Marg DarshanMarg Darshan
  • Home
  • Bhakti
    • Tyohar
    • Vrat
    • Vrat Katha
    • Aarti
    • Puja Vidhi
  • Technology
    Technology
    Stay up-to-date with the latest advancements in technology through articles, insights, and resources that explore innovations, trends, and breakthroughs shaping the future.
    Show More
    Top News
    TECHNOLOGY AND INNOVATION: FEULING HUMAN PROGRESS IN THE FUTURE
    November 22, 2024
    How Social Media Effect our Life:
    November 19, 2024
    Cybersecurity Threats and How to Stay Protected in 2024 :
    November 17, 2024
    Latest News
    The Rise of Cybercrime with the Help of Artificial Intelligence
    December 31, 2024
    ISRO Launch It’s Major SPADEX Mission
    December 24, 2024
    Elon Musk and Starlink: Connecting the World
    December 21, 2024
    Renewable Resources: The Future of Energy
    December 21, 2024
  • Business
    Business
    Explore the dynamic world of business with articles, insights, and resources on the latest trends, strategies, and innovations shaping industries and driving entrepreneurial success.
    Show More
    Top News
    How Social Media Effect our Life:
    November 19, 2024
    Why Uber Charges Different Prices for the Same Place on Different Phones
    December 25, 2024
    Elon Musk’s Starship Project: A Leap into the Future of Fast Space Travel
    November 17, 2024
    Latest News
    Beginner’s Guide to Investment: Investment Made Easy
    April 23, 2025
    Scalable Business Model in 2025: Key Strategies for growth
    February 4, 2025
    Marketing Trends in Social Media 2025: what startups must know?
    January 27, 2025
    Is Nissan and Honda and Mitsubishi Motors Merger
    December 28, 2024
  • Web Stories
  • PDFs
    PDFs
    Get various ‘Chalisas’, ‘Aartis’, ‘Stotra’, etc. with their respective PDF files which can be downloaded in a single click.
    Show More
    Top News
    Vishnu Sahasranamam Lyrics - Image
    Sri Vishnu Sahasranamam Stotram With PDF in Sanskrit – श्री विष्णु सहस्रनाम स्तोत्रम्
    April 29, 2025
    Shri Sukt with PDF | श्री सूक्त का पाठ करने के लाभ और विधि
    December 24, 2024
    NEET 2025: Everything you need to know about NEET
    January 25, 2025
    Latest News
    NEET 2025: Everything you need to know about NEET
    January 25, 2025
    Sankat Nashan Ganesh Stotra PDF: संकटनाशन गणेश स्तोत्र महिमा, पाठ एवं विधि
    December 28, 2024
    Hanuman Chalisa PDF: हनुमान चालीसा पाठ करने का सही तरीका
    December 27, 2024
    Kanakdhara Stotra PDF: कनकधारा स्तोत्र पाठ की विधि, लाभ, कथा और हिंदी अनुवाद सहित
    April 30, 2025
  • About
    • Privacy Policy
    • Terms & Conditions
    • Disclaimer
    • About Us
    • Contact Us
    • Contact No.
Reading: Hanuman Chalisa PDF: हनुमान चालीसा पाठ करने का सही तरीका
Share
Notification Show More
Font ResizerAa
Font ResizerAa
Marg DarshanMarg Darshan
  • Home
  • Bhakti
  • Technology
  • Business
  • Web Stories
  • PDFs
  • About
  • Home
  • Bhakti
    • Tyohar
    • Vrat
    • Vrat Katha
    • Aarti
    • Puja Vidhi
  • Technology
  • Business
  • Web Stories
  • PDFs
  • About
    • Privacy Policy
    • Terms & Conditions
    • Disclaimer
    • About Us
    • Contact Us
    • Contact No.
Have an existing account? Sign In
Follow US
© 2025 Marg Darshan News Network. An Unbiased Tunnel For Latest News. All Rights Reserved.
Marg Darshan > Blog > Spiritual > Chalisa > Hanuman Chalisa PDF: हनुमान चालीसा पाठ करने का सही तरीका
ChalisaPDFsPuja VidhiSpiritual

Hanuman Chalisa PDF: हनुमान चालीसा पाठ करने का सही तरीका

Sadhana Pandey
Last updated: December 27, 2024 5:23 pm
By Sadhana Pandey
14 Min Read
Share
SHARE

