आज हम जानते है अगले तीन नक्षत्रो के बारे में आर्द्रा , पुनर्वसु और पुष्य नक्षत्र | पिछले अंक में आपने जाना कृतिका , रोहिणी और मृगशिरा नक्षत्र के बारे में | इस अंक में जानेगे अगले ३ नक्षत्रो आर्द्रा , पुनर्वसु और पुष्य के देव, पर्सनालिटी, करियर, प्रसिद्ध व्यक्ति और व्यवहार के बारे में |
आर्द्रा नक्षत्र
सबसे पहले हम आर्द्रा नक्षत्र के बारे में जानते है आर्द्रा नक्षत्र का प्रतीक आँसू है। यह नक्षत्र, मिथुन राशि में आता है | इस नक्षत्र का स्वामी राहु है और इसके देवता रुद्र (भगवान शिव का रौद्र रूप) माने जाते हैं। इस नक्षत्र में जन्मे लोगों पर राहु और बुध का प्रभाव रहता है | इस नक्षत्र के जातकों की आँखें बड़ी और आकर्षक होती हैं।
स्वभाव और विशेषताएँ
- ज़िम्मेदार और फोकस्ड:
- जातक बहुत ज़िम्मेदार होते हैं।
- वे अपने कार्यों की प्राथमिकताओं को अच्छी तरह समझते हैं।
- तेज़ सीखने वाले:
- ये जातक नई चीज़ें बहुत जल्दी और प्रभावी तरीके से सीख लेते हैं।
- उनकी ख़ासियत है कि वे व्यावहारिक समाधान सोचने में निपुण होते हैं।
- भावनाएँ और गुस्सा:
- इनके संवाद कौशल और हँसी-मज़ाक करने की कला से लोग आकर्षित होते हैं।
- हालांकि, कभी-कभी ये जल्दी गुस्सा कर बैठते हैं, जिससे उनके रिश्तों में तनाव हो सकता है।
जीवन में उतार-चढ़ाव
- सम्पत्ति और उपलब्धियाँ:
36 वर्ष की उम्र के बाद इनके जीवन में तरक्की और संपत्ति प्राप्ति की संभावनाएँ प्रबल होती हैं। - वैवाहिक जीवन:
पहली शादी में मानसिक समस्याएँ आ सकती हैं, लेकिन दूसरी शादी अधिक सफल रहती है। - काम और रुचियाँ:
- ये लोग एक काम में लंबे समय तक टिके रहना मुश्किल पाते हैं।
- आद्रा नक्षत्र के जातक छोटी चीज़ों को बड़ा बनाने की कला में माहिर होते हैं, चाहे वह हुनर हो, बिज़नेस हो, या कोई और टैलेंट।
आर्द्रा नक्षत्र की प्रसिद्ध हस्तियाँ
- नील आर्मस्ट्रॉन्ग
- स्टीव जॉब्स (एप्पल के संस्थापक)
नक्षत्र का सार
यह राहु का एक बहुत ही विशेष और प्रबल नक्षत्र है। इस नक्षत्र में जन्मे लोग साधारण चीज़ों को इतना बड़ा बना देते हैं कि पूरी दुनिया उनकी सराहना करती है।
पुनर्वसु नक्षत्र
अब आगे बढ़ते हैं और पुनर्वसु नक्षत्र के बारे में बात करते हैं। आकाश में स्थित 27 नक्षत्रों में से सातवां नक्षत्र है | यह नक्षत्र मिथुन राशि में आता है | इस नक्षत्र का स्वामी बृहस्पति (गुरु) है और इसके देवता अदिति हैं, जिन्हें देवताओं की माँ कहा जाता है।
प्रतीक और स्वभाव
- प्रतीक: इस नक्षत्र का प्रतीक धनुष और बाण है।
- प्रकृति और व्यवहार:
- पुनर्वसु नक्षत्र के जातक ज्योतिष और रहस्यमय विद्याओं में गहरी रुचि रखते हैं।
- ये लोग समस्याओं को सुलझाने और दूसरों की मदद करने में बहुत आनंदित होते हैं।
- संवेदनशील और भावुक स्वभाव के होते हैं, साथ ही दयालु और दूसरों की सहायता के लिए तत्पर रहते हैं।
पुनर्वसु नक्षत्र की रुचियाँ और करियर
- ये जातक शिक्षा, चिकित्सा और ज्योतिष के क्षेत्र में सफल हो सकते हैं।
- इन्हें सिखाने और सीखने का बहुत शौक होता है।
- ये न केवल अच्छे विद्यार्थी होते हैं, बल्कि बेहतरीन शिक्षक भी बन सकते हैं।
जीवन की चुनौतियाँ
- इन्हें रिश्तों का मूल्यांकन करने में दिक्कत होती है।
