बजरंग बान एक प्रबल मंत्र है जो भगवान हनुमान की समर्पित है, जिसे सुरक्षा, ऊर्जा, और पराक्रम के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
यह व्यक्ति को नकारात्मक शक्तियों, संघर्षों और विरों से बचाता है।
बजरंग बान का जाप मानसिक स्थिति और आत्म-विश्वास में सुधार करता है, साथ ही नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करता है।
यह हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने का एक प्रभावशाली तरीका है, जो जीवन में सफलता, सुख, और बढ़ोतरी लाता है।
विशेष रूप से जब जीवन में कोई मुश्किल हो, तो यह मंत्र अद्वितीय सुरक्षा और सहायता प्रदान करता है।
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बजरंग बान
दोहा
निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान।
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥
चौपाई
जय हनुमंत संत हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी॥
जन के काज बिलंब न कीजै। आतुर दौरि महा सुख दीजै॥
जैसे कूदि सिंधु महिपारा। सुरसा बदन पैठि बिस्तारा॥
आगे जाय लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुरलोका॥
जाय बिभीषन को सुख दीन्हा। सीता निरखि परमपद लीन्हा॥
बाग उजारि सिंधु महँ बोरा। अति आतुर जमकातर तोरा॥
अक्षय कुमार मारि संहारा। लूम लपेटि लंक को जारा॥
लाह समान लंक जरि गई। जय जय धुनि सुरपुर नभ भई॥
अब बिलंब केहि कारन स्वामी। कृपा करहु उर अंतरयामी॥
जय जय लखन प्रान के दाता। आतुर ह्वै दुख करहु निपाता॥
जय हनुमान जयति बल-सागर।सुर-समूह-समरथ भट-नागर॥
ॐ हनु हनु हनु हनुमंत हठीले। बैरिहि मारु बज्र की कीले॥
ॐ ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीसा। ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर सीसा॥
जय अंजनि कुमार बलवंता।शंकरसुवन बीर हनुमंता॥
बदन कराल काल-कुल-घालक। राम सहाय सदा प्रतिपालक॥
भूत, प्रेत, पिसाच निसाचर। अगिन बेताल काल मारी मर॥
इन्हें मारु, तोहि सपथ राम की। राखु नाथ मरजाद नाम की॥
सत्य होहु हरि सपथ पाइ कै। राम दूत धरु मारु धाइ कै॥
जय जय जय हनुमंत अगाधा। दुख पावत जन केहि अपराधा॥
पूजा जप तप नेम अचारा। नहिं जानत कछु दास तुम्हारा॥
बन उपबन मग गिरि गृह माहीं। तुम्हरे बल हौं डरपत नाहीं॥
जनकसुता हरि दास कहावौ। ताकी सपथ बिलंब न लावौ॥
जै जै जै धुनि होत अकासा। सुमिरत होय दुसह दुख नासा॥
चरन पकरि, कर जोरि मनावौं। यहि औसर अब केहि गोहरावौं॥
उठु, उठु, चलु, तोहि राम दुहाई। पायँ परौं, कर जोरि मनाई॥
ॐ चं चं चं चं चपल चलंता। ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमंता॥
ॐ हं हं हाँक देत कपि चंचल। ॐ सं सं सहमि पराने खल-दल॥
अपने जन को तुरत उबारौ। सुमिरत होय आनंद हमारौ॥
यह बजरंग-बाण जेहि मारै। ताहि कहौ फिरि कवन उबारै॥
पाठ करै बजरंग-बाण की। हनुमत रक्षा करै प्रान की॥
यह बजरंग बाण जो जापैं। तासों भूत-प्रेत सब कापैं॥
धूप देय जो जपै हमेसा। ताके तन नहिं रहै कलेसा॥
दोहा
प्रेम प्रतीतिहिं कपि भजै। सदा धरैं उर ध्यान।।
तेहि के कारज तुरत ही, सिद्ध करैं हनुमान।।
बजरंग बाण के लाभ
बजरंग बाण के कई फायदे होते हैं, जो व्यक्ति के जीवन को सकारात्मक दिशा में प्रभावित करते हैं। मुख्य फायदे इस प्रकार हैं:
- शक्ति और पराक्रम: यह मंत्र मानसिक और शारीरिक शक्ति को बढ़ाता है, जिससे व्यक्ति में पराक्रम और आत्मविश्वास का विकास होता है।
- सुरक्षा: बजरंग बाण का जाप शत्रुओं और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करता है और व्यक्ति को संकटों से बचाता है।
- सकारात्मक ऊर्जा: यह मंत्र नकारात्मक ऊर्जा का नाश करके सकारात्मक ऊर्जा को प्रवाहित करता है।
- चुनौतियों पर प्रभाव: जीवन में चुनौतियाँ कम होती हैं और मानसिक शांति प्राप्त होती है।
- प्रभु हनुमान की कृपा: बजरंग बाण का जाप करने से भगवान हनुमान की विशेष कृपा प्राप्त होती है, जो जीवन में समृद्धि और सफलता लाती है।
यह मंत्र हर प्रकार के संकट और परेशानियों से मुक्ति प्रदान करता है।
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कब और कैसे करें बजरंग बाण का पाठ?