Contents
महिमाहनुमान चालीसा के लाभपाठ करने का सही तरीकाहनुमान चालीसा हिंदी अनुवाद सहितDownload Hanuman Chalisa PDF

हनुमान चालीसा गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित एक काव्य है तुलसीदास जी ने हनुमान जी की महिमा और भक्तिपूर्ण स्वभाव को देखकर उन्हें प्रसन्न करने के लिए हनुमान चालीसा की रचना की ।

हनुमान जी की कृपा से सभी संकट दूर हो जाते हैं, इसी कारण उन्हें संकटमोचन भी कहा जाता है। हनुमान जी को प्रसन्न करना बहुत ही आसान माना जाता है। हनुमान चालीसा के पाठ से व्यक्ति को भगवान की भक्ति प्राप्त होती है। हनुमान चालीसा के पाठ से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और भक्त सभी परेशानियों से मुक्त होकर जीवन में सुख का अनुभव करता है।

महिमा

पौराणिक कथा के अनुसार, हनुमान जी ही कलियुग में सजीव देवता हैं। । हनुमान जी सदैव अपने भक्तों और साधकों पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं और उनकी सभी इच्छाएँ पूरी करते हैं।

चालीसा का नियमित पाठ करने से जीवन की सभी कठिनाइयाँ और बड़े से बड़े संकट दूर हो जाते हैं। यदि आप इसे प्रतिदिन नहीं पढ़ सकते, तो इसे मंगलवार और शनिवार के दिन अवश्य पढ़ें। ऐसा करने से सभी इच्छाएँ पूरी होती हैं।

हनुमान चालीसा के लाभ

हनुमान जी अपने भक्तों और साधकों पर सदैव अपनी कृपा बरसाते हैं और उनकी सभी इच्छाएँ पूरी करते हैं। हनुमान चालीसा का पाठ करने से जीवन में कई चमत्कारी लाभ मिलते हैं। हनुमान जी को बालसुलभ बुद्धि और ज्ञान का देवता माना गया है।

इस चालीसा के पाठ से व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक परेशानियों से मुक्ति मिलती है। साथ ही, यह भक्त को जीवन में सुख, शांति और समृद्धि प्रदान करता है।

पाठ करने का सही तरीका

अगर आप किसी उद्देश्य से पाठ कर रहे हैं, तो यदि आप इसे पूरी ज़िंदगी में पढ़ते रहेंगे, फिर भी भगवान की प्राप्ति नहीं होगी। लेकिन अगर आप सही भावना से आसन पर बैठे हैं और जिस भगवान की चालीसा का पाठ कर रहे हैं, उनकी मूर्ति या फोटो आपके सामने होनी चाहिए। यदि आप हनुमान चालीसा पढ़ रहे हैं, तो यह भी ध्यान रखें कि गाय के घी का दीपक लगाएं।

 अगर आप हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे हैं और बहुत कष्ट में हैं, तो तिल के तेल का दीपक जलाएं और हनुमान जी के सामने एक आसन बिछाएं। यदि आप बहुत परेशानी में हैं, तो दिन में तीन बार चालीसा का पाठ करें।

ध्यान रखें कि एक बार पाठ में जो समय लगे, वही समय हर बार पाठ में लगाएं, जैसे 9:00 मिनट। इसे 11 दिनों तक लगातार करें।

पाठ के लिए एक तांबे का जल कलश लें, उसे पानी से भरें, उसमें एक सिक्का और एक लौंग डालें। कलश को ढककर एक तरफ रख दें। हर दिन समय पर बैठकर पाठ करें। 11 दिन पूरे होने पर अपनी इच्छा व्यक्त करें जिसके लिए आप पाठ कर रहे थे।

इसके बाद कलश का पानी निकालकर थोड़ा पियें और उस पानी का उपयोग उसी कार्य के लिए करें, जिसके लिए पाठ किया गया था। यदि आपको कहीं जाना हो, तो जाने से पहले वह पानी पी लें। यदि किसी से हाथ मिलाना हो, तो वह सिक्का अपने हाथ में रख लें और फिर मिलें।

हनुमान चालीसा हिंदी अनुवाद सहित

श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुर सुधारि।
बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि॥

श्री गुरु महाराज के चरण कमलों की धूलि से अपने मन रूपी दर्पण को पवित्र करके श्री रघुवीर के निर्मल यश का वर्णन करता हूँ जो चारों फल धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को देने वाला है।

