महाशिवरात्रि शिव भक्तों के लिए वरदान से कम नहीं है। पूरे वर्ष महाशिवरात्रि का इंतजार सभी शिव भक्त करते हैं। महाशिवरात्रि का पर्व हर साल फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है।
आज का दिन विशेष इसलिए माना जाता है क्योंकि आज के दिन ही भगवान महादेव का लिंग के रूप में प्रादुर्भाव हुआ था और इसी कारण से महादेव का यह दिन विशेष उत्सव के रूप में मनाया जाने लगा। वहीँ एक स्थान पर धर्म ग्रंथो से यह भी पता चलता है कि आज के दिन महादेव का विवाह माता पार्वती के साथ हुआ था और इसी कारण यह दिन और भी खास बन जाता है। महाशिवरात्रि के दिन सभी भक्त अपनी-अपनी इच्छा अनुसार महादेव को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं।
महाशिवरात्रि 2024 कब है | Mahashivratri 2024 Mein Kab Hai
फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ 08 मार्च को रात 09:57 पर होगा और चतुर्दशी तिथि की समाप्ति अगले दिन 09 मार्च को शाम 06:07 पर होगी।
इसी कारण शिवरात्रि 08 मार्च को मनाना उपयुक्त होगा क्योंकि महाशिवरात्रि की पूजा रात्रि को होती है और वह मुहूर्त हमें 08 मार्च को ही प्राप्त हो रहा है इसलिए 08 मार्च को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा।
महाशिवरात्रि व्रत के नियम | Mahashivratri Vrat Ke Niyam
(i). महाशिवरात्रि व्रत करने वाले व्यक्ति को सुबह ब्रह्म मुहूर्त में जग कर घर और मंदिर की सफाई कर लेना चाहिए।
(ii). महाशिवरात्रि के व्रत में भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए केवल जल और फल लेकर व्रत करना चाहिए।
(iii). महाशिवरात्रि व्रत के दौरान महादेव के मंत्रो का जाप करना ज़रूरी होता है तथा उनकी सबसे प्रिय पुस्तक शिव पुराण का पाठ करना भी श्रेष्ठ माना जाता है।
महाशिवरात्रि पूजा विधि | Mahashivratri Puja Vidhi
वैसे तो सभी को पता है कि महादेव फूल, बेलपत्र और एक लुटिया जल से ही प्रसन्न हो जाने वाले भगवान हैं परंतु महाशिवरात्रि के दिन भोलेनाथ की पूजा दिन के समय तो की जाती है परंतु रात की पूजा भी विशेष होती है जिसमें सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण पूजा मानी गई है चार पहर की पूजा, तो चलिए जान लेते हैं चार पहर की पूजा का शुभ मुहूर्त।
पहले पहर की पूजा का शुभ मुहूर्त
08 मार्च 2024 की शाम 06:25 से 09:28 तक
महाशिवरात्रि दूसरे पहर की पूजा का मुहूर्त
08 मार्च 2024 की रात 09:28 से 12:30 तक
महाशिवरात्रि तीसरे पहर की पूजा का मुहूर्त
09 मार्च 2024 सुबह 12:30 से 03:34 तक
महाशिवरात्रि चौथे पहर की पूजा मुहूर्त
09 मार्च 2024 सुबह 03:37 तक
चार पहर की पूजा का यह शुभ मुहूर्त नोट कर लें और इसके अनुसार ही महाशिवरात्रि पर पूजन करें।
महाशिवरात्रि व्रत में क्या खाएं क्या नहीं | Mahashivratri Vrat Mein Kya Khaye Kya Nahi
महाशिवरात्रि व्रत में व्रतधारी को सिर्फ व्रत वाला आहार लेकर पूरे दिन और रात रहना चाहिए तथा व्रत के दौरान महादेव के मंत्रो का अधिक से अधिक जप करते रहें।
व्रत में सेंधा नमक का प्रयोग भी किया जा सकता है परंतु ध्यान रहे कि अनाज का प्रयोग इस व्रत में नहीं किया जाता है।
महाशिवरात्रि व्रत में क्या दान करें
महाशिवरात्रि व्रत के दिन सुहाग की सामग्री दान करने से कुंवारी लड़कियों को मनवांछित पति की प्राप्ति होती है तथा सुहागिन स्त्रियों को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
व्रत करने वाले व्यक्ति को पारण से पहले अनाज का दान करना भी काफी श्रेष्ठ होता है।
महाशिवरात्रि व्रत का पारण करने की विधि
शिवरात्रि व्रत का पारण 09 मार्च को किया जाएगा। व्रत से पूर्व स्नान करके शिवलिंग का विसर्जन कर दें या घर में थोड़ी सी पूजा करके आरती कर लें, उसके बाद आप प्रसाद ग्रहण करके व्रत का पारण कर सकते हैं।
महाशिवरात्रि पर मनोकामना पूर्ति के उपाय
(i). भयानक कर्ज हो गया है या धन की समस्या बहुत विकट है तो शिवलिंग पर सवा लीटर (1.25 Litres) गन्ने का रस लेकर ” ओम नमः शिवाय “ कहते हुए अभिषेक करें इससे धन और कर्ज की समस्या दूर होती हैं।
(ii). संतान संबंधी बांधा आ रही है तो 11 दाने जौ (Barley) लेकर हरे पान के पत्ते पर रखकर आज के दिन महादेव को समर्पित करने से संतान प्राप्ति में आने वाली बांधाएं दूर होती हैं तथा संतान से जुड़ी किसी भी समस्या से परेशान हैं तो उस में भी राहत मिलती है।
(iii). शीघ्र और मनवांछित विवाह के लिए महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ और माता पार्वती का गठबंधन किया जाता है, मान्यता है कि ऐसा करने से माता पार्वती और भोलेनाथ की कृपा से शीघ्र ही विवाह का योग बन जाता है।
(iv). रोग भयंकर है, कोई रास्ता नहीं मिल रहा है निकलने का तो महाशिवरात्रि के दिन ब्राह्मण को बुलाकर रुद्राष्टाध्याई के मंत्रों द्वारा कुशा जल का अभिषेक कराने से इस भयंकर रोग से भी धीरे-धीरे मुक्ति मिलना प्रारंभ हो जाता है।
(v). महाशिवरात्रि की रात्रि को अपने घर में वाद्य यंत्रों के द्वारा भजन कीर्तन तथा जागरण करने से घर का पितृ दोष और वास्तु दोष धीरे-धीरे समाप्त हो जाता है।
(vi). कालसर्प दोष से पीड़ित हैं तो आज शिव मंदिर में जाकर चांदी या तांबे के दो नाग-नागिन महादेव के पास रखकर उनका पूजन कर लें। पूजन करने के बाद नाग-नागिन को बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें, इससे कालसर्प दोष जैसी समस्या से मुक्ति मिलने लगती है।
(vii). महाशिवरात्रि के दिन सुहागिन महिलाएं सुहाग की सामग्री माता पार्वती को चढ़ाकर किसी बड़ी उम्र की सुहागिन महिला को दान कर उनसे आशीर्वाद लें, इससे अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
धन्यवाद
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~ Sadhana Pandey