मकर संक्रांति हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है। इस दिन सूर्य देव धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं और उत्तरायण होते हैं। यह एक ऐसा अवसर है जब लोग अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने और पुण्य कर्म करने का संकल्प लेते हैं।मकर संक्रांति 2025:साल 2025 में मकर संक्रांति 14 जनवरी, मंगलवार को मनाई जाएगी। इस दिन सूर्य देव सुबह 9:03 बजे मकर राशि में प्रवेश करेंगे।मकर संक्रांति का महत्व:सूर्य देव की पूजा: इस दिन सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि सूर्य देव सभी ग्रहों के देवता हैं और उनके आशीर्वाद से सभी कार्य सिद्ध होते हैं।पुण्य काल: मकर संक्रांति के दिन एक विशेष समय होता है, जिसे पुण्य काल कहा जाता है। इस समय में दान, स्नान और पूजा करने से विशेष फल मिलता है।नई शुरुआत: मकर संक्रांति को नई शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। इस दिन लोग नए काम शुरू करते हैं और नए लक्ष्य निर्धारित करते हैं।ऋतु परिवर्तन: मकर संक्रांति के साथ ही ऋतु परिवर्तन होता है और सर्दी का मौसम समाप्त होकर गर्मी का मौसम शुरू होता है।कृषि का त्योहार: मकर संक्रांति किसानों के लिए भी एक महत्वपूर्ण त्योहार है। इस दिन किसान अपनी फसल की कटाई करते हैं और देवताओं को भोग लगाते हैं।मकर संक्रांति की पूजा विधि:स्नान: सुबह जल्दी उठकर गंगा या किसी अन्य पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए।पूजा: सूर्य देव की पूजा करने के लिए तांबे के लोटे में जल भरकर सूर्य देव को अर्घ्य दें।दान: मकर संक्रांति के दिन दान करना बहुत शुभ माना जाता है। आप गरीबों को भोजन, कपड़े और दवाइयां दान कर सकते हैं।तिल और गुड़: इस दिन तिल और गुड़ का सेवन करना बहुत शुभ माना जाता है।कच्चे आम का प्रसाद: कुछ क्षेत्रों में मकर संक्रांति के दिन कच्चे आम का प्रसाद चढ़ाया जाता है।मकर संक्रांति के त्योहार का विभिन्न राज्यों में नाम:पंजाब: मकर संक्रांति को पंजाब में लोहड़ी के नाम से मनाया जाता है।तमिलनाडु: तमिलनाडु में मकर संक्रांति को पोंगल के नाम से मनाया जाता है।आंध्र प्रदेश: आंध्र प्रदेश में मकर संक्रांति को भोगी के नाम से मनाया जाता है।गुजरात: गुजरात में मकर संक्रांति को उत्तरायण के नाम से मनाया जाता है।मकर संक्रांति का महत्व (विस्तार से):धार्मिक महत्व: मकर संक्रांति हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन सूर्य देव की पूजा की जाती है और मान्यता है कि सूर्य देव के आशीर्वाद से सभी कार्य सिद्ध होते हैं।ज्योतिषीय महत्व: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं। यह एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है और इसका प्रभाव मानव जीवन पर पड़ता है।सांस्कृतिक महत्व: मकर संक्रांति भारत की विभिन्न संस्कृतियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस दिन लोग विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करते हैं।आर्थिक महत्व: मकर संक्रांति किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है। इस दिन किसान अपनी फसल की कटाई करते हैं और देवताओं को भोग लगाते हैं।सामाजिक महत्व: मकर संक्रांति एक ऐसा त्योहार है जो लोगों को एक साथ लाता है। इस दिन लोग मिलकर खाना बनाते हैं और खाते हैं।मकर संक्रांति के बारे में कुछ रोचक तथ्य:मकर संक्रांति को भारत के अलावा नेपाल, बांग्लादेश और भूटान में भी मनाया जाता है।मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाना एक लोकप्रिय गतिविधि है।मकर संक्रांति के दिन तिल और गुड़ का सेवन करने से स्वास्थ्य लाभ होता है।मकर संक्रांति के दिन दान करने से पुण्य मिलता है।मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव को अर्घ्य देने से मन शांत होता है।
मकर संक्रांति
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