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार।
बल बुद्धि विद्या देहु मोहि, हरहु कलेस विकार॥

हे पवन कुमार, मैं आपको स्मरण करता हूँ, आप तो जानते ही हैं कि मेरा शरीर और बुद्धि निर्बल है, मुझे शारीरिक बल, सद्बुद्धि और ज्ञान दीजिए और मेरे दुखों व दोषों का नाश कीजिए।

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।

श्री हनुमान जी, आपकी जय हो, आपका ज्ञान और गुण अथाह हैं। हे कपिलेश्वर, आपकी जय हो, तीनों लोकों – स्वर्ग लोक, भुलोक और पाताल लोक में आपकी कीर्ति है।

रामदूत अतुलित बल धामा। अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।

हे पवनसुत अंजनी नंदन, आपके समान दूसरा बलवान नहीं है।

महावीर विक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी।।

हे महावीर बजरंगबली, आप विशेष पराक्रम वाले हैं, आप खराब बुद्धि को दूर करते हैं और अच्छी बुद्धि वाले के साथी और सहायक हैं।

कंचन वरन विराज सुवेसा। कानन कुण्डल कुंचित केसा।।

आप सुनहरे रंग, सुंदर वस्त्रों, कानों में कुंडल और घुंघराले बालों से सुसज्जित हैं।

हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै। काँधे मूँज जनेऊ साजै।

आपके हाथ में ब्रज और ध्वजा और कंधे पर मञ्जे का यज्ञोपवीत की शोभा है।

शंकर सुवन केसरीनंदन। तेज प्रताप महा जग वन्दन।।

शंकर के अवतार, हे केसरी नंदन, आपके पराक्रम और महान यश की संसार भर में वन्दना होती है।


विद्यावान गुणी अति चातुर।राम काज करिबे को आतुर।।

आप प्रखण्ड विद्या के निधान हैं, गुणवान और अत्यंत कार्यकुशल होकर श्री राम के कार्य करने के लिए अतुलनीय रहते हैं।


प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया। राम लखन सीता मन बसिया।।

आप श्री रामचरित सुनाने में आनंद रस लेते हैं, श्री राम, सीता और लक्ष्मण आपके हृदय में बसे रहते हैं।

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। विकट रूप धरि लंक जरावा।।

आपने अपना बहुत छोटा रूप धारण करके सीता जी को दिखलाया और भयंकर रूप करके लंका को जलाया।

भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचंद्र के काज संवारे।।

आपने विकराल रूप धारण करके राक्षसों को मारा और श्री रामचन्द्र जी के उद्देश्यों को सफल किया।

लाय सजीवन लखन जियाये। श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।।

आपने संजीवनी बूटी लाकर लक्ष्मण जी को प्राण दिए जिससे श्री रघुवीर ने हर्षित होकर आपको हृदय से लगा लिया।

Hanuman

रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई। तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।

श्री राम ने आपकी अत्यधिक प्रशंसा की और कहा कि तुम मुझे भरत के समान प्रिय हो।


सहस बदन तुम्हरो जस गावैं। अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।।

श्री राम ने आपको यह कहकर हृदय से लगा लिया कि तुम्हारा यश हजार मुखों से सराहनीय है।

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीशा। नारद सारद सहित अहीसा।।

श्री सनक, श्री सनातन, श्री संनंदन, श्री सनत कुमार, आदि मुनि, ब्रह्मा, आदि देवता, नारद जी, सरस्वती जी, शेषनाग जी सब आपका गुणगान करते हैं।

जम कुबेर दिगपाल जहां ते। कवि कोविद कहि सके कहाँ ते।।

यमराज, कुबेर आदि सब दिशाओं के रक्षक, कवी, विद्वान, पंडित या कोई भी आपके यश का पूर्णता वर्णन नहीं कर सकते।

तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा। राम मिलाय राज पद दीन्हा।।

आपने सुग्रीव जी को श्री राम से मिलाकर उपकार किया, जिसके कारण वह राजा बने।

तुम्हरो मंत्र विभीषन माना। लंकेश्वर भये सब जग जाना।।

आपके उपदेश का पालन विभीषण जी ने किया, जिससे वे लंका के राजा बने, इसको सब संसार जानता है।

