हिंदू धर्म में भगवान शिव की उपासना का विशेष महत्व है। भगवान शिव को भोलेनाथ कहा जाता है, क्योंकि वे थोड़ी-सी श्रद्धा और प्रेम से ही संतुष्ट हो जाते हैं। उनके व्रतों में सोलह सोमवार व्रत का विशेष महत्व है।
यह व्रत विशेष रूप से उन भक्तों द्वारा किया जाता है जो भगवान शिव की कृपा से अपनी इच्छाओं को पूरा करना चाहते हैं। सोलह सोमवार व्रत करने से विवाह में आने वाली कठिनाइयाँ दूर हो जाती हैं।
सुख-शांति और समृद्धि का आगमन होता है और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
16 सोमवार व्रत का महत्व
सोलह सोमवार व्रत का उल्लेख शिव पुराण और अन्य धार्मिक ग्रंथों में मिलता है। इस व्रत को भगवान शिव की खास दया प्राप्ति का सबसे सरल और प्रभावी तरीका माना जाता है।
जो व्यक्ति ईमानदारी से सोलह सोमवार व्रत करता है, उसकी सारी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं।
खासकर यह व्रत विवाह की देरी, पति-पत्नी के जीवन की समस्याएं दूर करता हैँ। साथ ही आर्थिक कठिनाइयों को दूर करने के लिए किया जाता है।
- शादी में आने वाली अवधारणाओं का समाधान
- खुशहाल और धनवान जोड़े का जीवन
- परिवार में खुशी और शांति का बास
- आरोग्य और समृद्धि का प्राप्त करना
- भगवान शिव का आशीर्वाद और विशेष दया
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सोलह सोमवार व्रत की शुरुवात
सोलह सोमवार व्रत किसी भी शुभ सोमवार से शुरू किया जा सकता है।
श्रावण मास (सावन) में इस व्रत का पालन करना बहुत शुभ माना जाता है । इस महीने में भगवान शिव को विशेष प्रिय माना जाता है।
इस माह में भगवान शिव की पूजा-अर्चना का महत्व काफी बढ़ जाता है।
सोलह सोमवार व्रत की विधि
सोलह सोमवार व्रत की पूजा विधि बहुत ही सरल और धार्मिक है। यह व्रत सोलह सोमवार तक सतत अंजाम दिया जाता है।
इस व्रत के दिन सुबह से शाम तक भगवान शिव की पूजा करके ही पूरा भोजन किया जाता है।
पूजन सामग्री
- पानी और दूध
- बेल की पत्तियां (तीन पत्तों वाला)
- सफेद चन्दन
- चावल के दाने (अक्षत)
- धूप और दीप
- फल और मिठाईया
- गंगाजल
- शिवलिंग (या घर में शिवजी की मूर्ति/चित्र)
- प्रसाद (पंचामृत, फल, मिठाई)
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पूजन विधि
स्नान और संकल्प:
प्रात: के समय स्नान करके शुद्ध वस्त्र पहनें।
भगवान शिव की ध्यान में रहते हुए, व्रत का निश्चय करें। निश्चय में घोषणा करें:
“ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जप करके सोलह सोमवार तक व्रत करने का संकल्प करें।
शिवलिंग की पूजा
पूजा स्थान पर शिवलिंग या भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित करें।
शिवलिंग पर पानी, दूध और गंगाजल छोड़ें।
चंदन, अक्षत, और बिल्वपत्र उपहार दें।
बेलपत्र भगवान शिव के लिए बहुत प्रिय होते हैं।ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें और अगरबत्ती जलाएँ।
शिव कथा का पाठ
सोलह सोमवार व्रत की कहानी सुनिए। यह कहानी भगवान शिव के महत्व और भक्तों पर उनकी अनुग्रह को प्रकट करती है।
आरती और प्रसाद
भगवान शिव की पूजा के बाद आरती करें।
स्वीकृति के तौर पर फल या मिठाई अर्पित करें और श्रद्धालुओं में वितरित करें।
व्रत का पालन
पूरे दिन भगवान शिव की ध्यान लगाएं और अनाहार रहें। शाम को पूजा के बाद व्रतभोजन करें।
सोलह सोमवार की प्रचलित कथा
सोलह सोमवार व्रत की कहानी इस प्रकार है:
प्राचीनकाल में एक नगर में धनी व्यापारी निवास करता था। उसके पास संबंध धन और संपत्ति की कोई कमी नहीं थी, परंतु कोई संतान नहीं थी। संतान के सुख के लिए उसने कई व्रत और पूजा की, परंतु कोई फायदा नहीं हुआ। एक दिन उसकी पत्नी ने एक साधु को देखा, जो भगवान शिव की महिमा का गान कर रहे थे। साधु ने बताया कि सोलह सोमवार व्रत करने से भगवान शिव आनंदित होते हैं और भक्तों की सभी इच्छाएँ पूरी होती हैं।
व्यापारी की पत्नी ने साधु के कहने पर इस व्रत की दृढ़ता से निश्चय लिया और सोलह सोमवार तक व्रत अनुसार आचरण किया। भगवान शिव की दया से उसे एक सुंदर और प्रभावशाली पुत्र प्राप्त हुआ। इस अद्वितीय घटना को देखकर नगर के अन्य निवासी भी सोलह सोमवार व्रत का पालन करने लगे। इसके बाद से इस व्रत का महत्व बढ़ गया और जिन भक्तों ने यह व्रत किया, उनकी सभी इच्छाएँ पूरी होने लगीं।
सोलह सोमवार व्रत के नियम
- उपवास के समय मन, वचन और कर्म से पवित्रता बनाए रखें।
- उपवास के दिन उपवासी को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
- शिवलिंग पर सिर्फ जल, दूध, और बेलपत्र चढ़ाएँ।
- उपवासी को तामसिक भोजन (मांस, मदिरा, लहसुन, प्याज) से दूर रहना चाहिए।
- किसी का अपमान न करें और असत्य न बोलें।
- पूरे उपवास के दौरान “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जप करते रहें।
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व्रत का समापन
इस व्रत की समाप्ति सोलहवें सोमवार को विशेष पूजा और हवन सहित की जाती है।
इस दिन भक्तगण भगवान शिव के लिए खास प्रसाद चढ़ाते हैं। गरीबों को भोजन, कपड़ा और दान का दान करना शुभ होता
उपसन्हार
सोलह सोमवार व्रत भगवान शिव की उपासना का एक पवित्र और अद्वितीय व्रत है। इसके सही भावना और निष्ठा के साथ अनुसरण से भक्तों को भगवान शिव की अनुग्रह मिलती है ।
व्रत करने वाले की सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं। यह व्रत विशेष रूप से उन श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण है जो विवाह, संतान की सुख, या आर्थिक कठिनाइयों से ग्रस्त हैं।
महादेव के आशीर्वाद से जीवन में खुशियां, शांति, और समृद्धि आती है।भगवान शिव की पूजा करें और “ॐ नमः शिवाय” का मन्त्र जपकर उनकी भक्ति में समर्पित रहें।
भोलेनाथ की अनुग्रह से आपके जीवन में सभी संकट दूर होंगे और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होगी।
अधिक जानकारी के लिए:- “सोलह सोमवार व्रत अधिक जानकारी ”