कब करें बजरंग बान का पाठ?
प्रातः काल
सुबह जल्दी उठकर बजरंग बाण का पाठ करना प्रात: काल में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। यह समय शांत और प्रेरणाशील होता है, जो मानसिक शांति प्रदान करता है।
हनुमान जयंती
हनुमान जयंती पर विशेष ध्यान देने से हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। यह पर्व भगवान हनुमान के प्रति अभिवादन और आदर्श प्रदर्शन का सर्वोत्तम मौका है।
इसीलिए हनुमान जयंती के दिन बजरंग बान का पाठ बड़ा ही उत्तम माना जाता हैँ।
किसी संकट के समय
जब जीवन में संकट आता है, तो बजरंग बाण का पाठ करना बहुत उपयोगी होता है।
यह व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक शक्ति प्रदान करता है, जिससे उसे संघर्ष के लिए तैयार बनाता है।
प्रतिदिन
नियमित रूप से बजरंग बाण का पाठ करने से जीवन में स्थिरता और सुरक्षा बनी रहती है।
इससे मानसिक शांति और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होने में मदद मिलती है।
कैसे करें बजरंग बान का पाठ?
शांत और साफ स्थान
बजरंग बान के पाठ के दौरान एक शांत और स्वच्छ स्थान का चयन करें।
इस समय बहुत ध्यान और भक्ति की आवश्यकता होती है।
हनुमान जी की पूजा
पहले भगवान हनुमान की पूजा करें। उन्हें फूल, सिन्दूर, और चाय या शहद विभिन्न अर्पण करें, फिर उनके सामने दीपक प्रज्ज्वलित करें।
मस्तिष्क से ध्यान
पाठ आरंभ करने से पहले भगवान हनुमान की पूजा करें और उनके ध्यान में एकाग्र हों।
अपनी श्रद्धा और निष्ठा को मस्तिष्क में स्थापित रखें।
पाठ का सही क्रम
बजरंग बाण का उच्चारण 108 बार या निश्चित संख्या में करें। यदि समय कम हो, तो 7 या 11 बार भी कर सकते हैं। पाठ के दौरान भगवान हनुमान के पादों पर मन ध्यानित रखें।
पाठ के बाद प्रार्थना
पाठ समाप्त होने पर भगवान हनुमान से आशीर्वाद मांगें और उन्हें आभारी होने का अनुभव कराएं। इसके बाद किसी गरीब को धान देना बहुत शुभ होता है।
जागरूकता और बजरंग बाण के सबसे सुन्दर करने से जीवन में ख़ुशी, सुरक्षा और सफलता की प्राप्ति होती है।
Frequently Asked Questions (faqs)
बजरंग बान क्या है?
बजरंग बान भगवान हनुमान के लिए एक शक्तिशाली मंत्र है, जिसका उपयोग मानसिक और शारीरिक ताकत प्राप्त करने, संकटों से मुक्ति प्राप्त करने, और शत्रुओं से सुरक्षा के लिए किया जाता है। यह मंत्र हनुमान की अनुग्रह प्राप्त करने के लिए एक प्रभावी तरीका है।
क्या हर दिन बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए?
जी हां, बजरंग बाण का नियमित अभ्यास जीवन में स्थिरता, सुरक्षा और मानसिक शांति को बनाए रखने में मददगार सिद्ध हो सकता है। हालांकि, खासकर संकट के समय इसे पढ़ने से बहुत लाभ हो सकता है।
क्या बजरंग बान का अभ्यास शारीरिक पवित्रता की आवश्यकता है?
पाठ करते समय, शरीर और मन की पवित्रता महत्वपूर्ण होती है। स्वच्छ स्थान पर और मानसिक शांति के साथ इसका अभ्यास करना चाहिए।
क्या हनुमान भक्तों को सिर्फ बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए?
नहीं, कोई भी व्यक्ति बजरंग बाण का पाठ कर सकता है। यह मंत्र सभी को सुरक्षा, शक्ति, और शांति देता है, विशेष रूप से वे लोग जो अपने जीवन में चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।
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