जुग सहस्र योजन पर भानू। लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।

जो सूर्य इतने योजन दूर हैं, उन्हें पर पहुँचने के लिए हजारों युग लगते हैं, दो हजार योजन की दूरी पर स्थित सूर्य को आपने एक मीठा फल समझकर निकाल लिया।

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं। जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।

आपने श्री रामचन्द्र जी की अंगूठी मुँह में रखकर समुद्र को लांघ लिया, इसमें कोई आश्चर्य नहीं है।

दुर्गम काज जगत के जेते। सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।

संसार में जितने भी कठिन से कठिन काम हैं, वह आपकी कृपा से सहज हो जाते हैं।

राम दुआरे तुम रखवारे। होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।

श्री रामचन्द्र जी के द्वार के आप रक्षक हैं, जिसमें आपकी आज्ञा बिना किसी को प्रवेश नहीं मिलता, अर्थात आपकी प्रसन्नता के बिना रामकृपा दुर्लभ है।

सब सुख लहै तुम्हारी सरना। तुम रक्षक काहू को डरना।।


जो भी आपकी शरण में आते हैं, उन्हें सभी को आनंद प्राप्त होता है और जब आप रक्षक हैं तो फिर किसी का डर नहीं रहता।

आपन तेज सम्हारो आपै। तीनों लोक हांक तें कांपै।।

आपके सिवाय आपकी वेग को कोई नहीं रोक सकता, आपकी गर्जना से तीनों लोक कांप जाते हैं।

भूत पिसाच निकट नहिं आवै। महाबीर जब नाम सुनावै।।

जहां महावीर हनुमान जी का नाम सुनाया जाता है, वहां भूत-पिशाच पास भी नहीं आते।

नासै रोग हरै सब पीरा। जपत निरंतर हनुमत बीरा।।

वीर हनुमान जी, आपका निरंतर जप करने से सभी रोग चले जाते हैं और सभी पीड़ाएं मिट जाती हैं।

संकट तें हनुमान छुड़ावै। मन क्रम वचन ध्यान जो लावै।।

हनुमान जी, विचार करने में, कर्म करने में, बोलने में, जिनका ध्यान आप में रहता है, उन्हें सभी संकटों से आप छुड़ाते हैं।


सब पर राम तपस्वी राजा। तिनके काज सकल तुम साजा।

तपस्वी राजा श्री राम जी सबसे श्रेष्ठ हैं, उनके सभी कार्यों को आपने सहज में कर दिया।

और मनोरथ जो कोई लावै।सोई अमित जीवन फल पावै।।


जिस पर आपकी कृपा हो, वह कोई भी अभिलाषा करे तो उसे ऐसा फल मिलता है जिसकी जीवन में कोई सीमा नहीं होती।

चारों युग परताप तुम्हारा। है परसिद्ध जगत उजियारा।।

चारों युगों – सत्ययुग, त्रेतायुग, द्वापर और कलियुग में आपका यश फैला हुआ है, जगत में आपकी कीर्ति सर्वत्र प्रकाशमान है।

साधु-संत के तुम रखवारे। असुर निकंदन राम दुलारे।।


हे श्री राम के दुलारे, आप सज्जनों की रक्षा करते हैं और दुष्टों का नाश करते हैं।

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता। अस वर दीन जानकी माता।।

आपको माता श्री जानकी से ऐसा वरदान मिला हुआ है जिससे आप किसी को भी अनूठी सिद्धियाँ और नव निधियाँ दे सकते हैं।

राम रसायन तुम्हरे पासा। सदा रहो रघुपति के दासा।।

आप निरंतर श्री रघुनाथ जी की शरण में रहते हैं, जिससे आपके पास बुढ़ापे और असाध्य रोगों के नाश के लिए राम नाम औषधि है।

तुम्हरे भजन राम को भावै। जनम-जनम के दुख बिसरावै।।

आपका भजन करने से श्री राम जी प्राप्त होते हैं और जन्म-जन्मांतर के दुख दूर होते हैं।

अन्त काल रघुबर पुर जाई। जहाँ जन्म हरि-भक्त कहाई।।

अंत समय श्री रघुनाथ जी के धाम को जाते हैं और यदि फिर भी जन्म लेंगे तो भक्ति करेंगे और श्री राम भक्त कहलाएंगे।

और देवता चित्त न धरई। हनुमत सेई सर्व सुख करई।।

हे हनुमान जी, आपकी सेवा करने से सभी प्रकार के सुख मिलते हैं और फिर अन्य किसी देवता की आवश्यकता नहीं रहती।

