष्मी अष्टक का पठ किया जा सकता है?
उत्तर: हाँ, रात्रि में पठ करना भी शुभ माना जाता है, खासकर दीपावली या धनतेरस के मौके पर।
6: क्या पठ के लिए कोई विशेष सामग्री की आवश्यकता है?
उत्तर: पठ के लिए दीपक, फूल, चावल, गुलाबजल और देवी लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र का उपयोग किया जाना चाहिए।
7: क्या सभी लोग लक्ष्मी माता अष्टक को पढ़ सकते हैं?
उत्तर: हाँ, यह स्तोत्र का पाठ सभी वर्ग जाति और धर्म के लोग विश्वास के साथ कर सकते हैं।
8: अष्टक पाठ का मुख्य फायदा क्या है?
उत्तर: इसका मुख्य फायदा देवी लक्ष्मी की अनुग्रह प्राप्त करना और जीवन में खुशी-समृद्धि की कृपा पाना है।
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