- पहली शादी में समस्याएँ हो सकती हैं।
प्रसिद्ध हस्तियाँ
- जावेद जाफरी
नक्षत्र का सार
पुनर्वसु नक्षत्र के जातक बेहद सृजनात्मक, संवेदनशील और प्रेरणादायक होते हैं। इन्हें सीखने और सिखाने की प्रक्रिया जीवन का अभिन्न हिस्सा लगती है।
पुष्य नक्षत्र
अब नक्षत्रों की रानी पुष्य नक्षत्र का समय है। इसे सभी नक्षत्रों की रानी कहा जाता है। पुष्य नक्षत्र का प्रतीक गाय का थन है। इस नक्षत्र का स्वामी शनि ग्रह है, और यह शनि का पहला नक्षत्र है। इस नक्षत्र के देवता बृहस्पति माने जाते हैं।
पुष्य नक्षत्र के जातकों के गुण और स्वभाव
- दूसरों का दर्द समझने की क्षमता:
- पुष्य नक्षत्र के लोग दूसरों के दुख और तकलीफों को बहुत जल्दी समझ जाते हैं।
- ये स्वभाव से दयालु होते हैं और दूसरों के लिए अच्छा करने की भावना रखते हैं।
- परिवार का उत्थान:
- जिस घर में इनका जन्म होता है, वहां इनकी वजह से परिवार के लोग तरक्की करते हैं।
- इनके परिवार के सदस्य अपने कार्यों में सफल होते हैं और उनका जीवन स्तर बेहतर होता है।
- त्याग की प्रवृत्ति:
- दूसरों की भलाई के लिए ये अपने आप को नुकसान पहुंचाने या अपनी भावनाओं को चोटिल करने से भी नहीं हिचकिचाते।
- ये अपने परिवार के प्रति इतने रक्षात्मक हो जाते हैं कि कभी-कभी उनका परिवार ही उनकी प्रगति में बाधा बन जाता है।
पुष्य नक्षत्र में रिश्ते और विवाह
- प्रेम संबंधों में धोखा:
प्रेम में इन लोगों के साथ धोखा होने की संभावना अधिक होती है। - विवाह:
- इनके लिए अरेंज्ड मैरिज अधिक सफल होती है।
- लव मैरिज में लड़ाई-झगड़े की संभावना अधिक रहती है।
व्यवसाय और स्वास्थ्य
- व्यवसाय:
- होटल और खाद्य उद्योग में इनके लिए बहुत अच्छे अवसर होते हैं।
- इनका व्यवसायिक दृष्टिकोण बेहतरीन होता है।
- स्वास्थ्य:
- सर्दियों में इन्हें माइग्रेन, सिरदर्द, खांसी और जुकाम जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
पुष्य नक्षत्र की महिलाओं के विशेष गुण
- अगर कोई महिला इस नक्षत्र में जन्मी है, तो उसका दृष्टिकोण बहुत सकारात्मक होता है।
- चाहे कितनी भी बड़ी समस्या क्यों न हो, उनका रवैया यह रहता है कि “सब ठीक हो जाएगा।”
- हालांकि, ये कभी-कभी अपनी भावनाओं में बहकर गलत निर्णय ले लेती हैं, लेकिन 34 वर्ष की आयु के बाद ये अधिक स्थिर और समझदार हो जाती हैं।
जीवन में चुनौतियां और समस्याएं
- बचपन में, एक या दो बार ऐसा हो सकता है कि इन्हें किसी काम या समस्या को हल करने में असमर्थता महसूस हो।
- हालांकि, आमतौर पर ये हर तरह की समस्याओं को सुलझाने में निपुण होते हैं।
प्रसिद्ध हस्तियाँ
- चंद्रगुप्त मौर्य
- लोकमान्य तिलक
पुष्य नक्षत्र का सार
पुष्य नक्षत्र के जातक बेहद दयालु, त्यागी और समस्याओं को हल करने में निपुण होते हैं। साथ ही ये अपने परिवार के लिए अत्यधिक रक्षात्मक होते हैं और दूसरों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। जीवन में प्रेम और रिश्तों में चुनौतियों के बावजूद, इनकी सकारात्मकता और समर्पण इन्हें अद्वितीय बनाते हैं।
इस प्रकार इस अंक में हमने जाना ३ नक्षत्रो आर्द्रा , पुनर्वसु और पुष्य के देव, पर्सनालिटी, करियर, प्रसिद्ध व्यक्ति और व्यवहार के बारे में | अगले अंक में हम जानेगे अगले ३ नक्षत्रो बारे में |