संकट कटै मिटै सब पीरा। जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।

हे वीर हनुमान जी, जो आपको स्मरण करता रहता है, उसके सभी संकट कट जाते हैं और सभी पीड़ाएं मिट जाती हैं।

जै जै जै हनुमान गोसाईं। कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।

हे स्वामी हनुमान जी, आपकी जय हो, जय हो, जय हो, आप मुझमें पर कृपा करें, श्री गुरु जी के समान कृपा कीजिए।

जो सत बार पाठ कर कोई। छूटहिं बंदि महा सुख होई।।

कोई इस हनुमान चालीसा का 100 बार पाठ करेगा, वह सब बंधनों से छुट जाएगा और उसे परम आनंद मिलेगा।

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा। होय सिद्धि साखी गौरीसा।।

भगवान शंकर ने यह हनुमान चालीसा लिखवाया, इसीलिए वे साक्षी हैं कि जो इसे पढ़ेगा, उसे निश्चित ही सफलता प्राप्त होगी।

तुलसीदास सदा हरि चेरा। कीजै नाथ हृदय महँ डेरा।।

हे नाथ हनुमान जी, तुलसीदास सदा ही श्री राम के दास हैं, इसीलिए आप उसके हृदय में निवास कीजिए।

पवनतनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप। राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।।

हे संकट मोचन पवन कुमार, आप आनंद-मंगलों के स्वरूप हैं, हे देवराज, आप श्री राम, सीता जी, लक्ष्मण सहित मेरे हृदय में निवास कीजिए।

यह भी पढ़िये : बजरंग बाण

Download Hanuman Chalisa PDF

Download
TAGGED:hanuman chalisaHanuman Chalisa PDFPDF
Share This Article
Facebook Email Print
BySadhana Pandey
Follow:
A professional astrologer as well as a YouTuber. You can get accurate, complete and correct information about all the 'pujas', worship methods, rituals, beliefs etc. of Hindu religion on her YouTube channel "मार्ग दर्शन". Furthermore, you can stay updated about all the unbiased latest and breaking news of all across India and International on this website.
Previous Article Former Prime Minister Manmohan Singh Passes Away at 92 Former Prime Minister Manmohan Singh Passes Away at 92
Next Article शनिवार व्रत Shanivar Vrat Katha: शनिवार व्रत कथा, पूजा विधि, कब शुरू करें, उद्यापन
Leave a Comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

If the guidance is right then even a small lamp is no less than the sun..

Must Read

  • Savan 2025: सावन सोमवार व्रत की सम्पूर्ण विधि व पूजन विधि | तिथि सहित
    ~ Anushka Mishra
  • Gupt Navratri Day 1: इस मुहूर्त में करें घटस्थापना व माँ शैलपुत्री पूजन | पढ़े विधि
    ~ Anushka Mishra
  • Durga Saptshati (Sanskrit): पढ़े दुर्गा सप्तशती का अध्याय 3 | महिषासुर वध
    ~ Anushka Mishra
  • Gupt Navratri: नवरात्रि में 10 देवियों की महाविद्याओ की साधना, विस्तार से जानें
    ~ Anushka Mishra
  • Devshayani Ekadashi 2025: कब हैं देवशयनी एकादशी? सही तिथि व पूजा विधि
    ~ Anushka Mishra

About Us

This website being operated and owned by Marg Darshan India Private Limited.

Varanasi

[email protected]

Facebook Youtube Instagram Rss

Quick Links

  • Tyohar
  • Vrat
  • Vrat Katha
  • Aarti
  • Puja Vidhi
  • Technology
  • Business
  • Politics
  • PDFs

Important Links

  • Privacy Policy
  • Terms & Conditions
  • Disclaimer
  • About Us
  • Contact Us
  • Contact No.

Must Read

Savan 2025: सावन सोमवार व्रत की सम्पूर्ण विधि व पूजन विधि | तिथि सहित

Read More »

Gupt Navratri Day 1: इस मुहूर्त में करें घटस्थापना व माँ शैलपुत्री पूजन | पढ़े विधि

Read More »

Durga Saptshati (Sanskrit): पढ़े दुर्गा सप्तशती का अध्याय 3 | महिषासुर वध

Read More »

Gupt Navratri: नवरात्रि में 10 देवियों की महाविद्याओ की साधना, विस्तार से जानें

Read More »
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?